गणपति बप्पा सभी के दुःख हरते हैं फिर चाहे वह साधारण व्यक्ति हो या फिर देवतागण हों। भगवान गणपति के विभिन्न रूपों की अलग अलग महिमा है और सभी रूप अपने में एक प्रेरक कहानी लिये हुए हैं।
भगवान श्रीगणेश के वैसे तो कई अवतार हैं लेकिन आज हम चर्चा कर रहे हैं धूम्रवर्ण अवतार की। इस अवतार में आकर भगवान श्रीगणेश ने अभिमानासुर का संहार किया। खास बात यह है कि भगवान श्रीगणेश के धूम्रवर्ण अवतार का वाहन भी मूषक ही है।
काश, बप्पा भी मोदीजी की तरह ''मन की बात'' कह पाते तो अवश्य ही अपनी ऐसी विदाई को लेकर भक्तों को जरूर डांटते। यह भी कहते कि भक्तजनों मेरे साथ ही ऐसा सलूक क्यों? सृष्टि पर 33 करोड़ देवी-देवता हैं, उन्हें भी तो मौका दो।
भगवान श्रीगणेश का ''विघ्नराज'' नामक अवतार ममतासुर के आतंक से मुक्ति दिलाने के लिए हुआ था। यह अवतार विष्णु ब्रह्म का वाचक है तथा शेषवाहन पर चलने वाला है। मान्यता है कि भगवान गणेश ने आसुरी शक्तियों के विनाश के लिए विभिन्न अवतार लिए।