खेलों के विकास के लिए सरकारें विशेष ध्यान दें: अनुराग ठाकुर

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[email protected] । Aug 3 2018 4:00PM

लोकसभा में राष्ट्रीय खेलकूद विश्वविद्यालय विधेयक, 2018 पर चर्चा के दौरान भाजपा के अनुराग ठाकुर ने खेलों को लेकर परिवार, समाज और सरकारों की सोच में बदलाव की पैरवी करते हुए कहा कि खेलों के विकास पर सरकारों को विशेष ध्यान देना चाहिए।

नयी दिल्ली। लोकसभा में राष्ट्रीय खेलकूद विश्वविद्यालय विधेयक, 2018 पर चर्चा के दौरान भाजपा के अनुराग ठाकुर ने खेलों को लेकर परिवार, समाज और सरकारों की सोच में बदलाव की पैरवी करते हुए कहा कि खेलों के विकास पर सरकारों को विशेष ध्यान देना चाहिए। इस विधेयक में राष्ट्रीय प्रशिक्षण केंद्र के रूप में कार्य करने के लिए मणिपुर में 524 करोड़ रुपये की लागत से राष्ट्रीय खेलकूद विश्वविद्यालय की स्थापना का प्रावधान है।

गत बुधवार को विधेयक पर आरंभ हुई चर्चा को आगे बढ़ाते हुए अनुराग ठाकुर ने कहा कि मणिपुर में राष्ट्रीय खेल विश्वविद्यालय की स्थापना से पूर्वोत्तर में खेलों के विकास के साथ देश के इस हिस्से के एकीकरण को भी बल मिलेगा। उन्होंने अमेरिका में खेलों के विकास में वहां की सरकार के योगदान का उल्लेख करते हुए कहा कि भारत में भी केंद्र सरकार और राज्य सरकारों को सभी खेलों के विकास के लिए विशेष ध्यान देना चाहिए ताकि ओलंपिक और दूसरी खेल प्रतियोगिताओं में भारत अधिक से अधिक पद जीत सके।

ठाकुर ने कहा कि स्थानीय स्तर पर खेल प्रतियोगिताओं के लिए सांसदों के लिए विशेष कोष बनाया जाना चाहिए। गत बुधवार को विधेयक को चर्चा और पारित करने के लिए सदन में रखते हुए युवा और खेल मामलों के मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौर ने कहा था कि देश में खेल के लिए कोई केंद्रीय संस्थान नहीं था जो शीर्ष प्राधिकरण की तरह काम कर सके।

उन्होंने कहा था कि अब मणिपुर में राष्ट्रीय खेलकूद विश्वविद्यालय बनाया जा रहा है जो खेलकूद की विभिन्न विधाओं के राष्ट्रीय प्रशिक्षण केंद्र के रूप में कार्य करने के साथ खेलकूद विज्ञान, खेलकूद प्रौद्योगिकी, खेलकूद प्रबंधन, खेलकूद प्रशिक्षण तथा खेलकूद अनुसंधान के लिए काम करेगा। गौरतलब है कि यह विधेयक इस संबंध में 31 मई को राष्ट्रपति द्वारा लागू राष्ट्रीय खेलकूद विश्वविद्यालय अध्यादेश, 2018 की जगह लेगा।

‘राष्ट्रीय खेलकूद विश्वविद्यालय विधेयक 2017’ को 10 अगस्त 2017 को लोकसभा में पेश किया गया था लेकिन यह पारित नहीं हो सका। चूंकि संसद सत्र में नहीं थी और अत्यावश्क विधान बनाना अपेक्षित था, इसलिये राष्ट्रपति ने 31 मई 2018 को राष्ट्रीय खेलकूद विश्वविद्यालय अध्यादेश 2018 प्रख्यापित किया था। 

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