नाडा के निष्कर्ष के बाद अंतिम परिणाम: विजय गोयल
केंद्रीय मंत्री विजय गोयल ने लोकसभा में कहा कि इस मामले में डोपिंग-रोधी अनुशानात्मक एजेंसी की सुनवाई के आने वाले नतीजे का इंतजार है जिसके बाद अंतिम परिणाम आएगा।
नयी दिल्ली। डोपिंग जांच में विफल रहने के चलते पहलवान नरसिंह यादव के रियो ओलंपिक में जाने पर तलवार लटकी होने के मद्देनजर खेल और युवा मामलों के केंद्रीय मंत्री विजय गोयल ने लोकसभा में कहा कि इस मामले में डोपिंग-रोधी अनुशानात्मक एजेंसी की सुनवाई के आने वाले नतीजे का इंतजार है जिसके बाद अंतिम परिणाम आएगा। गोयल ने सदन में स्वत: संज्ञान लेते हुए दिये बयान में कहा कि राष्ट्रीय डोपिंग-रोधी एजेंसी (नाडा) की डोपिंग-रोधी अनुशासनात्मक समिति ने मामले में 23 और 27 जुलाई को सुनवाई की। 23 जुलाई की सुनवाई के अनुसार समिति ने नाडा को खिलाड़ी द्वारा जमा किये गये खाद्य पदार्थों का प्रयोगशाला में परीक्षण कराने का निर्देश दिया था। प्रयोगशाला ने रिपोर्ट दी कि खिलाड़ी द्वारा जमा किये गये खाद्य पदार्थों में कोई प्रतिबंधित पदार्थ का पता नहीं चला है। गोयल ने बताया कि अगली सुनवाई का नतीजा आना है जिसका इंतजार है। समिति के निष्कर्षों के बाद अंतिम परिणाम आएगा। इससे पहले उन्होंने अपने बयान में कहा कि नरसिंह पंचम यादव के नमूने 25 जून और पांच जुलाई 2016 को एकत्रित किये गये। 25 जून के नमूने में डोपिंग पॉजिटिव होने का पता चला। उन्हें ईमेल से सूचित कर दिया गया।
गोयल ने कहा, ‘‘नाडा के डोपिंग-रोधी नियमों के अनुसार पहलवान ने बी नमूने के विश्लेषण की अनुमति दी। 25 जून के नमूने बी को 21 जुलाई को पहलवान की मौजूदगी में खोला गया और उसका विश्लेषण किया गया और प्रयोगशाला ने रिपोर्ट दी। बी नमूने के विश्लेषण की रिपोर्ट में मीथेनडायनोन होने का पता चला। नाडा ने उन्हें अस्थाई रूप से निलंबित कर दिया।’’ उन्होंने अपने बयान में कहा कि इस बीच विश्व डोपिंग-रोधी एजेंसी (वाडा) की सलाह पर पांच जुलाई को पहलवान का एक और नमूना लिया गया। कथित जांच के नमूना ए का विश्लेषण 23 जुलाई को पॉजिटिव आया और खिलाड़ी को इस बारे में सूचित कर दिया गया। खिलाड़ी ने लिखित में दिया कि वह बी नमूने को अपनी मौजूदगी में खुलवाना नहीं चाहते। बयान के अनुसार वाडा और नाडा के नियमों के अनुसार किसी एथलीट की किसी भी समय, कहीं भी उसे पूर्व सूचना दिये बिना डोपिंग जांच की जा सकती है।
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