अपनी टाइमिंग बेहतर कर सकती थी: ललिता बाबर
रियो ओलंपिक में महिलाओं की 3000 मीटर स्टीपलचेस में फाइनल में 10वें स्थान पर रही ललिता बाबर का मानना है कि वह अपनी टाइमिंग बेहतर कर सकती थी।
रियो डि जिनेरियो। रियो ओलंपिक में महिलाओं की 3000 मीटर स्टीपलचेस में फाइनल में 10वें स्थान पर रही ललिता बाबर का मानना है कि वह अपनी टाइमिंग बेहतर कर सकती थी। ललिता ने कहा, ''मैं फिनिश से संतुष्ट हूं लेकिन टाइमिंग से नहीं। कुल मिलाकर मैं शीर्ष 10 में रहकर खुश हूं लेकिन मैं अपनी टाइमिंग बेहतर कर सकती थी। मेरा लक्ष्य नौ मिनट 15 सेकंड से नीचे जाना था।’’ उसने कहा, ''मैं अपने प्रदर्शन से खुश नहीं हूं और मेरा मानना है कि हीट में मेरा प्रदर्शन बेहतर हो सकता था।’’
पीटी उषा (1984) के बाद ओलंपिक ट्रैक स्पर्धा के फाइनल में जगह बनाने वाली पहली भारतीय महिला ललिता ने कहा कि ‘पायोली एक्सप्रेस’ ने उसे शुभकामना दी थी। उसने कहा, ''उषा ने शुरूआत से पहले मुझे शुभकामना दी थी और मैने कहा था कि मैं अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करना चाहती हूं। मैं हालांकि अपनी टाइमिंग नहीं सुधार सकी।’’ हीट के दौरान एक बाधा से टकराई ललिता के घुटने में दर्द था लेकिन उसने कहा कि इससे ज्यादा फर्क नहीं पड़ा। उसने कहा कि वह गर्म मौसम देखकर हैरान रह गई। उसने कहा, ''दौड़ते समय चोट लग जाती है लेकिन मेरा लक्ष्य हीट की टाइमिंग से बेहतर करना था। मौसम गर्म था लेकिन इसका असर सभी पर पड़ा। मैं इसे दोष नहीं दे सकती। लंबी दूरी की दौड़ में शीर्ष 10 में आना काफी मुश्किल है। प्रतियोगिता काफी कठिन होती है।''
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