कोविड-19 से मुकाबले के लिए तैयार तुलसी तेल युक्त सैनिटाइजर

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हर्बल घटक के रूप में तुलसी के तेल का उपयोग किया गया है। शोधकर्ताओं का कहना है कि तुलसी के तेल में कीटाणुओं को मारने में सक्षम प्राकृतिक रूप से रोगाणु-रोधी गुण पाए जाते हैं। इसके अलावा, सैनिटाइजर में 60 प्रतिशत आइसोप्रोपिल अल्कोहल का उपयोग किया गया है।

देशभर के वैज्ञानिक संस्थान कोविड-19 की चुनौती से निपटने के लिए अपने तरीके से योगदान दे रहे हैं। नेशनल बोटानिकल रिसर्च इंस्टीट्यूट (एनबीआरआई) के वैज्ञानिकों ने कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए तुलसी के तेल जैसे हर्बल तत्वों से युक्त एक हैंड सैनिटाइजर बनाया है। 

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विश्व स्वास्थ्य संगठन के दिशा-निर्देशों के अनुरूप बनाया गया यह अल्कोहल आधारित हैंड सैनिटाइजर है। काउंसिल ऑफ साइंटिफिक ऐंड इंडस्ट्रियल रिसर्च (सीएसआईआर) की लखनऊ स्थित प्रयोगशाला एनबीआरआई ने इस हैंड सैनिटाइजर को सीएसआईआर के अरोमा मिशन के तहत तैयार किया है। 

इसमें हर्बल घटक के रूप में तुलसी के तेल का उपयोग किया गया है। शोधकर्ताओं का कहना है कि तुलसी के तेल में कीटाणुओं को मारने में सक्षम प्राकृतिक रूप से रोगाणु-रोधी गुण पाए जाते हैं। इसके अलावा, सैनिटाइजर में 60 प्रतिशत आइसोप्रोपिल अल्कोहल का उपयोग किया गया है। इस उत्पाद की रोगाणु-रोधी गतिविधि के लिए इसका वैज्ञानिक रूप से परीक्षण भी किया गया है। 

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सीएसआईआर-एनबीआरआई के निदेशक प्रोफेसर एस.के. बारिक ने इस हर्बल हैंड सैनिटाइजर की तकनीक को लखनऊ की ही कंपनी मेसर्स सदगुरु बायोलॉजिकल प्राइवेट लिमिटेड को व्यावसायिक उत्पादन के लिए हस्तांतरित किया है। 

इस संबंध में सीएसआईआर-एनबीआरआई द्वारा जारी विज्ञप्ति में बताया गया है कि यह हैंड सैनिटाइजर कंपनी द्वारा दिए गए 'क्लीन हैंड जैल' ब्रांड नाम से उपलब्ध होगा। 

इंडिया साइंस वायर

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