अटल पेंशन योजना और एनपीएस में आपके लिए क्या है सही?

Know about Atal pension yojna and NPS
शुभा दुबे । Aug 8 2017 11:21AM

अटल पेंशन योजना कम प्रीमियम के साथ आपको आर्थिक सुरक्षा की पूरी गारंटी देती है जबकि एनपीएस के साथ सरकारी और निजी क्षेत्र के लोग जुड़ कर अपना आर्थिक भविष्य सुरक्षित कर सकते हैं।

केंद्र सरकार के स्तर पर चल रही पेंशन योजनाओं में दो प्रमुख पेंशन योजनाएं हैं- अटल पेंशन योजना और नेशनल पेंशन स्कीम। असंगठित क्षेत्र के हितों को ध्यान में रख कर बनाई गई अटल पेंशन योजना कम प्रीमियम के साथ आपको आर्थिक सुरक्षा की पूरी गारंटी देती है जबकि एनपीएस के साथ सरकारी और निजी क्षेत्र के लोग जुड़ कर अपना आर्थिक भविष्य सुरक्षित कर सकते हैं। आइए जानते हैं दोनों पेंशन स्कीमों की खास बातों और अंतरों को ताकि आप अपनी जरूरतों के मुताबिक सही पेंशन योजना का चुनाव कर सकें।

अटल पेंशन योजना (एपीवाई)

अटल पेंशन योजना खास तौर पर असंगठित क्षेत्र के कर्मचारियों को देखते हुए बनाई गयी है। इसके तहत, 60 साल की उम्र में 1,000/, 2,000/, 3000/, 4000 या 5000/- रुपये प्रति माह की न्यूनतम पेंशन की गारंटी ग्राहकों द्वारा योगदान के आधार पर दी जाती है। भारत का कोई भी नागरिक एपीवाई योजना शामिल हो सकता हैं। इसके निम्नलिखित पात्रता मानदंड हैं:

-ग्राहक की उम्र 18 से 40 साल के बीच होनी चाहिए।

-उसका एक बचत बैंक खाता डाकघर/बचत बैंक में होना चाहिए।

-भावी आवेदक एपीवाई अकाउंट में समय-समय पर अपडेट की प्राप्ति की सुविधा के लिए पंजीकरण के दौरान बैंक को आधार और मोबाइल नंबर उपलब्ध करा सकता है।

पेंशन योजना के लाभ

अटल पेंशन योजना के तहत न्यूनतम पेंशन की इस अर्थ में सरकार द्वारा गारंटी दी जाती है कि यदि पेंशन योगदान पर वास्तविक रिटर्न अंशदान की अवधि के दौरान कम हुआ तो इस तरह की कमी को सरकार द्वारा वित्त पोषित किया जाएगा। 

सरकार कुल योगदान का 50% या 1000 रुपये प्रति साल जो भी कम हो, का सह-योगदान प्रत्येक पात्र ग्राहक को करती है जो इस योजना में शामिल होते हैं और जो किसी भी अन्य सामाजिक सुरक्षा योजना के एक लाभार्थी नहीं हैं एवं आयकर दाता नहीं हैं।

योगदान का तरीका

योगदान मासिक/तिमाही/छमाही अंतराल पर बचत बैंक खाता/ग्राहक के डाकघर बचत बैंक खाते से ऑटो डेबिट सुविधा के माध्यम से किया जा सकता है। मासिक/तिमाही/छमाही योगदान वांछित मासिक पेंशन और प्रवेश के समय ग्राहक की उम्र पर निर्भर करता है। माह की किसी भी तय तारीख को बैंक खाते के माध्यम से भुगतान किया जा सकता है।

निरंतर चूक के मामले में

यदि खाते में अपर्याप्त राशि की चलते योगदान नहीं हो पाता है तो इसे डिफ़ॉल्ट माना जायेगा और देरी से योगदान के लिए अतिदेय ब्याज के साथ अगले महीने में भुगतान करना होगा। बैंक मासिक योगदान के लिए प्रत्येक 100 रुपये में देरी के 1 रुपये प्रति माह शुल्क लेंगे। तिमाही/छमाही योगदान के लिए अतिदेय ब्याज के हिसाब से वसूल किया जाएगा।

निकासी प्रक्रिया

60 वर्ष की आयु प्राप्त करने पर:- 60 वर्ष उम्र पूरी होने पर ग्राहक संबंधित बैंक को गारंटी न्यूनतम मासिक पेंशन के लिए आवेदन कर सकता है। मासिक पेंशन की समान राशि ग्राहक की मृत्यु पर पति या पत्नी (डिफ़ॉल्ट नामित) को देय है। 

