फिल्म दंगल से प्रेरित कोच कुक की चाहत, कुश्ती में विश्व स्तर पर रहे भारत का दबदबा

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[email protected] । Sep 12 2019 4:48PM

दंगल’ फिल्म से प्रेरित एंड्रयू कुक ‘वैज्ञानिक तकनीक’ के साथ भारत आए जिससे देश को कुश्ती में महाशक्ति बना सकें और अमेरिका का यह कोच इसे हकीकत में बदलने को लेकर आश्वस्त है। भाषा के गतिरोध के कारण कुक की शुरुआत धीमी रही लेकिन इस कोच ने कहा है कि उन्होंने भारतीय महिला पहलवानों से मजबूत रिश्ता बना लिया है।

नूर सुल्तान (कजाखस्तान)। ‘दंगल’ फिल्म से प्रेरित एंड्रयू कुक ‘वैज्ञानिक तकनीक’ के साथ भारत आए जिससे देश को कुश्ती में महाशक्ति बना सकें और अमेरिका का यह कोच इसे हकीकत में बदलने को लेकर आश्वस्त है। भाषा के गतिरोध के कारण कुक की शुरुआत धीमी रही लेकिन इस कोच ने कहा है कि उन्होंने भारतीय महिला पहलवानों से मजबूत रिश्ता बना लिया है। भारतीय महिला टीम के विदेशी कोच कुक को भारतीय शैली अमेरिका से अलग लगती है लेकिन चीजों में आमूलचूल बदलाव लाने के लिए उन्हें कोई जल्दबाजी नहीं है।

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कुक का मानना है कि नयी शैली को अपनाना संगीत वाद्ययंत्र सीखने के समान है जो शुरुआत में रोचक और परफेक्ट नहीं लगता। कुक ने कहा कि यहां चीजें अमेरिका से अलग हैं। मैं जो सिखता हूं वह उससे काफी अलग शैली है जो वे अपने जीवन में कर रहे हैं। मैं रातों रात चीजों को बदलने का प्रयास नहीं करूंगा। उन्होंने कहा कि शुरुआत में मैं सिर्फ मुख्य चीजों पर ध्यान देना चाहता हूं। जैसे-जैसे हम आगे बढ़ेंगे वे मुझे समझने लगेंगे। मैं चाहता हूं कि हम अमेरिका, चीन और जापान को हरा पाएं। मैं चाहता हूं कि हम प्रत्येक टूर्नामेंट, प्रत्येक मैच जीतें।

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दोनों देशों की कुश्ती शैली में अंतर के बारे में बताते हुए कुक ने कहा कि भारतीय टीम काफी कड़ी मेहनत करती है और कभी कभी वह टूर्नामेंट से पहले जरूरत से ज्यादा ट्रेनिंग कर लेते हैं लेकिन अमेरिका में हम धीरे धीरे काम करते हैं और रणनीति पर अधिक ध्यान देते हैं। उन्होंने कहा कि हम इस पर ध्यान देते हैं कि अच्छी स्थिति में आकर कैसे जीतना है। वे निश्चित तकनीक का दो घंटे तक अभ्यास करते हैं।

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यह पूछने पर कि क्या भारतीय आदर्श तरीके से अभ्यास नहीं करते, कुक ने कहा कि मैं यह नहीं कहूंगा कि यह आदर्श है या नहीं लेकिन मैं जो करता हूं वह यह है कि जो वे कर रहे हैं उसे वैज्ञानिक तरीके से करवाता हूं। जैसे कि कैसे किसी टूर्नामेंट के के करीब आने पर अपने खेल के शीर्ष पर होना। ऐसा नहीं है कि वे पहले से ऐसा नहीं कर रहे लेकिन मैं उनकी और अधिक मदद कर सकता हूं। लड़कियों ने स्पेन और तुर्की में जो किया वह इसका उदाहरण है कि क्या होने वाला है।

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