पृथ्वी की तुलना मत करो, उसे क्रिकेटर के रूप में उभरने दो: कोहली

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[email protected] । Oct 11 2018 1:53PM

कोहली ने कहा, ‘‘लेकिन यह दबाव 10-15 साल पहले जैसा नहीं है जब आपको इस तरह की क्रिकेट खेलने का कोई अनुभव नहीं रहता था और अचानक ही आपको भारत की तरफ से टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण करना होता था। ’’

हैदराबाद। भारतीय कप्तान विराट कोहली ने गुरुवार को युवा पृथ्वी शॉ की किसी अन्य से तुलना नहीं करने और उन्हें एक क्रिकेटर के रूप में विकसित होने के लिये पर्याप्त स्थान देने की अपील की। शॉ ने वेस्टइंडीज के खिलाफ राजकोट में अपने पदार्पण मैच में ही 134 रन बनाये जिसके बाद उनकी सचिन तेंदुलकर और वीरेंद्र सहवाग से तुलना की जाने लगी थी। वेस्टइंडीज के खिलाफ दूसरे टेस्ट मैच की पूर्व संध्या पर कोहली ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘मुझे नहीं लगता कि उसको लेकर अभी किसी फैसले पर पहुंच जाना चाहिए। आपको इस युवा खिलाड़ी अपनी क्षमता के अनुसार आगे बढ़ने के लिये पर्याप्त स्थान देना चाहिए। वह बेहद प्रतिभाशाली है और जैसा हर किसी ने देखा कि वह कौशल से परिपूर्ण है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हम निश्चित तौर पर चाहते हैं कि उसने पहले मैच में जैसा प्रदर्शन किया उसकी पुनरावृत्ति करे। वह सीखने का इच्छुक है और तेजतर्रार है। वह परिस्थिति का अच्छी तरह से आकलन करता है। हम सभी उसके लिये खुश हैं।’’ कोहली ने सलामी बल्लेबाज गौतम गंभीर से भी सहमति जतायी जिन्होंने बुधवार को कहा था कि लोगों को पृथ्वी की तुलना वीरेंद्र सहवाग से नहीं करनी चाहिए। कोहली ने कहा, ‘‘हमें अभी उसकी तुलना किसी से नहीं करनी चाहिए। हमें उसे ऐसी स्थिति में नहीं रखना चाहिए जहां वह किसी तरह का दबाव महसूस करे। उसे हमें वह स्थान देना चाहिए जहां वह अपने खेल का लुत्फ उठाये और धीरे धीरे ऐसे खिलाड़ी के रूप में तैयार हो जैसा हम सभी चाहते हैं।’’

आईपीएल, भारत ए के दौरों और अंडर-19 टूर्नामेंट के सीधे प्रसारण से युवा जल्द ही अपनी पहचान बना रहे हैं और कोहली ने स्वीकार किया कि अब वे दबाव सहने के लिये बेहतर तरीके से तैयार रहते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘निश्चित तौर यह एक कारण हो सकता है क्योंकि वे उस माहौल में खेल चुके होते हैं जिसमें की अंतरराष्ट्रीय मैच खेला जाता है। लेकिन देश की तरफ से खेलने का हमेशा दबाव होता है। जब आप सुबह यह कैप पहनते हो तो आप थोड़ा नर्वस रहते हो और मुझे लगता है कि हर कोई यह दबाव महसूस करता है।’’

कोहली ने कहा, ‘‘लेकिन यह दबाव 10-15 साल पहले जैसा नहीं है जब आपको इस तरह की क्रिकेट खेलने का कोई अनुभव नहीं रहता था और अचानक ही आपको भारत की तरफ से टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण करना होता था। ’’

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