विश्व कप में पहली बार खेल रहे क्रिकेटरों पर होगी बड़ी जिम्मेदारी
जिस तरह भारतीय तेज आक्रमण बुमराह पर निर्भर है उसी तरह अफगानिस्तान की टीम राशिद खान की गेंदबाजी पर निर्भर रहेगी। अक्टूबर 2015 में अंतरराष्ट्रीय मैचों में पदार्पण करने वाले राशिद ने अपनी फिरकी से सबको चौकाया है।
नयी दिल्ली। इंग्लैंड में 30 मई से शुरू हो रहे क्रिकेट के सबसे बड़े महाकुंभ में कई बड़े सितारे खुद की उपयोगिता साबित करना चाहेंगे तो वही अपनी टीम को चैम्पियन बनाने में नये खिलाड़ियों की भूमिका भी अहम होगी। विश्व कप में भाग ले रही 10 टीमों में 81 ऐसे खिलाड़ी है जिनका यह पहला विश्व कप है। इन खिलाड़ियों में भारत के जसप्रीत बुमराह, पाकिस्तान के फखर जमां, अफगानिस्तान के राशिद खान, वेस्टइंडीज के शाई होप और इंग्लैंड के जॉनी बेयरस्टा ने पदार्पण के बाद से लगातार शानदार प्रदर्शन किया है और उनकी टीमों को विश्प कप में उनसे काफी उम्मीदें है। जसप्रीत बुमराह ने एकदिवसीय क्रिकेट में 2016 में पदार्पण करने के बाद से ही भारतीय गेंदबाजी की रीढ़ बने हुए है। इस तेज गेंदबाज ने 49 मैचों में 22.15 की औसत से 85 विकेट लिये है। फटाफट क्रिकेट के इस दौर में भी उनका इकॉनोमी रेट 4.51 का रहा है। बुमराह की सबसे बड़ी खासियत नयी और पुरानी गेंद पर एक समान पकड़ है। वह पारी की शुरूआत में विकेट निकालने में सफल रहे है और आखिरी की ओवरों में उनकी यॉर्कर का ज्यादातर बल्लेबाजों के पास कोई जवाब नहीं।
#TeamIndia out and about in Cardiff ahead of the 2nd warm-up game at #CWC19 📸📸 pic.twitter.com/CLQwPDOnyp
— BCCI (@BCCI) May 27, 2019
जिस तरह भारतीय तेज आक्रमण बुमराह पर निर्भर है उसी तरह अफगानिस्तान की टीम राशिद खान की गेंदबाजी पर निर्भर रहेगी। अक्टूबर 2015 में अंतरराष्ट्रीय मैचों में पदार्पण करने वाले राशिद ने अपनी फिरकी से सबको चौकाया है। पदार्पण के बाद वह एकदिवसीय में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज है। उन्होंने 15.08 की औसत से 125 विकेट लिये है। एकदिवसीय क्रिकेट में 23 का स्ट्राइक रेट रखने वाले इस गेंदबाज का इकॉनोमी रेट 3.91 का है। गेंदबाजी के साथ वह निचले क्रम में तेजी से बल्लेबाजी भी कर सकते है। उनके नाम चार अर्धशतक भी है। अफगानिस्तान के लिए वह तुरूप का इक्का है। पाकिस्तान के सलामी बल्लेबाज फखर जमां भी ऐसे खिलाड़ी है जिनकी बल्लेबाजी पर सब की नजर रहेगी। दो बरस पहले भारत के खिलाफ चैम्पियंस ट्राफी फाइनल में शतक जमाकर पाकिस्तान क्रिकेट के नूरे नजर बने इस खिलाड़ी ने हर परिस्थिति में रन बनाकर अपनी उपयोगिता साबित की है। नौसेना से क्रिकेट में 29 साल के इस बल्लेबाज ने 36 एकदिवसीय में 51.31 की शानदार औसत और 98.14 की स्ट्राइक रेट से 1642 रन बनाये है। वह एकदिवसीय में दोहरा शतक लगाने वाले पाकिस्तान के एकलौते बल्लेबाज है।
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फखर जमां की तरह वेस्टइंडीज के शीर्ष क्रम के बल्लेबाज शाई होप का औसत भी 50 से अधिक का है। 25 साल के इस खिलाड़ी ने 54 मैचों में 51.06 की औसत से 2247 रन बनाये है जिसमें छह शतक शामिल है। होप का प्रदर्शन सलामी बल्लेबाज के तौर पर और भी दमदार है जहां उन्होंने चार शतकीय पारियों के साथ 121 की औसत से रन बनाये है। होप पर टीम की बल्लेबाजी को स्थिरता देनी की चुनौती होगी। विश्व कप के अभियान में वह अपनी टीम के सबसे बड़े ‘होप’ में से एक होंगे। इंग्लैंड का प्रदर्शन काफी हद तक लय में चल रहे जॉनी बेयरस्टॉ पर निर्भर करेगा। आईपीएल में 55.62 की औसत से 10 मैचों में 445 रन बनाने वाले बेयरस्टॉ की सबसे बड़ी खासियत तेज और स्पिन गेंदबाजी के सामने शानदार बल्लेबाजी है। उन्होंने 63 एकदिवसीय में 47.53 की औसत से 2329 रन बनाये है लेकिन घरेलू हालात में वह और भी खतरनाकबन जाते है। इंग्लैंड में उन्होंने 63.21 की औसत से 1454 रन बनाये है। इन पांचों खिलाड़ियों के अलावा हार्दिक पंड्या (भारत), मार्कस स्टोइनिस (ऑस्ट्रेलिया), जेसन रॉय (इंग्लैंड), निकोलस पूरन (वेस्टइंडीज), कॉलिन डी ग्रैंडहोम (न्यूजीलैंड), बाबर आजम (पाकिस्तान), कागिसो रबाडा (दक्षिण अफ्रीका) के प्रदर्शन पर भी सबकी नजरें होंगी।
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