एशिया से बाहर विकेट लेने के लिये काफी मेहनत की: अश्विन
वेस्टइंडीज के खिलाफ शानदार जीत दर्ज कर सकी और भारत का यह आफ स्पिनर इस बात से खुश है कि वह अंतत: उप महाद्वीप के बाहर ‘पांच विकेट’ चटकाने की उपलब्धि हासिल करने में सफल रहा।
एंटिगा। रविचंद्रन अश्विन की बेहतरीन गेंदबाजी की बदौलत मेहमान टीम वेस्टइंडीज के खिलाफ शानदार जीत दर्ज कर सकी और भारत का यह आफ स्पिनर इस बात से खुश है कि वह अंतत: उप महाद्वीप के बाहर ‘पांच विकेट’ चटकाने की उपलब्धि हासिल करने में सफल रहा। अश्विन ने 83 रन देकर सात विकेट चटकाये जिससे भारतीय टीम ने पहला टेस्ट चार दिन के अंदर जीत लिया। उन्होंने बीसीसीआई डाट टीवी से कहा, ‘‘उप महाद्वीप के बाहर इस (एक पारी में पांच विकेट की) उपलब्धि (के रिकार्ड) को दोहराने में मुझे पांच साल लगे, मैं हमेशा इसे तोड़ना चाहता था। उप महाद्वीप के बाहर पांच विकेट चटकाने के लिये मैं बड़ी मशक्कत से काम कर रहा था और मैं खुद के लिये सचमुच काफी खुश हूं। ’’इयान बाथम (जिन्होंने एक शतक बनाने के साथ एक टेस्ट मैच में सात विकेट चटकाये थे) की बराबरी करते हुए तमिलनाडु के आफ ब्रेक गेंदबाज ने कहा कि वह इस मैच को आने वाले कई वर्षों तक याद करेंगे। अश्विन के अब 33 टेस्ट मैचों में 183 विकेट और 1317 रन हो गये हैं, उन्होंने कहा, ‘‘यह मेरे लिये यादगार मैच था। मैंने विराट के साथ अच्छी भागीदारी निभायी। एक शतक जड़ना शानदार था और फिर पांच विकेट से ज्यादा विकेट हासिल करना भी। यह उन मैचों में से एक होगा, जिसे मैं काफी लंबे समय तक याद रखूंगा।’’ इस 29 वर्षीय क्रिकेटर ने पहली पारी में 113 रन की शानदार पारी खेली थी, उन्होंने कहा कि वह काफी हैरान थे कि कप्तान विराट कोहली ने उन्हें छठे नंबर पर बल्लेबाजी के लिये बुलाया।
अश्विन ने कहा, ‘‘छठे नंबर पर बल्लेबाजी करना मेरे लिये आश्चर्यजनक था। विराट ने मैच के दिन सुबह मुझे बताया और उसने जो कुछ कहा, मुझे बहुत पसंद आया। उसने मुझसे कहा, ‘हमें तुम पर भरोसा है और हम तुम्हें छठे नंबर पर बल्लेबाजी के लिये उतारना चाहते हैं, देखते हैं कि यह कितना कारगर होता है’।’’ इस तरह यह गेंदबाज टेस्ट मैच में दो बार एक शतकीय पारी खेलने के साथ पांच विकेट चटकाने वाला पहला भारतीय खिलाड़ी बन गया है। अश्विन ने कहा कि मुख्य कोच अनिल कुंबले की मौजूदगी से उन्हें लंबे स्पैल डालने में काफी मदद मिली। उन्होंने कहा, ‘‘पहली पारी में, मैं मैच के दौरान करीब 25-25 ओवर तक विकेट नहीं हासिल कर सका। बीते समय में इससे मुझे निश्चित रूप से परेशानी होती क्योंकि मैं ऐसा गेंदबाज हूं जो विकेट चटकाते रहना पसंद करता हूं। मैं कुंबले से बात करता रहा कि मैं क्या सही कर रहा हूं और क्या नहीं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैं लगातार कुंबले से बात करता रहा कि गेंदबाजी के लिये कितनी रफ्तार ठीक रहेगी। उन्होंने मुझे कई तरह के अलग अलग विकल्प सुझाये कि मैं बल्लेबाजी को किस लाइन एवं लेंथ में गेंदबाजी कर सकता हूं।''
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