देशभर के 60 नवाचारी छात्रों को इंस्पायर-मानक पुरस्कार

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प्रोफेसर आशुतोष शर्मा के अनुसार, “यह योजना सिर्फ पुरस्कार पर केंद्रित नहीं है, बल्कि यह एक इन्क्यूबेशन कार्यक्रम है, जहां नवाचारी छात्रों को प्रोत्साहित और प्रशिक्षित किया जाता है, ताकि वे विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में आगे बढ़ सकें।

नयी दिल्ली। (इंडिया साइंस वायर): देश के विभिन्न राज्यों से आये 800 से अधिक नवाचारी छात्र इन दिनों राजधानी दिल्ली में एकजुट हुए हैं। ये छात्र ‘इंस्पायर-मानक पुरस्कार’ योजना के तहत 7वीं राष्ट्रीय स्तरीय प्रदर्शनी एवं परियोजना प्रतियोगिता (एनएलईपीसी) में शामिल होने के लिए यहां पहुंचे हैं। आईआईटी-दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान इस बार एनएलईपीसी में भाग लेने वाले शीर्ष 60 नवाचारी छात्रों को इंस्पायर-मानक पुरस्कार प्रदान किया गया है। बच्चों द्वारा प्रस्तुत किए गए अधिकतर परियोजनाओं के मॉडल कृषि, प्रदूषण कम करने से जुड़े उपायों, अपशिष्ट प्रबंधन, नवीकरणीय ऊर्जा, मेडिकल उपकरण, स्मार्ट डिवाइसेज और ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों की स्थानीय समस्याओं पर आधारित हैं। 

‘इंस्पायर-मानक पुरस्कार’ योजना का उद्देश्य विज्ञान प्रौद्योगिकी प्रणाली की मजबूती, विस्तार और अनुसंधान एवं विकास कार्यों को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण मानव संसाधन पूल बनाना है। आईआईटी-दिल्ली में 14 फरवरी को शुरू हुई दो दिवसीय एनएलईपीसी का उद्घाटन विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के सचिव प्रोफेसर आशुतोष शर्मा ने किया है।

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प्रोफेसर आशुतोष शर्मा के अनुसार, “यह योजना सिर्फ पुरस्कार पर केंद्रित नहीं है, बल्कि यह एक इन्क्यूबेशन कार्यक्रम है, जहां नवाचारी छात्रों को प्रोत्साहित और प्रशिक्षित किया जाता है, ताकि वे विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में आगे बढ़ सकें। इस प्रतियोगिता में राष्ट्रीय स्तर पर चुने गए शीर्ष विचारों एवं नवाचारों को उद्यमीय मॉडल के रूप में आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहन और सहयोग भी दिया जाता है।” इस योजना के अंतर्गत देशभर के सरकारी और निजी स्कूलों के छात्रों को रचनात्मक एवं प्रौद्योगिकी आधारित आइडिया एवं नवाचारों को आमंत्रित किया जाता है। योजना का संचालन विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग और राष्ट्रीय नवप्रवर्तन संस्थान (एनआईएफ) द्वारा किया जाता है। छात्रों द्वारा प्रदर्शित किए जा रहे प्रोटोटाइप में सुधार लाने के उद्देश्य से एनआईएफ द्वारा देश के प्रमुख तकनीकी संस्थानों में कार्यशालाएं आयोजित की जाती हैं।

इस वर्ष देश के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से करीब 2.88 लाख नवोन्मेषी विचारों और नवाचारों पर आधारित प्रविष्टियां इस योजना के अंतर्गत मिली थीं। इनमें चुने गए 50 हजार से अधिक नवाचारों एवं विचारों में से प्रत्येक को 10 हजार रुपये की सहायता राशि दी गई है, ताकि प्रतिभागी अपने आइडिया का प्रोटोटाइप या नमूना तैयार कर सकें।

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जिला एवं राज्य स्तर पर प्रदर्शनी एवं परियोजना प्रतियोगिता में सफल छात्रों में से चुने गए नवाचारी छात्रों को राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित प्रतियोगिता में शामिल होने के लिए दिल्ली बुलाया गया था। 

(इंडिया साइंस वायर) 

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