बंक बेड से पांच सितारा तक: महिला क्रिकेट के बदलावों की साक्षी रही है झूलन
‘बंक बेड’ और ट्रेन में बिना आरक्षण के यात्रा करने से लेकर बिजनेस क्लास के हवाई सफर और पांच सितारा होटलों में रहने तक महिला क्रिकेट में भारी बदलाव आये हैं जिसकी साक्षी रही है अनुभवी झूलन गोस्वामी।
दुबई। ‘बंक बेड’ और ट्रेन में बिना आरक्षण के यात्रा करने से लेकर बिजनेस क्लास के हवाई सफर और पांच सितारा होटलों में रहने तक महिला क्रिकेट में भारी बदलाव आये हैं जिसकी साक्षी रही है अनुभवी झूलन गोस्वामी। महिला क्रिकेट में 200 वनडे विकेट लेने वाली एकमात्र गेंदबाज झूलन ने नौ नवंबर से वेस्टइंडीज में शुरू हो रहे टी20 विश्व कप से पहले आईसीसी के लिये अपने कॉलम में लिखा, ‘मुझे याद है कि 2005 में पहले विश्व कप में हम बंक बेड में रहते थे। घरेलू मैचों के लिये बिना रिजर्वेशन के ट्रेन में सफर किया और ऐसे मैदानों पर खेला जिन पर घायल होने का काफी जोखिम रहता था।’
उन्होंने कहा कि हम कई टूर्नामेंटों में डोरमेट्री में भी रहे और जमीन पर गादी डालकर सोये। जब मैने खेलना शुरू किया था, तब से आज तक महिला क्रिकेट में काफी बदलाव आये हैं। विश्व कप के मैच नौ से 18 नवंबर तक गयाना और सेंट लूसिया में खेले जायेंगे। दोनों सेमीफाइनल और फाइनल क्रमश: एंटीगा में 22 और 24 नवंबर को होंगे। झूलन ने कहा कि मैं 2009 में पहले टी20 विश्व कप से अब तक सारे खेलती आई हूं। पहले पुरूष विश्व कप के साथ टूर्नामेंट होता था लेकिन उसमें पुरूषों के टूर्नामेंट के आगे महिलाओं का खेल दब जाता था।
अगस्त में वनडे क्रिकेट को अलविदा कहने वाली झूलन ने कहा, ‘सेमीफाइनल से पहले लोगों को महिलाओं के टूर्नामेंट के बारे में पता ही नहीं होता था क्योंकि सिर्फ सेमीफाइनल और फाइनल का ही प्रसारण होता था लिहाजा हमें वह प्रचार नहीं मिल पाता था जो मिलना चाहिये।’ उन्होंने कहा कि 2017 विश्व कप अब तक का सर्वश्रेष्ठ था लेकिन बदलाव 2009 के बाद से ही आने शुरू हो गए थे। उन्होंने कहा कि आईसीसी द्वारा आयोजित 2009 विश्व कप पहला महिला क्रिकेट टूर्नामेंट था। अचानक हमें सर्वश्रेष्ठ होटल, मैदान और दैनिक भत्ता मिलने लगा। घरेलू टूर्नामेंटों में भी बीसीसीआई ने हवाई यात्रा की सुविधायें दी।
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