इस मंदिर में उल्टे खड़े होकर दर्शन देते हैं हनुमानजी, करते हैं मुरादें पूरी

Hanumanji is standing opposite in this temple
कमल सिंघी । Mar 30 2018 12:25PM

मध्य प्रदेश के इंदौर से 25 किलोमीटर दूर उज्जैन रोड पर सांवेर में हनुमान जी का ऐसा मंदिर है, जहां आज भी हनुमानजी पाताल लोक में जाने की मुद्रा में उल्टे खड़े होकर दर्शन दे रहे हैं।

इंदौर। वैसे तो मंदिरों में हमें भगवान सामान्यत: खड़े या बैठी हुई मुद्रा में दर्शन देते हैं, मगर मध्य प्रदेश के इंदौर से 25 किलोमीटर दूर उज्जैन रोड पर सांवेर में हनुमान जी का ऐसा मंदिर है, जहां आज भी हनुमानजी पाताल लोक में जाने की मुद्रा में उल्टे खड़े होकर दर्शन दे रहे हैं। दरअसल भगवान श्रीराम की हनुमानजी के द्वारा सेवा के कई पौराणिक किस्से सुनने को मिलते हैं, लेकिन इस मंदिर में हमें हनुमानजी के द्वारा पाताल लोक में जाकर श्रीराम जी की सेवा करने के साक्ष्य भी मिलते हैं। यह विश्व का एकमात्र ऐसा मंदिर है, जहां रामभक्त श्रीहनुमानजी उल्टे स्वरुप में दर्शन देते हैं और इसी उल्टे स्वरुप में उनकी पूजन सालों की जा रही हैं। उल्टे हनुमानजी की इस दर्लभ प्रतिमा के कारण इन्हें पाताल विजय हनुमान के नाम से भी प्रसिद्धि मिली है। खास बात यह है कि उज्जैन दर्शन करने आने वाले देशी-विदेशी श्रद्धालु इस मंदिर में जरुर आते हैं। हनुमान जंयती के दिन यहां भारी संख्या में भक्तों की भीड़ उमड़ती है।

मंदिर की है पौराणिक कथा

मंदिर के बारे में कहा जाता हैं कि उल्टे हनुमानजी के साथ त्रेतायुग का एक दृष्टांत जुड़ा हुआ है। रामचरित मानस में इसका किस्सा भी मिलता है। भगवान राम और रावण के बीच युद्ध में अहिरावण वानर के रुप में रामजी की सेना में शामिल हुआ था, उस वक्त अपनी मायावी शक्तियों से सभी को मूर्छित कर दिया और भगवान राम व लक्ष्मणजी का हरण कर उन्हें पाताल लोक में ले जाने में सफल हो गया था। उसी दौरान विभीषण के कहने पर हनुमानजी रामजी और लक्ष्मणजी को खोजने पाताल लोक में इसी मंदिर की जगह से सिर के बल गए थे। हनुमानजी अहिरावण का वध कर भगवान राम और लक्ष्मण जी को लेकर आए थे। मंदिर के पुजारी नागेश द्विवेदी ने बताया कि भगवान हनुमान जी की पूजा करने के लिए यहां दूर-दूर से श्रद्धालु आते हैं। पुजारी बताते हैं कि इस मंदिर की पौराणिक कथा त्रेता युग से ही जुड़ी हुई है।

मंगलवार और शनिवार को होता है विशेष पूजन

भगवान हनुमानजी के भक्त यहां मंगलवार और शनिवार के दिन विशेष पूजन के लिए आते हैं। भगवान राम के मंदिर में विराजित हनुमानजी की प्रतिमा वास्तव में भगवान राम के अस्तित्व का प्रमाण देती नजर आती है। यहां हनुमान जी के साथ ही राम जी की भी पूजा की जाती है। कहा जाता हैं कि यहां पांच मंगलवार या शनिवार पूजन करने से भक्तों के सारे कष्ट दूर हो जाते हैं और मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। यह एकमात्र मंदिर है जहां हनुमानजी की उल्टे स्वरुप में पूजन की जाती है।

हनुमान जयंती पर विशेष पूजन

हनुमान जयंती के दिन मंदिर में भगवान हनुमानजी की विशेष पूजन होती है। हनुमान जयंती पर हनुमानजी के पूजन का खास संयोग भी माना जाता है, इसलिए यहां दूर-दूर से भक्त भगवान के पूजन के लिए आते हैं। मंदिर परिसर में शनिवार के लिए सभी श्रद्धालुओं के लिए भगवान की विशेष पूजन की व्यवस्था की गई है।

-कमल सिंघी

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