लाइफ साइंस में कौशल को बढ़ावा देने के लिए नया केंद्र

new-center-to-promote-skills-in-life-science

इम्टेक में 1500 वर्ग फीट में स्थापित यह केंद्र शोध एवं विकास, प्रशिक्षण, नई दवाओं की खोज, किफायती स्वास्थ्य देखभाल, रोगों के निदान, कैंसर तथा कृषि बायोटेक्नोलॉजी के क्षेत्र में मुख्य रूप से कार्य करेगा।

नई दिल्ली। (इंडिया साइंस वायर): केंद्रीय सूक्ष्मजीव प्रौद्योगिकी संस्थान (इम्टेक), चंडीगढ़ और विज्ञान प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में कार्यरत बहुराष्ट्रीय कंपनी मर्क ने मिलकर लाइफ साइंस में कौशल को बढ़ावा देने के लिए एक हाइटेक कौशल विकास केंद्र शुरू किया है। चंडीगढ़ में शुरू किया गया यह केंद्र सिंगल-मोलेक्यूल बायोमार्कर डिटेक्टर जैसी अत्याधुनिक तकनीकों से लैस है, जो स्वास्थ्य अनुसंधान में तेजी लाने और नवीनतम लाइफ साइंस प्रौद्योगिकियों में भारतीय छात्रों और शोधकर्ताओं को प्रशिक्षित करने में मददगार हो सकता है।

इम्टेक में 1500 वर्ग फीट में स्थापित यह केंद्र शोध एवं विकास, प्रशिक्षण, नई दवाओं की खोज, किफायती स्वास्थ्य देखभाल, रोगों के निदान, कैंसर तथा कृषि बायोटेक्नोलॉजी के क्षेत्र में मुख्य रूप से कार्य करेगा। कार्यशालाएं और प्रशिक्षण मॉड्यूल यहां के पाठ्यक्रमों में मुख्य रूप से शामिल होंगे, जो फार्मा, बायोटेक्नोलॉजी, खाद्य एवं किण्वन उद्योगों में काम करने के इच्छुक स्नातकों के लिए उपयोगी हो सकते हैं। इस केंद्र में मर्क की एकल अणु स्तर पर जैविक अणुओं की पहचान के लिए एसएमसीएक्स-प्रो और बायोमार्करों की पहचान के लिए ल्यूमिनेक्स-200 तकनीक स्थापित की गई है।

इसे भी पढ़ें: दुर्घटना के खतरे से ग्रस्त चौराहों की पहचान के लिए नई तकनीक

इस कौशल विकास केंद्र के उद्घाटन के मौके पर वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) के महानिदेशक डॉ. शेखर सी. मांडे ने बताया कि- “अकादमिक एवं औद्योगिक क्षेत्र की संयुक्त पहल पर आधारित यह केंद्र लाइफ साइंस के क्षेत्र में युवाओं को रोजगार दिलाने की क्षमता विकसित करने में उपयोगी हो सकता है।”

डॉ मांडे ने कहा है कि “भारत के 65 प्रतिशत कामकाजी युवा 15-59 वर्ष आयु वर्ग के हैं और देश की कुल आबादी में 25 वर्ष से कम आयु के  की संख्या 54 प्रतिशत से अधिक है। इस स्थिति का जनसांख्यकीय लाभ उठाने के लिए इन युवाओं का कुशल होना जरूरी है। इम्टेक और मर्क की यह साझेदारी भारत में कौशल विकास को बढ़ावा देने में अहम साबित हो सकती है।”

इसे भी पढ़ें: फ्लोराइड युक्त जल के शोधन के लिए नया संयंत्र

इम्टेक के निदेशक डॉ मनोज राजे ने कहा है कि “सार्वजनिक एवं निजी क्षेत्र की ज्ञान आधारित यह साझेदारी नए सकारात्मक बदलावों को जन्म दे सकती है।” भारत में मर्क इंडिया के प्रमुख सुनील पंजाबी ने बताया कि “भारत में बायोफर्मासिटिकल इंडस्ट्री और विभिन्न तरह की थेरेपी की मांग तेजी से बढ़ रही है। ऐसे में, शोधकर्ता अपनी वैज्ञानिक क्षमता बढ़ाने और नई तकनीकों के विकास व उत्पादन में तेजी लाने में इस केंद्र की उन्नत तकनीकों का लाभ उठा सकते हैं।”

सीएसआईआर से संबंद्ध इम्टेक सूक्ष्मजीव प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में कार्यरत देश का एक प्रमुख संस्थान है, जिसकी स्थापना वर्ष 1984 में की गई थी। इस संस्थान का प्रमुख कार्य चिकित्सीय एवं सामाजिक जरूरतों को पूरा करने के लिए नए उत्पादों तथा दवाओं का विकास करना है। 

(इंडिया साइंस वायर)

We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़