मौसम पूर्वानुमान के लिए भारत के पास विश्व का चौथा बड़ा सुपर कंप्यूटर

India has the world''s fourth largest supercomputer for weather forecasts

ब्रिटेन, जापान और अमेरिका के बाद भारत मौसम एवं जलवायु निगरानी संबंधी कार्यों के लिए एचपीसी क्षमता वाला चौथा प्रमुख देश बन गया है। ब्रिटेन 20.4 पेटाफ्लॉप की सर्वाधिक एचपीसी क्षमता वाला देश है।

पुणे, (इंडिया साइंस वायर): जलवायु निगरानी एवं मौसम पूर्वानुमान के लिए कंप्यूटिंग क्षमता में उल्लेखनीय बढ़ोत्तरी करके भारत अब विश्व में चौथे पायदान पर पहुंच गया है। केंद्रीय पृथ्वी विज्ञान मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने सोमवार को पुणे स्थित भारतीय उष्णदेशीय मौसम विज्ञान संस्थान में ‘प्रत्युष’ नामक सुपर कंप्यूटर सिस्टम का उद्घाटन किया है। इस सुपर कंप्यूटर की हाई परफॉर्मेंस कंप्यूटिंग (एचपीसी) क्षमता 6.8 पेटाफ्लॉप है, जो कई अरब गणनाएं एक सेकेंड में कर सकता है। 

ब्रिटेन, जापान और अमेरिका के बाद भारत मौसम एवं जलवायु निगरानी संबंधी कार्यों के लिए एचपीसी क्षमता वाला चौथा प्रमुख देश बन गया है। ब्रिटेन 20.4 पेटाफ्लॉप की सर्वाधिक एचपीसी क्षमता वाला देश है। वहीं, जापान की एचपीसी क्षमता 20 पेटाफ्लॉप और अमेरिका की 10.7 पेटाफ्लॉप है। 

इससे पहले एक पेटाफ्लॉप की क्षमता के साथ भारत आठवें स्थान पर बना हुआ था। इस सुपर कंप्यूटर के आने के बाद भारत ने कोरिया (4.8 पेटाफ्लॉप), फ्रांस (4.4 पेटाफ्लॉप) और चीन (2.6 पेटाफ्लॉप) को पीछे छोड़ दिया है। कंप्यूटिंग क्षमता में वृद्धि होने से मौसम, जलवायु एवं महासागरों पर केंद्रित भारतीय उष्णदेशीय मौसम विज्ञान संस्थान द्वारा दी जा रही सेवाओं में सुधार हो सकेगा।

इस तरह की कंप्यूटिंग क्षमता की मदद से भारतीय मौसम विभाग वर्ष 2005 में मुंबई की बाढ़, वर्ष 2013 की केदारनाथ आपदा या फिर वर्ष 2015 में आई चेन्नई की बाढ़ जैसी जटिल मौसमी घटनाओं के बारे में सटीक पूर्वानुमान आसानी से लगा पाएगा। इसकी मदद से समुद्री तूफानों का पूर्वानुमान भी समय रहते लगाया जा सकेगा। इस बात की भी सटीक जानकारी मिल सकेगी कि तूफान कहां पर तट को पार कर सकता है। इस सुपर कंप्यूटर की मदद से मिलने वाली मौसमी बदलाव एवं मानसून से जुड़ी जानकारियां किसानों एवं मछुआरों के लिए खासतौर पर उपयोगी हो सकती हैं। 

सुपर कंप्यूटर की 6.8 पेटाफ्लॉप एचपीसी क्षमता में से चार पेटाफ्लॉप पुणे के उष्णदेशीय मौसम विज्ञान संस्थान और शेष 2.8 पेटाफ्लॉप कंप्यूटिंग क्षमता पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के अंतर्गत कार्यरत नोएडा स्थित राष्ट्रीय मध्यम अवधि मौसम पूर्वानुमान केंद्र में स्थापित की गई है। 

इस कंप्यूटिंग क्षमता का लाभ अन्य संस्थानों को भी मिल सकेगा। इस तंत्र की मदद से पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के राष्ट्रीय महासागर सूचना सेवा केन्द्र के अंतर्गत कार्यरत सुनामी चेतावनी केंद्र द्वारा की जाने वाली सुनामी से जुड़ी भविष्यवाणी में भी सुधार हो सकेगा। 

डॉ. हर्षवर्धन ने 450 करोड़ रुपये की लागत से स्थापित इस सुपर कंप्यूटर तंत्र को राष्ट्र को समर्पित करते हुए कहा कि “कंप्यूटिंग क्षमता में सुधार होने से पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के विविध सामाजिक अनुप्रयोगों में मदद मिल सकेगी। इससे पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के अलावा अकादमिक संस्थानों में भी पृथ्वी विज्ञान संबंधी शोध गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा।”

डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि “पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय की कोशिश मौसम, जलवायु, महासागर और भूकम्प विज्ञान के क्षेत्र में विश्व स्तर की सेवाएं प्रदान करने और लगातार अपनी अनुसंधान गतिविधियों एवं अन्य बुनियादी सुविधाओं का उन्नयन करने की रही है। गत 10 वर्षों के दौरान एचपीसी की क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। यह क्षमता वर्ष 2008 में 40 टेराफ्लॉप थी, जो बढ़कर वर्ष 2013-14 में एक पेटाफ्लॉप हुई और अब यह बढ़कर अपने मौजूदा स्तर तक पहुंची है।”

इंडिया साइंस वायर से बातचीत में पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के सचिव डॉ माधवन नायर राजीवन ने स्वीकार किया है कि “कंप्यूटिंग क्षमता में सुधार एक आवश्यक शर्त थी। हमें इस बात का आभास है कि कंप्यूटिंग क्षमता के विस्तार के साथ-साथ हमें ज्यादा प्रभावी मॉडल्स, विभिन्न स्तरों पर विस्तृत आंकड़ों और शिक्षित श्रम बल की आवश्यकता होगी। हम उन पर समानांतर रूप से काम कर रहे हैं। उम्मीद करनी चाहिए कि सुपर कंप्यूटर के लाभ भी समय के साथ बढ़ते रहेंगे।" (इंडिया साइंस वायर)”

भाषांतरण: उमाशंकर मिश्र

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