इंग्लैड में बदलते मौसम भारतीय टीम के लिए चुनौती, रहाणे बोले- धैर्य रखना जरूरी
भारतीय टीम के उपकप्तान अंजिक्य रहाणे ने आज यहां कहा कि इंग्लैंड के बदलते मौसम में 20 विकेट लेने के लिए गेंदबाजों को धैर्य रखना होगा जिन्हें अच्छी बल्लेबाजी का भी सामना करना पड़ेगा।
बर्मिंघम। भारतीय टीम के उपकप्तान अंजिक्य रहाणे ने आज यहां कहा कि इंग्लैंड के बदलते मौसम में 20 विकेट लेने के लिए गेंदबाजों को धैर्य रखना होगा जिन्हें अच्छी बल्लेबाजी का भी सामना करना पड़ेगा।भारत और इंग्लैंड के बीच पांच मैचों की टेस्ट क्रिकेट श्रृंखला एक अगस्त से शुरू हो रही है। पहले मैच के शुरू होने से दो दिन पहले रहाणे ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘ इंग्लैंड में हमेशा गेंदबाजों को मदद मिलती हैं, लेकिन इसका यह मतलब नहीं कि यह गेंदबाजों के लिए आसान होने वाला है। उन्हें धैर्य रखना होगा और सही जगह गेंदबाजी करनी होगी। उन्हें दोनों छोर से विकेट लेने की कोशिश करने की जगह अपने कौशल से खेलना होगा।’’
उन्होंने कहा, ‘‘अगर एक गेंदबाज ठीक से सहायक की भूमिका निभाता है तो इस से विकेट लेना आसान हो जाता है। सफलता के लिए धैर्य से एक जगह गेंदबाजी करना जरूरी हैं।’’ रहाणे ने कहा, ‘‘ हमारे गेंदबाजों के लिए यह दिखाने का अच्छा मौका है कि वे टेस्ट मैचों में नियमित तौर पर 20 विकेट ले सकते हैं, जैसा हमने दक्षिण अफ्रीका में किया था। किसी ने यह उम्मीद नहीं की होगी कि हम तीनों टेस्ट मैच में 20 विकेट लेंगे।’’ भारतीय उपकप्तान ने कहा, ‘‘ इसके साथ ही हमें गेंदबाजों पर अतिरिक्त दबाव नहीं बनाना चाहिए और उन्हें गेंदबाजी का लुत्फ उठाने देना चाहिए। उन्हें खुद का समर्थन करना चाहिए और यह सोचना चाहिए की भारतीय आक्रमण दुनिया में सर्वश्रेष्ठ हैं।’’
रहाणे को लगता है कि भुवनेश्वर कुमार की गैरमौजूदगी में भी भारतीय आक्रमण काफी मजबूत हैं। उन्होंने कहा, ‘‘ हमारे तेज गेंदबाज काफी अनुभवी हैं। मोहम्मद शमी और उमेश यादव 2014 के दौरे पर भी यहां आए थे। वे हमारे लिए भारत में और भारत से बाहर शानदार प्रदर्शन कर रहे हैं। दक्षिण अफ्रीका में हमने 60 विकेट लिए और हमारे तेज गेंदबाजों ने शानदार गेंदबाजी की। टीम में इशांत शर्मा भी है जिन्होंने यहां हाल में काउंटी क्रिकेट खेली है।’’ बारिश के कारण कल भारतीय टीम का अभ्यास नहीं कर सकीं थी लेकिन टीम ने आज जमकर पसीना बहाया। उन्होंने कहा, ‘‘ इंग्लैंड में धैर्य रखना जरूरी है। यह मौसम के मिजाज पर निर्भर करता है। अगर धूप हुई तो बल्लेबाजी आसान होती है लेकिन अगर बादल छा गये तो स्थिति गेंदबाजों के मुफीद होती हैं।
बल्लेबाजी इकाई के तौर पर मेरा मानना है कि खुद को चुनौती देना और अपने खेल का समर्थन करना जरूरी है न कि दूसरे के खेलने के तरीका का नकल करना। भारतीय टीम 2007 के बाद पहली बार इंग्लैंड में श्रृंखला जीतने के इरादे से उतरेगी जिसके लिए रहाणे ने टीम में बेहतर संवाद को जरूरी बताया। उन्होंने कहा, ‘‘ आपको अच्छे से संवाद करना होगा जो ऐसे मौसम में बहुत जरूरी है। अगर कोई लय में है और 70-80 रन बना लेता है तो उसे मौसम बदलने का इंतजार करना होगा। उसे मौसम और गेंदबाजों का सम्मान करना होगा।’’ भारतीय उपकप्तान के लिए पिछला दौरा (2014) अच्छा रहा था जिसमें उन्होंने लार्ड्स के मैदान में शतक के साथ श्रृंखला में 299 रन बनाये थे। पांच टेस्ट मैचों में उन्होंने दो अर्धशतकीय पारियां भी खेली थी। उन्होंने कहा, ‘‘ हम यहां 2014 में भी आए थे और हमें पता है कि अच्छा क्रिकेट खेलने के लिए क्या जरूरी है। हम नतीजे के बारे में सोचे बिना अच्छा क्रिकेट खेलने की कोशिश करेंगे। अगर आप नतीजे के बारे में सोचते है तो खुद पर दबाव बना रहे है।’’
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