विज्ञान में लैंगिक विषमता दूर करने के लिए हेल्पलाइन

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विज्ञान के क्षेत्र में लैंगिक समानता को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के मौके पर तीन नई परियोजनाओं की घोषणा की गई है। इन परियोजनाओं में जेंडर एडवाँसमेंट फॉर ट्रांसफॉर्मिंग इंस्टिट्यूशन्स, विज्ञान ज्योति और महिलाओं के लिए विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी पर केंद्रित पोर्टल शामिल हैं।

नई दिल्ली। (इंडिया साइंस वायर): विज्ञान के क्षेत्र में लैंगिक विषमता दूर करने के लिए चलायी जा रही योजनाओं के साथ अब एक नई हेल्पलाइन भी महिलाओं के लिए शुरू की गई है। यह हेल्पलाइन महिला शोधकर्ताओं, छात्रों, उद्यमियों और वैज्ञानिकों को उनके सवालों के जवाब देने के अलावा विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के कार्यक्रमों एवं योजनाओं से संबंधित शंकाएं दूर करने में मदद कर सकती है। 

विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में शिक्षा, शोध, अध्येतावृत्ति, उद्यमिता एवं प्रशिक्षण समेत करियर से जुड़ी विभिन्न योजनाओं के बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए महिलाएं हेल्पलाइन नंबर 011-26565285 पर कॉल कर सकती हैं। वर्तमान में यह हेल्पलाइन कार्यदिवसों के दौरान सुबह 09:30 से शाम 05:30 तक उपलब्ध होगी। 

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अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर विज्ञान और प्रौद्योगिकी, स्वास्थ्य एवं पृथ्वी विज्ञान मंत्री डॉ हर्ष वर्धन ने यह हेल्पलाइन शुरू करते हुए कहा है-“यह हेल्पलाइन विज्ञान के क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के उद्देश्य से शुरू की गयी है। यह हेल्पलाइन महिलाओं को अपनी क्षमता के बेहतर उपयोग और करियर में आगे बढ़ने से जुड़ी बाधाओं से निपटने में मददगार हो सकती है।”

डॉ हर्ष वर्धन ने कहा, “लैंगिक समता को प्रोत्साहन देने वाले देशों में विकास की दर अधिक होती है। महिला वैज्ञानिकों को प्रोत्साहित करने के लिए कई योजनाएं और अध्येतावृत्तियां शुरू की गई हैं जो उन्हें विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में आगे बढ़ने में मदद कर सकती हैं। भारत में विज्ञान के क्षेत्र में तेजी से उभरती महिलाएं जैव-प्रौद्योगिकी जैसे विषयों में विशेष रूप से छाप छोड़ रही हैं।” 

विज्ञान के क्षेत्र में लैंगिक समानता को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के मौके पर तीन नई परियोजनाओं की घोषणा की गई है। इन परियोजनाओं में जेंडर एडवाँसमेंट फॉर ट्रांसफॉर्मिंग इंस्टिट्यूशन्स (गति), विज्ञान ज्योति और महिलाओं के लिए विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी पर केंद्रित पोर्टल शामिल हैं। 

विज्ञान ज्योति का उद्देश्य विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित (स्टेम) जैसे विषयों में मेधावी छात्राओं को उच्च शिक्षा में आगे बढ़ने के लिए प्रशिक्षित करना है। गति परियोजना स्टेम विषयों में लैंगिक समानता का मूल्यांकन करने के लिए एक व्यापक रूपरेखा विकसित करने के लिए शुरू की गई है। इसके अलावा, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी पर केंद्रित पोर्टल पर महिलाओं पर केंद्रित योजनाओं, छात्रवृत्ति, अध्येतावृत्ति और विशेषज्ञों से करियर सलाह मिल सकती है।

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विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के सचिव प्रोफेसर आशुतोष शर्मा ने विज्ञान ज्योति योजना की जानकारी देते हुए कहा कि “इस कार्यक्रम के अंतर्गत देश के 500 से अधिक जिलों से चयनित महिलाओं को आईआईटी, एनआईटी और अन्य अग्रणी संस्थानों में, जहां महिलाओं का प्रतिनिधित्व पर्याप्त नहीं है, वहां उनको विज्ञान विषयों में करियर बनाने में मदद की जाएगी।”

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के स्वायत्त संगठन टेक्नोलॉजी इन्फोरमेशन फॉर कास्टिंग एंड एसेसमेंट काउंसिल (टाईफैक) द्वारा आयोजित एक अन्य समारोह में न्यायमूर्ति प्रतिभा एम. सिंह ने महिला वैज्ञानिकों की स्कीम-सी (किरण आईपीआर) की सराहना की और कहा कि  विज्ञान के क्षेत्र में महिलाओं की भूमिका बढ़ाने की आवश्यकता है। 

(इंडिया साइंस वायर)

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