सीरीज के फाइनल में मध्यक्रम की परेशानियों से उबरना चाहेगा भारत

India will want to overcome the problems of middle order in the finals of the series
[email protected] । Jul 16 2018 3:03PM

नाटिघंम में पहले मैच में आठ विकेट से जीत दर्ज करने के बाद लार्ड्स में टीम को 86 रन की हार झेलनी पड़ी , जिससे दोनों टीमें 1-1 की बराबरी पर आ गयीं।

लीड्स। पिछले मैच में मध्यक्रम की कमजोरियों के उजागर होने के बाद भारतीय टीम कल इंग्लैंड के खिलाफ होने वाले निर्णायक तीसरे और अंतिम वनडे में इन कमियों को दूर करना चाहेगी जिसमें जीत से विराट कोहली के खिलाड़ी लगातार 10 वीं सीरीज अपने नाम कर लेंगे। नाटिघंम में पहले मैच में आठ विकेट से जीत दर्ज करने के बाद लार्ड्स में टीम को 86 रन की हार झेलनी पड़ी , जिससे दोनों टीमें 1-1 की बराबरी पर आ गयीं। लंदन में जीत से इंग्लैंड का आईसीसी रैंकिंग में नंबर एक वनडे टीम के रूप में शीर्ष स्थान पक्का हो गया। वहीं हेडिंग्ले में भारत के लिये जीत अंतर कम करने वाली और एक अगस्त से शुरू होने वाली टेस्ट सीरीज से पहले आत्मविश्वास बढ़ाने वाली रहेगी। 

भारत ने इससे पहले टी 20 अंतरराष्ट्रीय मैचों की सीरीज 2-1 से अपने नाम की थी। ।।वहीं द्विपक्षीय वनडे क्रिकेट में भारतीय टीम अच्छा प्रदर्शन कर रही है। जनवरी 2016 से देखें तो उन्हें आस्ट्रेलिया में 1-4 से हार का मुंह देखना पड़ा था, लेकिन इसके बाद से उसने हर द्विपक्षीय वनडे सीरीज अपने नाम की है। उसने जिम्बाब्वे, न्यूजीलैंड (दो बार), इंग्लैंड, वेस्टइंडीज, श्रीलंका (दो बार), आस्ट्रेलिया और दक्षिण अफ्रीका को घरेलू और उसके मैदान पर पराजित किया। टीम इंडिया के लिये यह इंग्लैंड पर वनडे श्रेष्ठता सुनिश्चित रखने का एक और मौका होगा क्योंकि भारत ने 2011 के बाद इस प्रतिद्वंद्वी टीम के खिलाफ द्विपक्षीय श्रृंखला नहीं गवायी है। 

सात साल पहले यहां 0-3 हार के बाद भारत ने दबदबा बरकरार रखा है और 17 मैचों में से 10 में फतह हासिल की है। वर्ष 2015 के बाद से इंग्लैंड के सफेद गेंद के क्रिकेट में प्रभुत्व को देखते हुए पिछले दो मुकाबलों में समीकरण संतुलित हो गए हैं। भारत ने जनवरी 2017 में घरेलू सीरीज में 2-1 से जीत हासिल की थी और मौजूदा सीरीज में भी मुकाबला इसी अंतर पर समाप्त होगा , भले ही कोई भी टीम जीते। हालांकि इंग्लैंड का टी 20 के बजाय वनडे में दबदबा मजबूत है। पिछले मुकाबले को देखा जाये तो इसमें भारत की 50 ओवर के प्रारूप की कमजोरी उजागर हुई जो टी 20 क्रिकेट की वजह से कुछ हद तक छुपी रही हैं। 

भारतीय स्पिनरों की बात करें तो वे पूरे मैच में प्रभावशाली रहे लेकिन तेज गेंदबाजी आक्रमण में पैनेपन की कमी दिखी , विशेषकर अंतिम ओवरों में। लार्ड्स में अंतिम आठ ओवरों में उन्होंने 82 रन गंवाये जिसमें उमेश यादव, सिद्धार्थ कौल और हार्दिक पंड्या ने छह ओवरों में 62 रन लुटाये। इससे भारतीय टीम की भुवनेश्वर कुमार और जसप्रीत बुमराह पर निर्भरता भी दिखी। श्रीलंका और दक्षिण अफ्रीका के पिछले दौरों पर भुवनेश्वर के प्रदर्शन को देखते हुए भारत को इस वनडे सीरीज में उनकी काफी कमी खल रही है और उनकी फिटनेस या उपलब्धता पर कोई अधिकारिक बयान नहीं आया है। उन्होंने दूसरे वनडे से पहले लार्ड्स पर नेट पर गेंदबाजी भी की और वह उबरने की राह पर हैं। लेकिन यह देखना बाकी है कि उन्हें इस निर्णायक मुकाबले में कौल या उमेश यादव की जगह टीम में शामिल किया जाता है या नहीं। 

