फिट लोगों को भी हो रहा है हार्ट अटैक, इस तरह बचा सकते हैं जान

how to avoid heart attack
शुभा दुबे । Feb 25 2018 1:20PM

फिल्मी सितारे जोकि अपने स्वास्थ्य को लेकर सबसे ज्यादा जागरूक होते हैं और नियमित कई घंटे जिम में बिताते हैं, खानपान को लेकर सजग रहते हैं यदि उन्हें भी अपनी सेहत की परवाह ना करने वालों की तरह हृदयाघात आये तो आश्चर्य होना लाजिमी है।

बॉलीवुड अभिनेत्री श्रीदेवी का 54 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। उनका निधन जहां बड़े दुख की बात है वहीं उनके जैसी फिट अभिनेत्री को हृदयाघात आना चौंकाता भी है क्योंकि वह रोजाना दो घंटे वॉक जरूर करती थीं और अपने खानपान और सेहत को लेकर काफी जागरूक थीं। इससे पहले पिछले साल जुलाई में फिल्म अभिनेता इंद्र कुमार का हृदयाघात से मात्र 43 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। फिल्मी सितारे जोकि अपने स्वास्थ्य को लेकर सबसे ज्यादा जागरूक होते हैं और नियमित कई घंटे जिम में बिताते हैं, खानपान को लेकर सजग रहते हैं यदि उन्हें भी अपनी सेहत की परवाह ना करने वालों की तरह हृदयाघात आये तो आश्चर्य होना लाजिमी है। 

हार्ट अटैक के दौरान लक्षण आमतौर पर आधा घंटे तक या इससे अधिक समय तक रहते हैं। लक्षणों की शुरूआत मामूली दर्द से लेकर गंभीर दर्द तक पहुंच सकती है। कुछ लोगों का हार्ट अटैक का कोई लक्षण सामने नहीं आता, जिसे हम साइलेंट मायोकार्डियल इंफेक्शन अर्थात एमआई कहते हैं। ऐसा उन लोगों में होता है, जो डायबिटिज से पीड़ित हैं। 

हृदयाघात किसी को कभी भी आ सकता है और ज्यादातर मामलों में यह देखने में आया है कि यह देर रात को आया। ऐसे में सोये हुए अन्य लोगों को यह पता भी नहीं चल पाता कि दूसरे व्यक्ति को हृदयाघात हुआ है और उसकी मृत्यु हो सकती है या हो चुकी है। डॉक्टरों का कहना है कि हृदयाघात ऐसी अवस्था होती है जिसके शुरुआती चरण में यदि सतर्कता दिखाई जाये तो व्यक्ति की जान बचायी जा सकती है। आइए आज कुछ ऐसे ही उपायों पर नजर डालते हैं-

-सबसे पहले तो इस बात का खास ख्याल रखें कि जिसको हार्ट अटैक आया है उसे घेर कर नहीं खड़े हों और मरीज को लंबी सांस लेने को कहें। उसके आसपास की हवा मिले इस पर ध्यान दें।

-डॉक्टरों के मुताबिक हार्ट अटैक आने पर रोगी को उल्टी जैसा महसूस होता है तो उसे एक तरफ मुड़ कर उल्टी करने को कहना चाहिए नहीं तो उल्टी फेफड़ों में भर सकती है।

-जब तक डॉक्टर आ रहा है या आप रोगी को अस्पताल ले जाने का इंतजाम कर रहे हैं तब तक रोगी की पल्स रेट चेक कर लें। यदि ब्लड प्रेशर बहुत तेजी से गिर रहा हो तो रोगी को इस तरह लिटा देना चाहिए कि सर नीचे रहे और पैर थोड़ा ऊपर की और उठे हुए हों। ऐसा करने से पैरों से रक्त की सप्लाई सीधे दिल को होगी और ब्लड प्रेशर सामान्य हो जायेगा।

-एस्प्रिन खून का थक्का बनने से रोकती है इसलिए रोगी को तुरंत एस्प्रिन या डिस्प्रिन दें लेकिन इसके बारे में अपने डॉक्टर से परामर्श जरूर कर लें।

-पल्स रेट एकदम से कम हो जाने पर रोगी की छाती पर हथेली से दबाव देना चाहिये इससे राहत मिलती है। लेकिन ध्यान रखें कि यदि आपने गलत तरह से दबाव दिया तो दिक्कत बढ़ सकती है। इसके लिए आजकल सभी अस्प्तालों में इस विशेष क्रिया का अभ्यास निःशुल्क कराया जाता है। साथ ही सरकार की ओर से भी इसके अभ्यास के लिए कैम्प लगते हैं। ऐसे अभ्यासों के प्रति जागरूकता बढ़ाई जानी चाहिए। हालांकि आपको इस अभ्यास संबंधी सारी जानकारी यूट्यूब पर भी मिल जायेगी लेकिन यदि डॉक्टरों की निगरानी में इसका अभ्यास करेंगे तो ज्यादा फायदेमंद रहेगा।

-जब मरीज को अस्पताल में ले जा रहे हों तो उसे बिठाने की बजाय सीधा लिटा दें और कुछ भी खाने के लिए नहीं दें।

हार्ट अटैक के लक्षणों के बारे में भी जानकारी रखनी चाहिए ताकि यदि खुद को यह समस्या हो या किसी अन्य में यह समस्या देखें तो डॉक्टर से समय पर परामर्श किया जा सके।

- यदि सीने में हल्का दर्द हो।

- यदि सांस लेने में दिक्कत हो।

- यदि लो या हाई ब्लड प्रेशर हो।

- यदि अधिक पसीना आ रहा हो।

- यदि काफी कमजोरी महसूस हो रही हो।

- यदि तनाव और घबराहट जैसा महसूस हो रहा हो।

- शुरूआत में उल्टी आ रही हो और बेचैनी जैसा महसूस हो रहा हो।

- यदि एकदम से चक्कर जैसे आ रहे हों।

-शुभा दुबे

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