विवादों के बावजूद कोरिया के खिलाफ भारत के पलड़ा भारी

[email protected] । Jul 14 2016 4:13PM

भारत को उम्मीद है कि कोरिया के खिलाफ एशिया ओशियाना ग्रुप वन डेविस कप मुकाबले में रामकुमार रामानाथन और साकेत माइनेनी उसके लिये बेहतरीन प्रदर्शन करेंगे।

चंडीगढ। एकल खिलाड़ियों को लगी चोटों और रियो जाने वाले युगल खिलाड़ियों के बीच आपस में विश्वास के अभाव के बावजूद भारत को उम्मीद है कि कोरिया के खिलाफ एशिया ओशियाना ग्रुप वन डेविस कप मुकाबले में रामकुमार रामानाथन और साकेत माइनेनी उसके लिये बेहतरीन प्रदर्शन करेंगे। इक्कीस बरस के रामकुमार पहली बार डेविस कप खेलेंगे क्योंकि युकी भांबरी और सोमदेव देववर्मन चोटिल हैं। चेन्नई के इस खिलाड़ी की उर्जा, जुनून और तेज तर्रार स्ट्रोक्स का कोई जवाब नहीं खासकर जब वह फोरहैंड पर खेलता है लेकिन लगातार अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाने से वह आगे नहीं जा सके। उनके लिये डेविस कप मैच जीतकर अपनी साख बेहतर करने का मौका है। उन्होंने कुछ कठिन मैच जीते हैं लेकिन कुछ करीबी मुकाबले हारे भी हैं। माइनेनी के साथ मिलकर वह कोरियाई खिलाड़ियों की परेशानी का सबब बन सकते हैं। कोरिया अपने सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी हियोन चुंग के बिना यहां आई है। उनकी गैर मौजूदगी में कोरियाई खेमे में सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी सियोंग चान होंग है जिनकी एटीपी एकल रैंकिंग 427 है। योंग क्यू लिम (626), युनसियोंग चुंग (628) और होंग चुंग (655) बाकी खिलाड़ी हैं। दूसरी ओर भारतीय टीम में अपेक्षाकृत अधिक अनुभवी खिलाड़ी हैं। माइनेनी तीन मैच खेल चुके हैं और सिर्फ एक युगल मैच हारे हैं। हाल ही में वह कंधे की चोट से उबरे हैं और उनके लिये फिटनेस बरकरार रखना अहम होगा।

ग्रास दोनों टीमों का पसंदीदा कोर्ट नहीं है लेकिन भारत ने इसे तरजीह दी क्योंकि कोरियाई टीम इस पर सहज नहीं होगी। इससे भारतीयों को फायदा मिलेगा जिन्होंने इस पर काफी खेला है। भारत में 2008 के बाद पहली बार डेविस कप ग्रासकोर्ट पर हो रहा है। उस समय दिल्ली में भारत ने जापान को करीबी मुकाबले में 3–2 से हराया था। सोमदेव देववर्मन की अगुवाई में नये एकल खिलाड़ी हार्डकोर्ट पर अधिक सहज महसूस करते हैं। खराब फार्म और पैर की चोट के कारण सोमदेव इस मैच से बाहर हैं। एआईटीए चाहता है कि रियो ओलंपिक के लिये चुनी गई युगल टीम रोहन बोपन्ना और लिएंडर पेस इस मुकाबले के जरिये अपने आपसी मतभेदों को दूर कर लें। बोपन्ना रियो में पेस के साथ नहीं खेलना चाहते थे और उनकी पसंद माइनेनी थे। पेस युगल में महानतम खिलाड़ियों में से है और बोपन्ना ने भी यदाकदा अच्छा प्रदर्शन किया है। कोरियाई प्रतिद्वंद्वियों से ज्यादा उनके आपसी मतभेद ही उनके सबसे बड़े दुश्मन हैं जिसका खामियाजा टीम को भुगतना पड़ सकता है। दोनों यदि रियो खेलों से पहले तालमेल बना सकें तो भारत के लिये यह बहुत अच्छा होगा। इस मुकाबले के विजेता को विश्व ग्रुप प्लेआफ में जगह मिलेंगे जहां सामना चीन या उजबेकिस्तान से होगा।

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