बड़े दिल और कप्तान के समर्थन की जरूरत: धवन

[email protected] । Jul 22 2016 12:48PM

वेस्टइंडीज के खिलाफ क्रिकेट टेस्ट के पहले दिन अर्धशतकीय पारी खेलने वाले सलामी बल्लेबाज शिखर धवन ने इसका श्रेय ‘बड़े दिल’ और कप्तान विराट कोहली और कोच अनिल कंबले के ‘समर्थन’ को दिया।

नार्थ साउंड (एंटीगा)। वेस्टइंडीज के खिलाफ पहले क्रिकेट टेस्ट के पहले दिन अर्धशतकीय पारी खेलने वाले सलामी बल्लेबाज शिखर धवन ने इसका श्रेय ‘बड़े दिल’ और कप्तान विराट कोहली और कोच अनिल कंबले के ‘समर्थन’ को दिया। धवन ने 84 रन की पारी खेली और अब उनके उपर से दबाव कुछ कम हुआ होगा क्योंकि मैच से पहले इस तरह की अटकलें थी कि अंतिम एकादश में उनकी जगह लोकेश राहुल को मौका मिल सकता है जिन्होंने अभ्यास मैच में लगातार दो अर्धशतक जड़े थे। धवन ने पहले दिन के खेल के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘‘अगर टीम का कप्तान और कोच आपका समर्थन कर रहा है तो मुझे लगता है कि यह किसी भी खिलाड़ी के लिए महत्वपूर्ण है और यह आपको काफी आत्मविश्वास देता है। यह मायने रखता है और आपके अंदर आत्मविश्वाश होना चाहिए कि आप यह कर सकते हो और यह प्रत्येक चीज का मिश्रण है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘पारी की शुरूआत करना सबसे कड़ा काम है और इसके लिए आपके पास बड़ा दिल होना चाहिए, जब आप नयी ताजा विकेट पर नयी गेंद का सामना कर रहे हो। गेंदबाज पूरी ऊर्जा के साथ गेंदबाजी करते हैं और एक सलामी बल्लेबाज के रूप में आपकी तकनीक अच्छी होनी चाहिए क्योंकि आपको काफी गेंद छोड़नी होती हैं और आपको धर्य की भी जरूरत होती है।’’

धवन ने कहा, ‘‘मध्यक्रम के बल्लेबाजों को भी इसकी जरूरत होती है लेकिन नयी गेंद की अपनी चुनौती होती है। विजय अच्छी गेंद पर आउट हुआ और यह काफी तेज गेंद थी। इस नजर से मैं भाग्यशाली रहा क्योंकि गैब्रियल काफी अच्छी गेंदबाजी कर रहा था।’’ बायें हाथ का यह बल्लेबाज हालांकि थोड़ा निराश है कि लेग स्पिनर देवेंद्र बिशू की गेंद पर पगबाधा आउट होने के कारण वह शतक पूरा नहीं कर पाया। उन्होंने कहा, ‘‘मैं निराश हूं कि मैं उस समय आटड हो गया जब मैं जम चुका था और रन बना रहा था। मैंने क्रीज पर पर्याप्त समय बिताया था और शतक जड़ने के इतने करीब पहुंचा।’’ धवन ने कहा, ‘‘साथ ही मैं खुश भी हूं कि मैंने अच्छी शुरूआत की और आगामी मैचों में भी अच्छा प्रदर्शन जारी रखने की कोशिश करूंगा। मैं जिस फार्म में हूं उसका फायदा उठाना चाहता हूं।’’ धवन ने पहले सत्र में डटकर बल्लेबाजी की जबकि गैब्रियल प्रभावी गेंदबाजी कर रहे थे। उन्होंने कहा, ‘‘मैंने महसूस किया कि पहले सत्र में विकेट ताजा है और गेंदबाजी काफी अच्छी हो रही थी। इसलिए मैं अच्छी गेंदों का सम्मान कर रहा था और मुझे पता था कि मैं जोखिम नहीं उठा सकता क्योंकि विकेट पर अतिरिक्त उछाल है। इसलिए मैंने शरीर के करीब शाट खेले और जल्दबाजी में नहीं था।''

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