कनाडा ने भारतीय हॉकी टीम को 2-2 से बराबरी पर रोका
![](https://images.prabhasakshi.com/2016/8/2016_8$largeimg13_Aug_2016_110019810.jpg)
भारतीय पुरूष हॉकी टीम रियो ओलंपिक के अपने आखिरी पूल मैच में दो मौकों पर मिली बढ़त को भुनाने में नाकाम रही और कमजोर माने जा रहे कनाडा के खिलाफ उसे 2-2 से ड्रा से संतोष करना पड़ा।
रियो डि जिनेरियो। भारतीय पुरूष हॉकी टीम रियो ओलंपिक के अपने आखिरी पूल मैच में दो मौकों पर मिली बढ़त को भुनाने में नाकाम रही और कमजोर माने जा रहे कनाडा के खिलाफ उसे 2-2 से ड्रा से संतोष करना पड़ा। भारत की तरफ से आकाशदीप सिंह (33वें) और रमनदीप सिंह (41वें मिनट) ने गोल किये जबकि कनाडा के लिये दोनों गोल स्काट टपर (33वें और 52वें मिनट) ने किये। कनाडा के खिलाड़ी ने दोनों बार पेनाल्टी कार्नर को गोल में तब्दील करने में सफलता प्राप्त की। भारतीय टीम पहले ही क्वार्टर फाइनल में पहुंच चुकी थी और इस प्रकार ग्रुप चरण को भारत ने दो जीत, दो हार और एक ड्रा की मदद से सात अंकों के साथ खत्म किया। विश्व रैंकिंग और फार्म को देखते हुए ऐसा माना जा रहा था कि भारतीय टीम कनाडा को आसानी से शिकस्त दे देगी और टीम ने शुरुआत भी कुछ इस प्रकार से ही की। भारतीय खिलाड़ियों ने कई मौके बनाये लेकिन कनाडा के गोलकीपर के नेतृत्व में उसकी रक्षा पंक्ति को भेदने में विफल रही और गोलकीपर ने तीन बेहतरीन बचाव कर अपनी टीम की हार को टाल दिया। दूसरी तरफ कनाडा अपने ही हाफ में ज्यादा खेलता रहा और उसने जवाबी हमलों पर ध्यान दिया। मैच में भारत कम-से-कम दो बार भाग्य के सहारे बच गया क्योंकि कनाडा के खिलाड़ियों ने दो बार जवाबी हमला करते हुए गोल करने की कोशिश की थी।
भारत ने पहले दो क्वार्टर में मैच पर अपना वर्चस्व बनाये रखा और आठवें मिनट में ही गोल करने का मौका बना लिया लेकिन निक्किन थिमैया के रिवर्स हिट को कार्टर ने रोक लिया। लगभग पांच मिनट बाद एक बार कार्टर ने अपने टीम के लिए शानदार बचाव किया और निक्किन को गोल करने से रोका। इसके तुरंत बाद भारत ने पहला पेनाल्टी कार्नर हासिल किया लेकिन वीआर रघुनाथ के प्रयास को डिफेंडर ने रोकने में कामयाबी हासिल की। हालांकि इसके बाद जवाबी हमला करते हुए कनाडा ने मैच में बढ़त लेने की कोशिश की लेकिन मैथ्यू गेस्ट का प्रयास गोल पोस्ट से काफी दूर रहा, जिससे भारतीयों ने राहत की सांस ली। इसके बाद 18वें मिनट में भारत ने गोल करने का सबसे अच्छा मौका बनाया तब मनप्रीत सिंह और एसके उथप्पा ने एक साथ कनाडा के डी क्षेत्र में प्रवेश किया लेकिन एक बार फिर गोल और भारतीय टीम के बीच कार्टर आ गये और उन्होंने अपनी टीम के लिए एक बार फिर शानदार काम किया। दो क्वार्टर के गोलरहित छूटने के बाद तीसरे क्वार्टर की शुरुआत में ही भारतीय टीम ने गोल के लिए अपने प्रयास को तेज कर दिये। हालांकि भारत को ज्यादा इंतजार नहीं करना पड़ा और आकाशदीप ने कार्नर को गोल में तब्दील कर दिया। भारत इस बढ़त को ज्यादा देर तक बनाकर नहीं रख सका और कनाडा ने अपने पहले पेनाल्टी कार्नर को गोल में बदल दिया। टीम के लिए यह कर दिखाया टपर ने। टपर के इस गोल के बाद भारतीय टीम एक और गोल की तलाश में जुट गयी और 41वें मिनट में रमनदीप ने मैच का तीसरा और अपने टीम के लिए दूसरा गोल दागकर एक बार फिर भारत को बढ़त दिला दी। कनाडा को एक बार फिर पेनाल्टी कार्नर मिला लेकिन इस बार भारतीय कप्तान श्रीजेश ने शानदार बचाव कर टीम की बढ़त को बरकरार रखा।
चौथे क्वार्टर के आखिरी दस मिनटों में भारत ने कनाडा को अनावश्यक पेनाल्टी कार्नर दे दिया। दरअसल बचाव के क्रम में निक्किन ने अनावश्यक फाउल किया, जिसके बाद उन्हें निलंबित कर दिया और कनाडा को एक और पेनाल्टी कार्नर मिल गया। इस पेनाल्टी कार्नर को एक बार फिर टपर ने गोल में तब्दील कर अपनी टीम को बराबरी पर ला खड़ा किया। इसके बाद गोल करने के लिए बेचैन भारतीय टीम ने चौतरफा हमला शुरू कर दिया और एक अतिरिक्त फारवर्ड के लिए श्रीजेश को बिठा दिया लेकिन वह कनाडा की रक्षा पंक्ति को भेदने में विफल रही। विश्व में 15वें स्थान पर काबिज कनाडा के साथ मैच का ड्रा पर छूटना पांचवें स्थान पर काबिज भारत के लिए निराशाजनक रहा। हालांकि इसके बावजूद टीम अपने पूल में तीसरे स्थान पर है।
अन्य न्यूज़