राष्ट्रमंडल खेल में भारतीय खिलाड़ियों का प्रदर्शन बेहतरीन, विशिष्ट: मोदी
‘मन की बात’’ कार्यकम में अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘राष्ट्रमंडल खेलों में भारत का प्रदर्शन बेहतरीन तो था ही, साथ ही यह विशेष भी था।
नयी दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राष्ट्रमंडल खेलों में भारतीय खिलाड़ियों के प्रदर्शन को बेहतरीन और विशिष्ट करार देते हुए आज कहा कि खिलाड़ियों की सफलता हर भारतीय को गौरवान्वित करती है क्योंकि इन खेलों में भाग लेने वाले एथलीट देश के छोटे-छोटे शहरों से अनेक बाधाओं, परेशानियों को पार करके यहाँ तक पहुँचे हैं। आकाशवाणी पर आज प्रसारित ‘‘मन की बात’’ कार्यकम में अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘राष्ट्रमंडल खेलों में भारत का प्रदर्शन बेहतरीन तो था ही, साथ ही यह विशेष भी था। विशेष इसलिए कि इस बार कई चीज़ें पहली बार हुईं।’’ उन्होंने कहा कि राष्ट्रमंडल खेलों में हमारे खिलाड़ियों की सफलता हर भारतीय को गौरवान्वित करती है। इन खेलों में भाग लेने वाले एथलीट देश के अलग-अलग भागों से, छोटे-छोटे शहरों से आये हैं और अनेक बाधाओं, परेशानियों को पार करके यहाँ तक पहुँचे हैं। मोदी ने कहा कि इस बार राष्ट्रमंडल खेल में भारत की तरफ़ से जितने पहलवान थे, वे सब के सब पदक जीत के आये हैं। मनिका बत्रा ने जितने भी इवेंट में हिस्सा लिया, सभी में पदक जीता। वह पहली भारतीय महिला है, जिन्होंने टेबल टेनिस की एकल स्पर्धा में भारत को स्वर्ण पदक दिलाया है।
उन्होंने कहा कि भारत को सबसे ज़्यादा पदक शूटिंग स्पर्धा में मिले। 15 वर्षीय भारतीय शूटर अनीश भानवाला राष्ट्रमंडल खेल में भारत की तरफ़ से स्वर्ण पदक जीतने वाले युवा खिलाड़ी बने। सचिन चौधरी राष्ट्रमंडल खेल में पदक जीतने वाले एकमात्र भारतीय पैरा पावर लिफ्टर हैं। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘ इस बार के खेल विशेष इसलिए भी थे कि अधिकतर पदक जीतने वाली महिला एथलीट थीं। स्क्वाश हो, मुक्केबाजी हो, भारोत्तोलन हो, शूटिंग हो – हर खेल में महिला खिलाड़ियों ने कमाल कर दिखाया।’’ उन्होंने कहा कि बैडमिंटन में तो फाइनल मुकाबला भारत की ही दो खिलाड़ियों साइना नेहवाल और पी.वी. सिन्धु के बीच हुआ। सभी उत्साहित थे कि मुकाबला तो है लेकिन दोनों पदक भारत को ही मिले - यह पूरे देश ने देखा।पदक विजेता खिलाड़ियों को शुभकामनाएं देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि आज उन्होंने जो मुक़ाम हासिल किया है, वे जिन लक्ष्यों तक पहुँचे हैं, उनकी इस जीवन-यात्रा में माता-पिता, अभिभावक, कोच, सहयोगी स्टाफ, स्कूल, शिक्षक, स्कूल का वातावरण... सभी का योगदान है। इसमें उनके दोस्तों का भी योगदान है, जिन्होंने हर परिस्थिति में उनका हौसला बुलन्द रखा।
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