मैराथन में गोपी 21वें स्थान पर, विश्व चैंपियनशिप में भारत का सफर समाप्त

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[email protected] । Oct 6 2019 12:42PM

अनु भाला फेंक के फाइनल में क्वालीफाई करने वाली पहली भारतीय महिला बनीं जबकि अविनाश ने तीन दिन में दो बार अपना राष्ट्रीय रिकार्ड तोड़ा। बीजिंग में 2015 विश्व चैंपियनशिप के फाइनल में तीन भारतीयों ने जगह बनाई थी जबकि 2017 में लंदन में हुई विश्व चैंपियनशिप के फाइनल में सिर्फ एक भारतीय पहुंचा था।

दोहा। एशियाई चैंपियन गोपी थोनाकल रविवार को यहां पुरुष मैराथन में 21वें स्थान पर रहे जबकि भारत ने विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप में अपने अभियान का अंत मिश्रित सफलता के साथ किया। भारत की 27 सदस्यीय टीम से किसी पदक की उम्मीद नहीं थी लेकिन इस विश्व चैंपियनशिप में टीम ने उम्मीदों से बेहतर प्रदर्शन किया और मिश्रित चार गुणा 400 मीटर रिले, पुरुष 3000 मीटर स्टीपलचेज और महिला भाला फेंक के फाइनल में जगह बनाने में सफल रही। लंबी कूद में 2003 में अंजू बाबी जार्ज का कांस्य पदक विश्व चैंपियनशिप में अब तक भारत का एकमात्र पदक है। फाइनल में जगह बनाने वाले स्टीपलचेज धावक अविनाश साब्ले और मिश्रित चार गुणा 400 मीटर टीम ने तोक्यो ओलंपिक 2020 के लिए भी क्वालीफाई किया जबकि भाला फेंक में अनु रानी आठवें स्थान पर रही।

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अनु भाला फेंक के फाइनल में क्वालीफाई करने वाली पहली भारतीय महिला बनीं जबकि अविनाश ने तीन दिन में दो बार अपना राष्ट्रीय रिकार्ड तोड़ा। बीजिंग में 2015 विश्व चैंपियनशिप के फाइनल में तीन भारतीयों ने जगह बनाई थी जबकि 2017 में लंदन में हुई विश्व चैंपियनशिप के फाइनल में सिर्फ एक भारतीय पहुंचा था। गोपी ने दो घंटे 15 मिनट और 57 सेकेंड का समय लिया और स्पर्धा को पूरा करने वाले 55 धावकों में शीर्ष हाफ में जगह बनाई। इस स्पर्धा का आयोजन लगभग 29 डिग्री सेल्सियस तापमान और लगभग 50 प्रतिशत आर्द्रता में किया गया। मध्यरात्रि से ठीक पहले हुई मैराथन की शुरुआत 73 धावकों ने की थी लेकिन 18 खिलाड़ी इसे पूरा नहीं कर पाए।

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चीन में 2017 में दो घंटे 15 मिनट और 48 सेकेंड के समय के साथ एशियाई मैराथन जीतने वाले गोपी ने मार्च में सोल में दो घंटे 13 मिनट और 39 सेकेंड का अपना सत्र का और निजी सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया था। गोपी हालांकि ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करने में नाकाम रहे जिसका क्वालीफाइंग स्तर दो घंटे 11 मिनट और 30 सेकेंड था। इथोपिया के लेलिसा देसिसा (दो घंटे 10 मिनट और 40 सेकेंड) और मोसिनेट गेरेम्यू (दो घंटे 10 मिनट और 44 सेकेंड) ने पहले दो स्थान पर कब्जा जमाया जबकि कीनिया के एमोस किपरुतो ने दो घंटा 10 मिनट और 51 सेकेंड के साथ कांस्य पदक जीता।

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शनिवार को भारत की पुरुष और महिला चार गुणा 400 मीटर रिले टीमों ने निराश किया जबकि भाला फेंक में शिवपाल सिंह भी विश्व चैंपियनशिप से बाहर हो गए। जिस्ना मैथ्यू, एमआर पूवम्मा, वीके विस्मया और वेंकटेशन सुभा की भारतीय महिला टीम तीन मिनट 29 . 42 सेकेंड के समय के साथ हीट एक में छठे और पहले दौर की हीट में कुल 11वें स्थान पर रहते हुए फाइनल में जगह बनाने में विफल रही। टीम ने हालांकि मई में जापान के योकोहामा में आईएएएफ विश्व रिले के दौरान तीन मिनट 31.93 सेकेंड के अपने सत्र के सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन में सुधार किया।

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बाद में अमोज जेकब, मोहम्मद अनस, के सुरेश जीवन और नोह निर्मल टाम की पुरुष टीम भी तीन मिनट 3.09 सेकेंड के समय के साथ दूसरी हीट में सातवें और 16 टीमों में कुल 13वें स्थान पर रहते हुए प्रतियोगिता से बाहर हो गई। इससे पहले शिवपाल सिंह भी क्वालीफिकेशन दौर में कुल 24वें स्थान पर रहते हुए भाला फेंक के फाइनल में जगह बनाने में नाकाम रहे। चौबीस साल के शिवपाल ने 75.91 मीटर से शुरुआत की और फिर 78.97 मीटर का प्रयास किया। शिवपाल का तीसरा प्रयास फाउल रहा जिससे वह विश्व चैंपियनशिप से बाहर हो गए। उनका सत्र का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 86.23 मीटर है। क्वालीफाइंग में 84 मीटर की दूरी तय करने वाले या कम से कम 12 सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों ने फाइनल में जगह बनाई। गत चैम्पियन जर्मनी के योहानेस वेटर 89 . 35 मीटर के साथ क्वालीफाइंग में शीर्ष पर रहे।

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