60 साल की उम्र के बाद किसी भी कारण की वजह से ग्राहक की मृत्यु के मामले में वही पेंशन पति या पत्नी को देय है और दोनों की मृत्यु पर (ग्राहक और पति या पत्नी) 60 साल की उम्र तक संचित पेंशन धन नामांकित को वापस किया जायेगा।

60 साल की उम्र से पहले बाहर निकलना

यदि ग्राहक, जिसने सरकार के सह-योगदान का लाभ उठाया है, भविष्य में स्वेच्छा से एपीवाई बाहर निकलने के लिए चुनता है तो उसे केवल एपीवाई में उनके द्वारा किये गये योगदान पर अर्जित आय खाते के रखरखाव का शुल्क घटाने के बाद वापस की जायेगी।

नेशनल पेंशन स्कीम (एनपीएस) के बारे में जानें

नेशनल पेंशन स्कीम (एनपीएस) में पेंशन अकाउंट दो तरह के होते हैं। पहला टियर वन जिसमें पैसा 60 साल की उम्र तक लॉक रहता है और इस खाते को 500 रुपए या इससे ज्यादा रकम से खुलवाया जा सकता है। इसमें सालाना 6000 रुपए योगदान करना अनिवार्य है। टियर टू अकाउंट स्वैच्छिक अकाउंट है लेकिन इसको खोलने के लिए आपका टियर वन अकाउंट होना जरूरी है। इस खाते को 1000 रुपए से खोला जा सकता है हालांकि इसमें सालाना 2000 रुपए का योगदान अनिवार्य है।

जो भी पैसा इन अकाउंट में आप जमा करते हैं, उन्हें इनवेस्ट करने का जिम्मा पीएफआरडीए द्वारा रजिस्टर्ड पेंशन फंड मैनेजर का होता है। कुछ अहम फंड मैनेजर हैं- आईसीआईआई प्रू पेंशन फंड, एलआईसी पेंशन फंड, एसबीआई पेंशन फंड, रिलायंस कैपिटल पेंशन फंड आदि। खास बात यह है कि आप अपना फंड मैनेजर अपनी इच्छा से चुन सकते हैं और उसे बदल भी सकते हैं।

यदि आप भविष्य से ज्यादा टैक्स बचाने के लिए चिंतित हैं तो एनपीएस अच्छा विकल्प है। इसमें निवेश की गई 1.5 लाख रुपए तक की राशि पर टैक्‍स छूट मिलती है। साथ ही आप जहां जॉब करते हैं वह कंपनी यदि आपकी बेसिक सैलरी का 10 फीसदी पेंशन फंड में निवेश करती है तो इसका भी टैक्स लाभ आपको मिलता है।

कितनी पेंशन

आपको मासिक कितनी पेंशन मिलेगी यह इस पर निर्भर करता है 60 साल का होने पर आप कितनी रकम की एन्युटी खरीदते हैं। जितनी ज्यादा रकम की एन्युटी खरीदेंगे, उतनी ही ज्यादा रकम हर महीने पेंशन की मिलेगी। और एन्युटी कितने की खरीद रहे हैं, यह निर्भर करेगा इस बात पर कि आपका पेंशन वेल्थ कितना बनता है और उस पर आपको रिटर्न कितना मिला है।

एनपीएस पर टैक्‍स

एनपीएस की मैच्‍योरिटी के बाद प्राप्‍त फंड सरकारी कर्मचारियों के लिए तो टैक्‍स फ्री होता है लेकिन निजी क्षेत्र के लोगों को इस पर कर देय होता है।

राशि निकालने के विकल्‍प

वैसे तो एनपीएस में निवेश की गई राशि कर्मचारी को 60 साल पूरा करने के बाद ही निकालने की अनुमति होती है। लेकिन नए नियमों के तहत इसमें कुछ बदलाव किए गए हैं। इसके तहत अब 10 साल तक किश्‍तें भरने के बाद कुछ शर्तों के साथ राशि निकालने की छूट मिलती है। बच्‍चे की पढ़ाई, शादी, उच्च शिक्षा, पहले घर की खरीद या परिवार के किसी सदस्‍य के इलाज के लिए 25 फीसदी तक राशि निकाली जा सकती है।

निवेश की कोई सीमा नहीं

एनपीएस में निवेश के लिए सरकार ने किसी भी प्रकार की कोई सीमा तय नहीं की है। निवेश की न्‍यूनतम सीमा 6000 है। फंड में इक्विटी एलोकेशन की सीमा 50 फीसदी है।

शुभा दुबे

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