भारत ने ऐतिहासिक मैत्री मैच में चीन से गोलरहित ड्रा खेला

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[email protected] । Oct 14 2018 10:09AM

चीन के फारवर्ड गोल कराने की कोशिश में जुटे रहे जबकि भारतीय खिलाड़ी विशेषकर कप्तान संदेश झिंगन, नारायण दास, प्रीतम कोटल और सुभाशीष बोस ने अंत तक डटकर सामना किया।

शुजोऊ (चीन)। भारत ने यहां शनिवार को चीन के खिलाड़ियों के हमलों का मजबूती से सामना करते हुए दोनों टीमों के बीच 21 साल बाद खेले गये पहले अंतरराष्ट्रीय फुटबाल मैत्री मैच में गोलरहित ड्रा खेला। दुनिया की सबसे ज्यादा जनसंख्या वाले देशों की टीमों के बीच खेले गये इस मुकाबले में निश्चित रूप से चीन का दबदबा रहा जिसमें उसने कई मौके भी बनाये लेकिन भारत ने इन्हें गोल में तब्दील नहीं होने दिया। चीन के फारवर्ड गोल कराने की कोशिश में जुटे रहे जबकि भारतीय खिलाड़ी विशेषकर कप्तान संदेश झिंगन, नारायण दास, प्रीतम कोटल और सुभाशीष बोस ने अंत तक डटकर सामना किया।

घरेलू टीम ने कम से कम तीन अच्छे मौके बनाये जिसे भारतीयों ने रोक दिया जबकि उसका स्टार स्ट्राइकर गाओ लिन कई बार निशाना लगाने से चूक गया। भारतीय गोलकीपर गुरप्रीत सिंह संधू गोलपोस्ट के सामने चट्टान की तरह डटे रहे और चीन की टीम को कम से कम चार मौकों पर रोका। भारत के लिये यह शानदार उपलब्धि है, उसने महाद्वीप की शीर्ष टीम चीन को उसकी मांद में गोल नहीं करने दिया और मैच 0-0 से ड्रर कराया। भारतीय टीम पहली बार चीन की सरजमीं पर खेल रही थी और मैच के दौरान कुछ ऐसे भी पल आये, हालांकि ये बहुत कम थे जिसमें मेहमान टीम ने जवाबी हमलों से विपक्षी टीम को हैरान किया। भारत को दोनों हाफ में दो बहुत अच्छे मौके मिले जिसमें एक प्रीतम कोटल और दूसरा स्थानापन्न खिलाड़ी फारूख चौधरी का प्रयास रहा। दूसरे हाफ में भी टीम ने दो मौके बनाये।

 इस ड्रा से भारत को फीफा रैंकिंग में फायदा मिलने की उम्मीद है। अभी टीम 97वें जबकि चीन 76वें स्थान पर डटी है। वर्ष 2006 विश्व कप विजेता इटली के कोच मार्सेलो लिप्पी चीन को कोचिंग दे रहे हैं। टीम हाल के दिनों में काफी जूझ रही है क्योंकि वह लगातार तीन मैचों में गोल करने में असफल रही है। चीन की टीम पिछले महीने कम अनुभवी कतर की टीम से 0-1 से हार गयी थी। इसके बाद बहरीन से भी उसका मैच 0-0 से ड्रा रहा था। जून में टीम ने थाईलैंड को 2-0 से हराने के बाद कोई गोल नहीं किया है।

भारत के मुख्य कोच स्टीफन कांस्टेनटाइन ने कहा था कि चीन की टीम आक्रामक होकर खेलेगी और ऐसा ही हुआ। चीन ने पहले ही सत्र में तेज तर्रार खेल दिखाया।लेकिन भारतीय टीम ने चीन के स्ट्राइकरों को जरा भी मौका नहीं दिया और गोलकीपर गुरप्रीत ने भी कुछ बेहतरीन बचाव किये। इस मैच से पहले भारत और चीन के बीच 17 मैच खेले जा चुके हैं जिसमें से अंतिम मुकाबला कोच्चि में 1997 में खेला गया था। चीन ने 12 बार जीत दर्ज की है जबकि पांच अन्य मैच ड्रा रहे थे। 

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