नवदीप सैनी को लेकर आपस में भिड़े बिशन सिंह बेदी और गौतम गंभीर

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[email protected] । Aug 5 2019 10:07AM

पूर्व भारतीय सलामी बल्लेबाज गंभीर ने बेदी और चौहान पर आरोप लगाया था कि इन दोनों ने दिल्ली की रणजी टीम में सैनी के प्रवेश को रोकने का प्रयास किया था।

नयी दिल्ली। युवा भारतीय तेज गेंदबाज नवदीप सैनी को लेकर पूर्व कप्तान बिशन सिंह बेदी और सलामी बल्लेबाज गौतम गंभीर के बीच रविवार को जमकर वाकयुद्ध चला।  बेदी ने कहा था कि वह गंभीर की तरह नहीं गिर सकते। इस पर गंभीर ने बेदी पर आरोप लगाया कि वह भाई भतीजावाद में लिप्त थे और उन्होंने अपने बेटे अंगद को दिल्ली की आयु वर्ग की टीमों में शामिल करने के प्रयास किये थे।  इनके बीच आपसी द्वंद्व करनाल में जन्में सैनी के वेस्टइंडीज के खिलाफ पहले टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच में शानदार पदार्पण करने के बाद शुरू हुआ। गंभीर ने इसके बाद पूर्व कप्तान बिशन सिंह बेदी और चेतन चौहान पर फिर तीखा हमला बोला था। दिल्ली क्रिकेट के विभिन्न मुद्दों पर गंभीर और बेदी के मतभेद किसी से छुपे नहीं है। बेदी ने 2013 में सैनी को दिल्ली की टीम में चुने जाने का विरोध किया था। उन्होंने सैनी के प्रथम श्रेणी पदार्पण से एक दिन पहले डीडीसीए के तत्कालीन अध्यक्ष स्नेह बंसल को पत्र लिखकर नाराजगी जतायी थी। 

इस 26 साल के तेज गेंदबाज ने शनिवार को वेस्टइंडीज के खिलाफ लॉडरहिल में 17 रन देकर तीन विकेट चटकाये और भारत को चार विकेट से जीत दिलाने में अहम भूमिका निभायी थीं उनके इस प्रदर्शन पर गंभीर ने ट्वीट किया, ‘‘नवदीप सैनी आपने भारत के लिये पदार्पण पर शानदार प्रदर्शन किया। तुमने गेंदबाजी करने से पहले ही बिशन बेदी और चेतन चौहान को आउट करके दो विकेट ले लिये। एक ऐसे खिलाड़ी को पदार्पण करते हुए देखना उनके मिडिल स्टंप उखाड़ना ही है जिन्होंने मैदान पर उतरने से पहले ही उसे बाहर कर दिया था। शर्मनाक। ’’  बेदी से जब गंभीर के बयान के बारे में पूछा गया तब उन्होंने पीटीआई से कहा, ‘‘ मुझे नहीं लगता कि मुझे गौतम गंभीर की तरह गिरने की जरूरत है। मैं ट्विटर पर दिये गये उनके बयान पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दूंगा। मैंने नवदीप सैनी के बारे में कभी कुछ नकारात्मक नहीं कहा। इसके साथ ही अगर किसी ने कुछ हासिल किया है तो यह उसकी प्रतिभा है ना कि किसी और की वजह से।’’ गंभीर भी चुप नहीं बैठे और उन्होंने बेदी के बेटे अंगद को भी विवाद में घसीट दिया। 

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गंभीर ने ट्वीट किया, ‘‘बिशन बेदी ‘गिरी हुई हरकत’ की बात कर रहे हैं, वह कौन था जिसने अपने अयोग्य बेटे का चयन करवाना चाहा था या चेतन चौहान जो डीडीसीए टीम में अपने भतीजे को रखने पर अड़े हुए थे। ’’ पूर्व भारतीय सलामी बल्लेबाज गंभीर ने बेदी और चौहान पर आरोप लगाया था कि इन दोनों ने दिल्ली की रणजी टीम में सैनी के प्रवेश को रोकने का प्रयास किया था। गंभीर ने इन दोनों पूर्व खिलाड़ियों पर फिर से निशाना साधा। बेदी ने हालांकि इस आरोपों को खारिज किया कि उन्होंने कभी सर्वाजनिक रूप से हरियाणा के सैनी के दिल्ली टीम का प्रतिनिधित्व करने पर सवाल उठाया हो। उन्होंने कहा, ‘‘ मैं कौन हूं? मैं डीडीसीए में किसी पद पर नहीं था। मैं देख रहा हूं संसद सदस्य बनने के बाद भी उसके (गंभीर) व्यवहार में बदलाव नहीं आया। यह पहली बार नहीं है जब गंभीर ने बेदी और चौहान को आड़े हाथों लिया हो। पिछले साल अफगानिस्तान के खिलाफ एकमात्र टेस्ट के लिए सैनी के भारतीय टीम में जगह बनाने के बाद भी उन्होंने ऐसा किया था, हालांकि वह उस टेस्ट में नहीं खेले थे। सैनी के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘‘ वह शानदार खिलाड़ी है। लेकिन मैंने उसे सिर्फ टेलीविजन पर देखा है। उसने अभी भारत के लिए सिर्फ एक मैच खेला है उसे अभी थोड़ा और समय देना चाहिए।’’ भाजपा के पूर्व सांसद और उत्तर प्रदेश सरकार के मौजूदा मंत्री चौहान ने ट्वीट कर गंभीर को जवाब दिया।  उन्होंने लिखा,‘‘ दिल्ली क्रिकेट संघ की नियमों के मुताबिक दूसरे राज्यों के क्रिकेटरों के लिए एक साल का कूलिंग पीरियड (इंतजार का समय) रखा गया है। इस मामले में प्रतिभा और क्षमता की बात ही नहीं है। खुद को महिमामंडित करने के लिये दूसरों को छोटा दिखाने की कोशिश मत करो।’’

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