दूसरे छोर पर एक बल्लेबाज के रहने से मुझे बल्लेबाजी में मदद मिली: पंत
उन्होंने कहा, ‘‘यदि मैं पुछल्ले बल्लेबाजों के साथ हूं तो अलग तरह से बल्लेबाजी करनी पड़ती है और मुझे रन बनाने होते हैं। लेकिन एक बल्लेबाज के साथ खेलने पर बात अलग होती है जो आज आपने देखी।’’
सिडनी। ऋषभ पंत का मानना है कि उन्होंने ‘नर्वस नाइंटी सिंड्रोम’ का सामना किया लेकिन कहा कि दूसरे छोर पर रविंद्र जडेजा के रहने से उन्हें पिछले टेस्ट मैचों की तुलना में खुलकर खेलने में मदद मिली। आस्ट्रेलियाई सरजमीं पर शतक जमाने वाले पहले भारतीय विकेटकीपर बने पंत ने जडेजा (नाबाद 81) के साथ सातवें विकेट के लिये 204 रन की साझेदारी की। बीस और तीस के स्कोर पर आउट होने के बाद क्या बदलाव किया, यह पूछने पर उन्होंने कहा, ‘‘मुझे नहीं लगता कि मैने कोई बदलाव किया । सबसे अहम बात यह है कि इस बार दूसरे छोर पर एक बल्लेबाज था। आम तौर पर जब मैं क्रीज पर आता हूं तो सामने पुछल्ले बल्लेबाज होते हैं।’’
150 runs for @RishabPant777 👏👏👏#TeamIndia 616/6#AUSvIND pic.twitter.com/vZFY9hunBL
— BCCI (@BCCI) January 4, 2019
उन्होंने कहा, ‘‘यदि मैं पुछल्ले बल्लेबाजों के साथ हूं तो अलग तरह से बल्लेबाजी करनी पड़ती है और मुझे रन बनाने होते हैं। लेकिन एक बल्लेबाज के साथ खेलने पर बात अलग होती है जो आज आपने देखी।’’ उन्होंने यह भी कहा कि टीम प्रबंधन की ओर से खुलकर खेलने की आजादी मिलने से भी उन्हें मदद मिली। उन्होंने कहा, ‘‘मेरी बल्लेबाजी की सबसे अच्छी बात यह है कि टीम में सभी ने मुझे खुलकर खेलने की आजादी दी । जब भी मैं बल्लेबाजी के लिये उतरता हूं तो उसका पूरा मजा लेता हूं।’’
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पंत ने कहा कि वेस्टइंडीज के खिलाफ 90 के स्कोर पर आउट होना उसके जेहन में था। उसने कहा, ‘‘मैं नर्वस था क्योंकि भारत में वेस्टइंडीज के खिलाफ पिछली दो पारियों में 92 रन पर आउट हुआ । थोड़ा डरा हुआ था लेकिन वह दौर बीत गया।’’
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