भगवान का दूसरा रूप है माँ, उसकी तुलना किसी से हो ही नहीं सकती

mother is Can not compare with anyone
चेतना धामा । May 12 2018 4:27PM

माँ की भूमिका हमारे जीवन में बहुत ही महत्वपूर्ण है। माँ जननी है। दुनिया में आने के बाद मैंने सबसे पहले जिसे पहचाना था वो मेरी माँ है। और मेरे मुंह से पहला शब्द भी माँ ही निकला था। बिना माँ के घर नहीं होता।

माँ की भूमिका हमारे जीवन में बहुत ही महत्वपूर्ण है। माँ जननी है। दुनिया में आने के बाद मैंने सबसे पहले जिसे पहचाना था वो मेरी माँ है। और मेरे मुंह से पहला शब्द भी माँ ही निकला था। बिना माँ के घर नहीं होता। माँ हमारे हर सुख दुःख की साथी होती है और हमें हर मुश्किलों से निकालती है। माँ अपने बच्चों पर सब न्यौछावर करती है, बिना लालच उन्हें प्यार करती है, भगवान का दूसरा रूप होती है हमारी माँ।

कौन-सी ऐसी चीज है जो यहाँ नहीं मिलती, सब कुछ मिल जाता है पर दुबारा माँ नहीं मिलती। इस जहाँ में माँ की तुलना किसी अन्य से नहीं की जा सकती। माँ बहुमूल्य है। पूछता है जब कोई दुनिया में मोहब्बत है कहां, मुस्कुरा देती हूँ मैं और याद आ जाती है माँ।

आज में जो कुछ भी हूँ उसका श्रेय मेरी प्यारी माँ को जाता है। बिना माँ के मैं कुछ भी नहीं हूँ। जब मैं घर जाती हूँ अगर माँ नहीं दिखती तो बेचैनी सी लगी रहती है माँ के आते ही सब दुःख, थकान गायब हो जाती है। माँ आप महान हो और आपकी जगह इस संसार में और कोई नहीं ले सकता। माँ की ममता अनमोल है और उसे किसी परिभाषा में परिभाषित नहीं किया जा सकता। आई लव यू मम्मी।

हर बच्चे के लिए उसकी मां लाइफलाइन होती है चाहे वह पांच महीने का हो या पचास साल का। मां पास हो या न हो उसका अहसास उसके दिल में रहता है। आज के समय में मां की भूमिका और भी चुनौतीपूर्ण हो गई है। बदलते परिवेश में अपने बच्चे को सही शिक्षा देना किसी चुनौती से कम नहीं। माएं कामकाजी हो रही हैं इसीलिए काम के साथ-साथ उसे अपने बच्चों का भी ख्याल रखना है। वह खुद तो कामकाजी हैं ही, अपनी बेटी को भी उसी कामयाबी और बुलंदी पर पहुंचाने की भरसक कोशिश में लगी रहती हैं। एक मां जिंदगी के आखिरी वक्त तक अपने बच्चों को हर खुशी और हर कामयाबी को छूने में मदद करती है।

-चेतना धामा

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