सनराइजर्स हैदराबाद से जुड़ने के बाद भुवनेश्वर कुमार ने सीखा यार्कर गेंद फेंकने का हुनर
भारतीय तेज गेंदबाज भुवनेश्वर कुमार ने कहा कि उनमें हमेशा से यार्कर गेंद फेंकने की काबिलियत थी लेकिन 2014 में सनराइजर्स टीम से जुड़ने के बाद उन्होंने महत्वपूर्ण क्षणों में इसे फेंकने का हुनर सीखा।
नयी दिल्ली। भारतीय तेज गेंदबाज भुवनेश्वर कुमार ने कहा कि आईपीएल टीम सनराइजर्स हैदराबाद के लिये खेलना उनके करियर का टर्निंग प्वाइंट रहा क्योंकि इसी दौरान उन्होंने अंतिम ओवरों में गेंदबाजी के दबाव से निपटना सीखा। भारतीय तेज गेंदबाजी आक्रमण इस समय दुनिया के सर्वश्रेष्ठ आक्रमण में से हैं और भुवनेश्वर इसके अहम गेंदबाज हैं जिसमें जसप्रीत बुमराह, मोहम्मद शमी और उमेश यादव शामिल हैं। भुवनेश्वर ने कहा कि उनमें हमेशा से यार्कर गेंद फेंकने की काबिलियत थी लेकिन 2014 में सनराइजर्स टीम से जुड़ने के बाद उन्होंने महत्वपूर्ण क्षणों में इसे फेंकने का हुनर सीखा।
इसे भी पढ़ें: लॉकडाउन नियमों का उल्लंघन करने पर पूर्व भारतीय क्रिकेटर रॉबिन सिंह पर लगा जुर्माना, कार भी हुई जब्त
भुवनेश्वर ने दीप दास गुप्ता ने क्रिकेटबाजी शो में कहा, ‘‘मैं यार्कर डाल सकता था लेकिन फिर मैं इसे भूल गया। सनराइजर्स हैदराबाद में वे मुझसे पारी के शुरू में और अंत में गेंदबाजी कराना चाहते थे। 2014 में मैंने 14 मैच खेले, मैंने इस दौरान दबाव से निपटना सीखा और यह टर्निंग प्वाइंट रहा। ’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैंने नयी चीजें सीखीं, विशेषकर अंतिम ओवरों में दबाव से निपटना सीखा (सनराइजर्स के लिये खेलते हुए)। ’’ वनडे में 132 और टेस्ट में 63 विकेट चटकाने वाले भुवनेश्वर ने कहा कि जब वह खुद को मैचों में नतीजों के बारे में सोचने से दूर रखते हैं तो वह हमेशा सफल रहते हैं जैसे कि पूर्व भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी।
उन्होंने कहा, ‘‘एम एस धोनी की तरह, मैं खुद को नतीजे के बारे में सोचने से दूर रखने की कोशिश करता हूं और छोटी-छोटी चीजों पर ध्यान देता हूं। इससे अपनी इच्छानुसार नतीजा हासिल करने में मदद मिलती है। ’’ उन्होंने कहा, ‘‘ आईपीएल के दौरान जब मेरे कुछ सत्र अच्छे रहे तो मैं इसी दौर में था। मैं अपनी प्रक्रिया के बारे में इतना ध्यान लगाता था कि नतीजा हमेशा ‘दूसरा स्थान’ ले लेता था। और परिणाम सकारात्मक ही आता था।’’ कोविड-19 महामारी के कारण खेल से दूर रखकर कैसे प्रेरित कर रहे हैं तो भुवनेश्वर ने कहा कि यह आसान नहीं है।
इसे भी पढ़ें: इंग्लैंड क्रिकेट के इतिहास में पहली बार महिला खिलाड़ी को मिलेगी MCC की कमान, जानिए कौन है क्लेयर कोनोर
उन्होंने कहा कि मैं लॉकडाउन के पहले 15 दिन काफी प्रेरित था। कोई भी नहीं जानता था कि यह कितने दिन रहेगा और मेरे पास घर में भी एक्सरसाइज के लिये उपकरण नहीं थे। हमने सोचा कि चीजें दो महीनों में बेहतर हो जायेंगी। लेकिन 15 दिन बाद मुझे खुद को प्रेरित करने में मुश्किल आने लगी। फिर मैंने घर पर ही उपकरण मंगवा लिये और तब से चीजें थोड़ी सुधर गयी हैं। मैं इस लॉकडाउन के से खुद को और बेहतर करके वापस आना चाहता हूं। मैदानी प्रदर्शन अलग बात है, लेकिन मैं अपनी फिटनेस पर काम कर सकता हूं।
अन्य न्यूज़