कैसी होगी भविष्य की दुनिया यह भावी वैज्ञानिकों पर निर्भर

How will the future world be dependent on future scientists?

मणिपुर विश्वविद्यालय के उप-कुलपति प्रो. आद्याप्रसाद पांडेय ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि “हमारे इन भावी वैज्ञानिकों पर निर्भर करता है कि भविष्य की दुनिया कैसी होगी। किसी भी देश और समाज के विकास के लिए विज्ञान जरूरी है।

उमाशंकर मिश्र/इंडिया साइंस वायर: ज्ञान सिर्फ अपने लिए है तो इसका कोई उपयोग नहीं है, बल्कि इसका उपयोग समाज के विकास के लिए होना चाहिए। यदि आप शिक्षित हैं तो आपकी शिक्षा का लाभ समाज के उन लोगों को भी जरूर मिलना चाहिए, जिन लोगों को अभी तक विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी का भरपूर लाभ नहीं मिल सका है। यह बात नागालैंड के राज्यपाल पी.बी. आचार्य ने कही है। वह मणिपुर विश्वविद्यालय में 16-20 मार्च तक चलने वाले भारतीय विज्ञान कांग्रेस के दूसरे दिन राष्ट्रीय किशोर विज्ञान कांग्रेस को संबोधित कर रहे थे।

इस अवसर पर देश भर से एक राष्ट्रीय प्रतियोगिता के तहत चुनकर आए दस प्रतिभाशाली किशोर वैज्ञानिकों को उनके उत्कृष्ट वैज्ञानिक कार्यों एवं विज्ञान आधारित मॉडल्स के लिए वर्ष 2017-18 के इन्फोसिस फाउंडेशन-इस्का ट्रैवल अवार्ड से सम्मानित किया गया है। 

मणिपुर विश्वविद्यालय के उप-कुलपति प्रो. आद्याप्रसाद पांडेय ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि “हमारे इन भावी वैज्ञानिकों पर निर्भर करता है कि भविष्य की दुनिया कैसी होगी। किसी भी देश और समाज के विकास के लिए विज्ञान जरूरी है। इसी को ध्यान में रखते हुए इस बार भारतीय विज्ञान कांग्रेस की थीम रीचिंग टू अनरीच्ड थ्रू साइंस ऐंड टेक्नोलॉजी रखी गई है। इसका मकसद विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के उपयोग से समाज के उन वर्गों को विकास की रोशनी से रूबरू कराया जा सके, जिन तक अभी नहीं पहुंचा जा सका है। इस लिहाज से देखें तो दूरदराज में स्थित मणिपुर को विज्ञान कांग्रेस के लिए चुना जाना एक सार्थक पहल कही जा सकती है।”

भारतीय विज्ञान कांग्रेस संघ (इस्का) के अध्यक्ष श्री ए.के. सक्सेना ने इंडिया साइंस वायर को बताया कि "इस वर्ष विज्ञान कांग्रेस में भाग लेने के लिए पहले से अधिक बच्चों को आमंत्रित किया गया है। इस बार करीब 7000 बच्चे राष्ट्रीय किशोर विज्ञान कांग्रेस में शामिल हो रहे हैं। देश भर से आए बच्चों ने विज्ञान कांग्रेस के प्रदर्शनी हॉल में अपने उत्कृष्ट मॉडल प्रदर्शित किए हैं।" 

पुरस्कृत किए गए छात्रों में शाइन एकेडेमी, सिकंद्राबाद की अंजलि कुमारी, तेलांगना की राजीव गांधी यूनिवर्सिटी ऑफ नॉलेज टेक्नोलॉजी तन्नेरू युराज एवं कर्णम सत्या प्रसन्न कुमार, देहरादून स्थित रिवेरियन पब्लिक स्कूल की शिखा टम्टा एवं सपना धीमान, सेठ आनंदराम जयपुरिया स्कूल, कानपुर की यशी गुप्ता, सेंट एन्स हाईस्कूल, सिकंद्राबाद की छात्रा जी. लक्ष्मी प्रिया, पी. सुधीक्षा एवं जी. रिशिता और जेड.पी. हाईस्कूल, अनंतपुर के अमरनाथ रेड्डी शामिल थे। 

भारतीय विज्ञान कांग्रेस के साथ-साथ हर साल बच्चों के लिए अलग से विज्ञान कांग्रेस का आयोजन किया जाता है, जिसे राष्ट्रीय किशोर वैज्ञानिक कांग्रेस के रूप में जाना जाता है। विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में छात्रों के वैज्ञानिक दृष्टिकोण को बढ़ावा देने और उनकी प्रतिभा को विस्तार देने के लिए यह आयोजन पूरे देश के 10-17 वर्ष के छात्रों को अनूठा अवसर प्रदान करता है।

इस्का के महासचिव प्रो. गंगाधर ने बताया कि “अधिक संख्या में किशोर वैज्ञानिकों को शामिल करने के लिए विज्ञान की 14 श्रेणियों में ये पुरस्कार प्रदान किए जाते हैं। इसके साथ-साथ इन सभी वर्गों के अंतर्गत दो पोस्टर अवार्ड भी दिए जाते हैं।” 

प्रो. गंगाधर ने बताया कि “इस साल पहली बार विज्ञान कांग्रेस में साइंस मॉडल प्रतियोगिता भी आयोजित की गई है। इसमें विज्ञान कांग्रेस संघ की देश भर में फैली प्रत्येक 29 शाखाओं से दो छात्रों को चुना गया है। इसका उद्देश्य ज्यादा से ज्यादा लोगों के बीच वैज्ञानिक सोच को बढ़ावा देना है, जिसके लिए देश भर में सेमीनार, लेक्चर, वाद-विवाद प्रतियोगिताएं और प्रदर्शनी इत्यादि गतिविधियां आयोजित की जाती हैं।” 

इस अवसर पर मौजूद मणिपुर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और खादी ग्रामोद्योग विभाग के चेयरमैन राधाकिशोर ने कहा कि “संसाधनों के कुशलतापूर्वक प्रयोग, जलवायु परिवर्तन एवं प्रदूषण जैसी चुनौतियों से लड़ने में इन युवा वैज्ञानिकों की भूमिका उपयोगी साबित हो सकती है।”

(इंडिया साइंस वायर)

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