पिछले साल अगस्त में पालेकल में भुवनेश्वर ने 237 रन के लक्ष्य के दौरान टीम के 131 रन पर सात विकेट गंवाने पर महेंद्र सिंह धोनी के साथ मैच विजयी अर्धशतकीय पारी खेली थी। दक्षिण अफ्रीका में भी निचले क्रम में उन्होंने अहम योगदान दिया था। उनकी अनुपस्थिति का मतलब होगा कि भारत के पास पुछल्ले खिलाड़ी ज्यादा होंगे जिससे शीर्ष और मध्यक्रम बल्लेबाजों के कंधों पर और अधिक जिम्मेदारी आ जायेगी। हालांकि मध्यक्रम दबाव के बोझ से घिरा है क्योंकि भारत चौथे नंबर के लिये स्थायी खिलाड़ी नहीं ढूंढ सका है। हालांकि किसी भी सफल वनडे टीम के लिये यह स्थान सबसे ज्यादा अहम होता है और पिछले कुछ समय से भारत इस स्थान के लिये हल ढूंढने में जूझ रहा है। 

इस सीरीज में लोकेश राहुल ने चौथे नंबर पर वापसी की है। उनकी सबसे बड़ी परीक्षा लार्ड्स पर थी क्योंकि वह पिछले कुछ समय से काफी अच्छी लय में हैं लेकिन वह शून्य पर आउट हो गये। भारत के पास बेंच पर दिनेश कार्तिक और श्रेयस अय्यर मौजूद हैं। हालांकि टीम प्रबंधन के धोनी के आगे कार्तिक के नाम पर विचार करने की संभावना नहीं है। यह भी दीगर हो कि पिछला वनडे ब्रिटेन दौरे पर सिर्फ तीसरा मौका था जब धोनी को मध्यक्रम में बल्लेबाजी का मौका मिला , इससे पहले उन्होंने डबलिन और कार्डिफ में टी 20 में बल्लेबाजी की थी। धोनी को हालांकि कोहली और कोच रवि शास्त्री दोनों का समर्थन प्राप्त है , जिससे एक बार फिर भारत की विराट कोहली , शिखर धवन और रोहित शर्मा पर अति निर्भरता दिखती है। 

पिछले दो सत्र में इस तिकड़ी ने भारत के वनडे रनों में करीब 60 प्रतिशत रन जुटाये हैं और इस प्रारूप में टीम की लगातार सफलताओं में आधार स्ंतभ बन गये हैं। वहीं इंग्लैंड के लिये यह भारत के खिलाफ अपना रिकार्ड सुधारने का ही मौका नहीं होगा बल्कि हाल के दिनों में सबसे कड़ी प्रतिद्वंद्वी टीम पर जीत दर्ज करना विश्व कप की तैयारियों के लिये भी अहम होगा। जो रूट जहां रन जुटाने रहे हैं , वहीं अन्य बल्लेबाज भी कलाई की स्पिन का बेहतर ढंग से सामना कर रहे हैं। उनकी सबसे बड़ी चिंता आल राउंडर बेन स्टोक्स की फार्म होगी। यह समझा जा सकता है कि हालिया हैमस्ट्रिंग चोट का असर वह अब भी महसूस कर रहे हैं और अपनी क्षमता के अनुसार नहीं खेल पा रहे हैं। लेकिन वह टीम का हिस्सा बने रहेंगे। 

टीमें इस प्रकार हैं: 

इंग्लैंड:-

इयोन मोर्गन (कप्तान), जेसन रॉय , जॉनी बेयरस्टो , जोस बटलर (विकेटकीपर), मोईन अली , जो रूट , जेक बॉल , लियाम प्लंकेट , बेन स्टोक्स , आदिल राशिद , डेविड विली , मार्क वुड और जेम्स विंस। 

भारत:-

विराट कोहली (कप्तान), शिखर धवन, रोहित शर्मा, लोकेश राहुल, महेंद्र सिंह धोनी (विकेटकीपर), दिनेश कार्तिक, सुरेश रैना, हार्दिक पंड्या, कुलदीप यादव, युजवेंद्र चहल, श्रेयस अय्यर, सिद्धार्थ कौल, अक्षर पटेल, उमेश यादव, शारदुल ठाकुर, भुवनेश्वर कुमार। 

मैच भारतीय समयानुसार शाम पांच बजे शुरू होगा। 

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