ओलंपिक इतिहास रचने के लिये ऑस्ट्रेलिया से भिड़ेगी भारतीय महिला हॉकी टीम

Indian womens hockey

भारतीय महिला हॉकी टीम का ओलंपिक में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 1980 में मास्को में रहा था जब वह छह टीमों में चौथे स्थान पर रही थी। तोक्यो में टीम का अभियान नीदरलैंड, जर्मनी और गत चैम्पियन ब्रिटेन से लगातार तीन मैचों में हार से शुरू हुआ।

तोक्यो। भारतीय महिला हॉकी टीम ओलंपिक में अपने स्वप्निल सफर में एक और जीत दर्ज करने की उम्मीद के साथ सोमवार को तोक्यो ओलंपिक क्वार्टरफाइनल में आस्ट्रेलिया के खिलाफ कड़ी चुनौती से पार पाने की कोशिश करेगी। भारतीय महिला हॉकी टीम ने आयरलैंड और दक्षिण अफ्रीका पर लगातार जीत दर्ज कर छह अंकों के साथ पूल ए में चौथे स्थान पर रहते हुए पहली बार अंतिम आठ चरण में जगह बनायी। पूल से शीर्ष चार टीमें नॉकआउट चरण में पहुंची। भारतीय महिला हॉकी टीम का ओलंपिक में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 1980 में मास्को में रहा था जब वह छह टीमों में चौथे स्थान पर रही थी। तोक्यो में टीम का अभियान नीदरलैंड, जर्मनी और गत चैम्पियन ब्रिटेन से लगातार तीन मैचों में हार से शुरू हुआ लेकिन उसने शानदार वापसी करते हुए अपने से ऊंची रैंकिंग की आयरलैंड को 1-0 से हराने के बाद दक्षिण अफ्रीका को 4-3 से शिकस्त देकर खुद को दौड़ में बनाये रखा। भारत का अंतिम आठ में स्थान ब्रिटेन के पूल ए के अंतिम मैच में आयरलैंड को 2-0 से हराने के बाद सुनिश्चित हुआ।

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रानी रामपाल की अगुआई वाली टीम ने लगातार तीन हार के बाद वापसी करने का जबरदस्त जज्बा और दृढ़ संकल्प दिखाया तथा आस्ट्रेलियाई टीम इसी दृढ़ संकल्प की परीक्षा लेगी। अनुभवी स्ट्राइकर वंदना कटारिया महिला हॉकी में ओलंपिक में हैट्रिक जमाने वाली देश की पहली खिलाड़ी बनी। टूर्नामेंट के दौरान भारतीय महिला खिलाड़ियों ने गोल करने के कई मौके बनाये, भले ही ये पेनल्टी कार्नर से मिले या फिर मैदानी खेल में, लेकिन उनमें फिनिशिंग की कमी दिखी। रानी की अगुआई वाली अग्रिम पंक्ति पूरे पूल चरण में काफी प्रभावशाली रही लेकिन शर्मिला देवी, लालरेमसियामी और खुद रानी ने कई मौके गंवाये। अभी तक पेनल्टी कार्नर से गोल करने में भी भारत का प्रदर्शन निराशाजनक रहा जिसमें ड्रैग फ्लिकर गुरजीत कौर फीकी रहीं हैं।

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टीम ने अभी तक पांच पूल मैचों में 33 पेनल्टी कार्नर हासिल किये जिसमें से वह केवल चार मौकों को गोल में बदल सकी जिसमें सभी गोल वैरिएशन से हुए। लेकिन सोमवार को भारत को अगर खेलों में अभूतपूर्व सेमीफाइनल स्थान के लिये क्वालीफाई की ख्वाहिश रखनी है तो गुरजीत को अपना सर्वश्रेष्ठ करना होगा। रैंकिंग के हिसाब से दुनिया की चौथे नंबर की टीम आस्ट्रेलिया दसवें नंबर की भारतीय टीम के खिलाफ प्रबल दावेदार के रूप में उतरेगी। लेकिन भारत आस्ट्रेलिया के खिलाफ पिछले प्रदर्शन से प्रेरणा ले सकता है जिसमें उसने अगस्त 2019 में तोक्यो ओलंपिक टेस्ट टूर्नामेंट में उससे 2-2 से ड्रा खेला था। आस्ट्रेलिया ने पूल में अपने सभी मैच जीते थे। उसने अभी 13 गोल किये हैं और केवल एक गोल खाया है। वहीं भारत ने 14 गोल गंवाये हैं और सात गोल किये हैं। भारतीय मुख्य कोच सोर्ड मारिन का मानना है नॉकआउट चरण ग्रुप चरण से काफी अलग होगा। उन्होंने कहा, ‘‘टूर्नामेंट फिर से शुरू होगा। पूल मैचों में अगर आप अच्छा खेले या अच्छा नहीं खेले, यह मायने नहीं रखेगा। यह नयी शुरूआत होगी।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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