वीरेंद्र सहवाग ने कहा- राठौड़ के कहने पर नाडा पैनल से जुड़ा था

I was reluctant but joined NADA panel on request of Rathore, says Sehwag
[email protected] । Jul 31 2018 8:46PM

वीरेंद्र सहवाग के नाडा पैनल की सुनवाई में भाग नहीं लेने पर सवाल उठाये जा रहे हैं लेकिन इस पूर्व सलामी बल्लेबाज ने कहा कि वह समिति का हिस्सा नहीं बनना चाहते थे।

नयी दिल्ली। वीरेंद्र सहवाग के नाडा पैनल की सुनवाई में भाग नहीं लेने पर सवाल उठाये जा रहे हैं लेकिन इस पूर्व सलामी बल्लेबाज ने कहा कि वह समिति का हिस्सा नहीं बनना चाहते थे लेकिन खेल मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ के आग्रह पर इससे जुड़े। सहवाग ने कहा कि उनका मानना है कि केवल ओलंपियन को समिति में होना चाहिए क्रिकेटरों को नहीं।

सहवाग को नवंबर 2017 में नाडा के डोपिंग रोधी अपीली पैनल (एडीएपी) में शामिल किया गया था लेकिन अभी तक उन्होंने एक भी सुनवाई में हिस्सा नहीं लिया। उन्होंने कहा, ‘मेरा मानना है कि क्रिकेटरों के बजाय पूर्व ओलंपियन को नाडा पैनल का हिस्सा होना चाहिए। ओलंपिक वर्गों में शामिल खिलाड़ी नाडा की कार्यप्रणाली से अधिक वाकिफ होते हैं।’

बेबाक टिप्पणी करने के लिये मशहूर सहवाग ने कहा, ‘मेरे जैसे व्यक्ति की तुलना में ओलंपियन डोपिंग रोधी संहिता के बारे में ज्यादा जानते हैं। शुरू में मैं पैनल का हिस्सा बनने का इच्छुक नहीं था।’ सहवाग ने कहा, ‘मैं शुरू से ही बीसीसीआई का हिस्सा रहा हूं और आईसीसी टूर्नामेंटों के छोड़कर मेरा बमुश्किल ही डोप परीक्षण हुआ है। इसलिए मुझे यह स्वीकार करने में कोई हिचकिचाहट नहीं है कि मेरी जानकारी सीमित है।’

इस दिग्गज बल्लेबाज ने कहा कि उन्होंने खेल मंत्री राठौड़ के आग्रह के बाद ही पैनल से जुड़ने का फैसला किया। सहवाग ने कहा, ‘मैं खेल मंत्री के आग्रह के बाद इससे जुड़ा। उन्होंने मुझसे कहा कि मेरे स्तर का व्यक्ति बदलाव ला सकता है।’

उन्होंने इसके साथ ही स्पष्ट किया कि एडीएपी की पहली दो सुनवाई के दौराना नाडा ने यहां तक कि उन्हें तिथियों के बारे में भी अवगत नहीं कराया। सहवाग ने कहा, ‘पहली दो सुनवाई के दौरान मुझे तिथियों के बारे में नहीं बताया गया। इसके बाद तीसरी सुनवाई में मैं नहीं जा पाया क्योंकि मेरा बेटा अस्वस्थ था।’

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