एशियाई खेल: दर्द कम हुआ, मीराबाई चानू को खेलने की उम्मीद
पीठ की तकलीफ के कारण एशियाई खेलों में शिरकत पर सवालिया निशान लगने के बावजूद विश्व चैंपियन और राष्ट्रमंडल खेलों की स्वर्ण पदक विजेता भारोत्तोलक सेखोम मीराबाई चानू ने कहा कि उनकी चोट उतनी खराब नहीं है।
नयी दिल्ली। पीठ की तकलीफ के कारण एशियाई खेलों में शिरकत पर सवालिया निशान लगने के बावजूद विश्व चैंपियन और राष्ट्रमंडल खेलों की स्वर्ण पदक विजेता भारोत्तोलक सेखोम मीराबाई चानू ने कहा कि उनकी चोट उतनी खराब नहीं है जितनी पहले सोची थी। इस भारोत्तोलक ने कहा कि प्रतियोगिता की तैयारी के लिए उन्हें सिर्फ दो हफ्ते की ट्रेनिंग की जरूरत है।
मीराबाई ने मई में पीठ में तकलीफ की शिकायत की थी। देश भर के डाक्टर मीराबाई की चोट का असल कारण पता करने में नाकाम रहे हैं। उन्होंने कहा कि मुझे भरोसा है कि दो सप्ताह में मैं एशियाई खेलों की अच्छी तैयारी कर सकती हूं। मीराबाई ने कहा कि दर्द की शुरूआत 25 मई को हुई। मैं उपचार के लिए दिल्ली और मुंबई सहित कई जगह गई लेकिन डाक्टर यह पता करने में नाकाम रहे कि असल में चोट क्या है। सभी टेस्ट की रिपोर्ट सामान्य थी, एक्सरे में भी कुछ नहीं पता चला।
इंडोनेशिया में 18 अगस्त से शुरू होने वाले एशियाई खेलों के लिए अब जब एक महीने से भी कम का समय बचा है तब इस दिग्गज भारोत्तोलक ने कहा कि दर्द कम हुई है। उन्होंने कहा कि मुझे जो उपचार बताया गया वह काम कर रहा है, पिछले दो दिनों से दर्द कम है। अगर दो से तीन हफ्तों के भीतर दर्द कम रहता है तो मैं वजन उठा सकती हूं। महिला 48 किग्रा वजन वर्ग में चुनौती पेश करने वाली मीराबाई को डाक्टरों ने भारी वजन नहीं उठाने की सलाह दी है।
यह विश्व चैंपियन फिलहाल एनआईएस पटियाला में है जहां वह सिर्फ शरीर के ऊपरी भाग की ट्रेनिंग कर रही हैं। मीराबाई के खेलने पर फैसला अगले दो हफ्तों के भीतर लिया जाएगा और यह 23 वर्षीय खिलाड़ी खेलने को लेकर उत्सुक है। उन्होंने कहा, ‘मैं एशियाई खेलों में हिस्सा लेने को लेकर बेताब हूं क्योंकि भारोत्तोलक में चीन, थाईलैंड, कजाखस्तान जैसे एशियाई देश चोटी पर हैं। प्रतिस्पर्धा अच्छी होगी।’
नवंबर में इस मणिपुरी खिलाड़ी ने विश्व चैंपियनशिप में 22 साल में भारत के लिए पहला पदक जीता था। उन्होंने अमेरिका के अनाहेम में 194 किग्रा (85 और 109 किग्रा) वजन उठाया था। इसके बाद उन्होंने राष्ट्रमंडल खेलों में निजी सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन और राष्ट्रीय रिकार्ड 196 किग्रा (86 और 110 किग्रा) के साथ स्वर्ण पदक जीता।
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