‘टारनेडो’ कामरान खान को आईपीएल में वापसी का भरोसा

[email protected] । Apr 27 2017 4:02PM

बेशुमार दौलत से भरपूर इंडियन प्रीमियर लीग ने भले ही कई प्रतिभाशाली खिलाड़ियों को शोहरत की बुलंदियों पर पहुंचाया हो, लेकिन कई ऐसे भी हैं, जो इस लीग में कुछ वक्त चमकने के बाद गुमनामी के अंधेरों में खो गये।

लखनऊ। बेशुमार दौलत से भरपूर इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) ने भले ही कई प्रतिभाशाली खिलाड़ियों को शोहरत की बुलंदियों पर पहुंचाया हो, लेकिन कई ऐसे भी हैं, जो इस लीग में कुछ वक्त चमकने के बाद गुमनामी के अंधेरों में खो गये। इनमें ‘टारनेडो’ के नाम से मशहूर हुए बायें हाथ के तेज गेंदबाज कामरान खान भी शामिल हैं। मगर उन्होंने उम्मीद का दामन नहीं छोड़ा है। पिछले पांच साल से आईपीएल से दूर चल रहे कामरान आश्वस्त हैं कि वह जल्द ही वापसी करेंगे और इसके लिये कड़ी मेहनत कर रहे हैं। फिलहाल एक चीज जो उनके खिलाफ जा रही है, वह है किस्मत। उनका कहना है कि पिछले साल उनकी बातचीत आईपीएल फ्रेंचाइजी ‘दिल्ली डेयरडेविल्स’ से चल रही थी, और उसके शिविर में हिस्सा भी लिया था लेकिन ऐन वक्त पर वह एक दुर्घटना में चोटिल हो गये। रणजी के चयन में लगातार विफलता के बाद वर्ष 2009 में आईपीएल में राजस्थान रायल्स की तरफ से पदार्पण करते हुए अपने जानदार प्रदर्शन से अचानक सुखिर्यों में आये कामरान ने कहा कि वह चोट से उबरकर इस वक्त अमरोहा के डीएनएस कालेज स्थित एकेडमी में कड़ी मेहनत कर रहे हैं और उन्हें विश्वास है कि वह जल्द ही वापसी करेंगे। फिलहाल वह एयर इंडिया और मुम्बई के पैयडे क्लब से खेलते हैं। वर्ष 2009 में रायल्स के कप्तान और कोच शेन वार्न ने एक खास गेंदबाजी एक्शन वाले कामरान को उनकी खूबी की वजह से ‘टारनेडो’ का नाम दिया था। चोटिल होने के बाद वर्ष 2010 में रायल्स में वापसी करने वाले 26 वर्षीय कामरान ने साल 2011 में पुणे वारियर्स की तरफ से चार मैच खेले। वह 2013 तक टीम से तो जुड़े रहे लेकिन मैदान पर नहीं उतरे। उसके बाद वह गर्दिश में खो गये।

कुछ हद तक श्रीलंकाई तेज गेंदबाज लसिथ मलिंगा जैसे एक्शन वाले कामरान के एक्शन की वर्ष 2009 में ही शिकायत की गयी थी। बकौल कामरान, शेन वार्न ने उन्हें आस्ट्रेलिया बुलाया था, जहां उनके एक्शन को जांचा गया था और उसमें कोई गड़बड़ी नहीं पायी गयी थी। उत्तर प्रदेश के लिये वर्ष 2010 में सैयद मुश्ताक अली ट्वेंटी-20 ट्राफी के दो मैच खेल चुके कामरान को रणजी मुकाबले ना खेल पाने का मलाल है। हालांकि वह अब भी नाउम्मीद नहीं हैं। उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ के रहने वाले इस बायें हाथ के गेंदबाज का बचपन बेहद गरीबी में गुजरा। उनके पिता लकड़ी काटकर अपने परिवार का गुजारा करते थे। कामरान में शुरू से ही क्रिकेट के प्रति लगन थी और इसी के बूते उन्होंने दुनिया की सबसे चमकदार लीग आईपीएल में जगह बनायी। आईपीएल से नाता टूटने के बाद कई वीडियो में उन्हें मजबूरन खेतों में काम करते हुए दिखाये जाने के बारे में कामरान ने कहा कि ऐसा कुछ भी नहीं हुआ था।

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