अंशु मलिक ने रचा इतिहास, वर्ल्ड कुश्ती चैंपियनशिप में सिल्वर जीतने वाली बनीं पहली भारतीय
20 वर्षीय अंशु ने बुधवार को महिलाओं के 57 किग्रा सेमीफाइनल में यूरोपियन सिल्वर मेडलिस्ट यूक्रेन की सोलोमिया विन्नीक को हराया है। कैडेट विश्व चैंपियन और जूनियर विश्व रजत पदक विजेता अंशु 2010 के चैंपियन सुशील कुमार और 2018 के रजत पदक विजेता बजरंग पुनिया के बाद विश्व चैंपियनशिप के फाइनल में पहुंचने वाली तीसरी भारतीय बनी हैं।
भारतीय महिला पहलवान अंशु मलिक ने गुरुवार को भारत का नाम रौशन कर दिया है। बता दें कि अंशु ने विश्व कुश्ती चैंपियनशिप में रजत पदक जीतकर इतिहास रचा है। वह पहली भारतीय महिला पहलवान है जिन्होंने विश्व कुश्ती चैंपियनशिप में रजत पदक जीता है।
Anshu Malik becomes first Indian woman to win silver medal in Wrestling World Championships
— ANI (@ANI) October 7, 2021
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20 वर्षीय अंशु ने बुधवार को महिलाओं के 57 किग्रा सेमीफाइनल में यूरोपियन सिल्वर मेडलिस्ट यूक्रेन की सोलोमिया विन्नीक को हराया है। कैडेट विश्व चैंपियन और जूनियर विश्व रजत पदक विजेता अंशु 2010 के चैंपियन सुशील कुमार और 2018 के रजत पदक विजेता बजरंग पुनिया के बाद विश्व चैंपियनशिप के फाइनल में पहुंचने वाली तीसरी भारतीय बनी हैं। अंशु के अलावा भारतीय महिला पहलवान जिन्होंने कांस्य पदक जीते हैं वो हैं गीता फोगट (2012), बबीता फोगट (2012), पूजा ढांडा (2018) और विनेश फोगट (2019)।
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कौन है अंशु मलिक
अंशु मलिक हरियाणा के जिंद जिले के निदानी गांव से हैं, यह गांव पहलवानों और मुक्केबाजों के लिए ही प्रसिद्ध है। अंशु ने साल 2012 में गांव के सीबीएसएम स्पोर्ट्स स्कूल में अपने भाई शुभम को देखकर कुश्ती में हाथ आजमाने की कोशिश शुरू की। हरियाणा के इस पहलवान ने साल 2016 में ताइवान में एशियाई जूनियर चैंपियनशिप में रजत पदक और उसी वर्ष जॉर्जिया में विश्व कैडेट चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीता था। अंशु के पिता धर्मवीर भी एक पूर्व पहलवान हैं और उन्होंने 1990 के दशक में जूनियर कुश्ती टीम में भारत के लिए कुश्ती लड़ी थी। घुटने की चोट के बाद धर्मवीर को अपने पेशेवर करियर पहलवानी को छोड़ने पर मजबुर होना पड़ा।
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