कोरोना, निसर्ग, केरल और अमेरिका में हो रहे विरोध प्रदर्शनों की घटनाओं का विश्लेषण

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कोरोना वायरस के खिलाफ देश की जंग जारी है और अब तक की स्थिति की तुलना अगर अन्य देशों से करें तो भारत की स्थिति मजबूत नजर आती है। इसके अलावा अब देश की अर्थव्यवस्था काफी हद तक धीरे-धीरे खुल चुकी है लेकिन लॉकडाउन को लेकर आरोप-प्रत्यारोप जारी है।

इस सप्ताह के राजनीतिक और सामाजिक मुद्दों की बात करें तो अर्थव्यवस्था की हालत को लेकर भाजपा और कांग्रेस के बीच घमासान मचा रहा। जहाँ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सीआईआई के वार्षिक सम्मेलन को संबोधित करते हुए आत्मनिर्भर भारत पर आगे बढ़ने की राह दिखाई और देश के उद्योगपतियों को भरोसा दिलाया कि वह उनके साथ हैं तो वहीं कांग्रेस ने आत्मनिर्भर भारत के नारे को नया जुमला करार दिया है। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने उद्योगपति राजीव बजाज के साथ वीडियो कांफ्रेंस कर कुछ सवाल पूछे तो राजीव बजाज ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था लॉकडाउन के चलते तबाह हो चुकी है।

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दूसरी तरफ भारत सरकार कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में अपने कदमों को सही बता रही है। हालांकि संक्रमितों की कुल संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है लेकिन दूसरे देशों के मुकाबले में भारत की स्थिति इस मायने में अच्छी है कि हमारे यहां मृत्यु दर काफी कम है और ठीक होने वालों की दर बहुत अच्छी है जबकि दुनिया के अन्य देशों में ऐसी स्थिति नहीं है।

इसके अलावा केरल में इस सप्ताह जिस तरह एक गर्भवती हथिनी को मरने के लिए छोड़ दिया गया, उस अमानवीय कृत्य पर पूरे देश में आक्रोश है। केरल सरकार और कांग्रेस इस घटना की निंदा तो कर रही हैं लेकिन भाजपा पर आरोप भी लगा रही हैं कि वह इसका राजनीतिकरण कर रही है। 

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इसके अलावा चक्रवाती तूफान निसर्ग ने इस सप्ताह महाराष्ट्र और गुजरात की नाक में दम किये रखा हालांकि भारतीय मौसम विभाग की तारीफ करनी होगी कि उसके सटीक पूर्वानुमानों के चलते बड़ा नुकसान होने से बचा लिया गया। इसके साथ ही प्रवासी श्रमिकों का मुद्दा इस सप्ताह भी गर्माया रहा और भाजपा की वर्चुअल रैलियों के विरोध में भी विभिन्न पार्टियों ने अपनी आवाज बुलंद की।

अमेरिका में नस्लवाद की घटना ने भी इस सप्ताह पूरी दुनिया की आंखें खोल कर रख दीं। जिस तरह अमेरिका श्वेत और अश्वेत में बँटा हुआ नजर आ रहा है उसको देखते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की चुनावी वर्ष में मुश्किलें बढ़ गयी हैं।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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