IOA महासचिव बोले- खिलाड़ी जल्दबाजी में ट्रेनिंग शुरू न करें, एक गलत कदम भारी पड़ सकता है

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भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) के महासचिव राजीव मेहता ने कहा कि खिलाड़ियों की अभ्यास में वापसी को लेकर जल्दबाजी ठीक नहीं।इस महामारी के कारण देश में अब तक 3500 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। मेहता ने कहा, ‘‘भगवान न करे अगर किसी खिलाड़ी का परीक्षण पॉजीटिव आता है तो इसके लिये कौन जिम्मेदार होगा।

नयी दिल्ली। भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) के महासचिव राजीव मेहता ने कोविड-19 लगातार बढ़ते मामलों के बावजूद खिलाड़ियों की अभ्यास में वापसी को लेकर जल्दबाजी के प्रति आगाह करते हुए कहा कि एक गलत कदम उनकी ओलंपिक तैयारियों पर भारी पड़ सकता है। मेहता ने अपना यह विरोध तब जताया है जबकि भारतीय खेल प्राधिकरण (साइ) ने गुरुवार को खिलाड़ियों के लिये मानक संचालन प्रक्रिया जारी की जिसे खेल मंत्रालय से मंजूरी प्राप्त है। खिलाड़ियों को महामारी के बावजूद अभ्यास करते समय इनका पालन करना होगा। इस महामारी के कारण देश में अब तक 3500 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। मेहता ने कहा, ‘‘भगवान न करे अगर किसी खिलाड़ी का परीक्षण पॉजीटिव आता है तो इसके लिये कौन जिम्मेदार होगा। उस अभागे खिलाड़ी को भुगतना पड़ेगा और इससे उसकी ओलंपिक तैयारियां प्रभावित हो सकती हैं। ’’ उन्होंने कहा कि अभ्यास बहाल करने के लिये खिलाड़ियों के साथ जबर्दस्ती नहीं की जानी चाहिए। मेहता ने कहा, ‘‘यह मेरे निजी विचार है कि खिलाड़ियों को अभी आउटडोर अभ्यास के लिये नहीं जाना चाहिए। मामले बढ़ रहे हैं और संभवत: जून में भी बढ़ते रहेंगे। अभी यह अपने चरम पर नहीं पहुंचा है। ’’ उन्होंने कहा, ‘‘खिलाड़ी हमारे लिये बच्चों की तरह हैं और इसलिए यह मेरी उनको सलाह है। मेरे विचार किसी के खिलाफ नहीं हैं। लेकिन इसका फैसला खिलाड़ी पर छोड़ देना चाहिए अभ्यास शुरू करना है या नहीं। ’’

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गृह मंत्रालय ने लॉकडाउन के चौथे चरण के दिशानिर्देशों में खेल परिसर और स्टेडियम खोलने की अनुमति दी थी जिसके बाद साइ ने मानक संचालन प्रक्रिया जारी की थी। लेकिन इसको लेकर स्पष्टता नहीं है कि अभ्यास कब शुरू होगा। अभ्यास शुरू करने के मसले ने देश की शीर्ष खेल संस्था के बीच आपसी तनातनी भी खुलकर सामने आ गयी है। आईओए अध्यक्ष नरिंदर बत्रा ने महासचिव के अधिकतर दायित्वों को ले लिया है जो कि मेहता को दरकिनार करने का प्रयास भी माना जा रहा है। मेहता को भेजे गये मेल में बत्रा ने कहा, ‘‘मैंने आपके अधिकतर कार्यभार को संभालने –विभाजित करने का फैसला किया है। आपकी महत्वपूर्ण सलाह पर हमेशा गौर किया जाएगा। इससे आप नैनीताल में अपने परिवार के साथ अधिक समय बिता पाएंगे और अपने व्यवसाय पर भी ध्यान दे पाएंगे जो कि उत्तराखंड में भी है। ’’ इसके जवाब में मेहता ने कहा , ‘‘मैं भी आपका आभार व्यक्त करना चाहता हूं कि आपने यह स्वीकार किया कि मैं पिछले कुछ वर्षों से लगातार आईओए के लिये काम कर रहा हूं। मैं यह भी जोड़ना चाहता हूं कि खेलों को बढ़ावा देना और खेलों की सेवा करना ही मेरा ध्येय है और मैंने इसके लिये अपनी जिंदगी समर्पित कर दी है। ’’ मेहता ने कहा, ‘‘मेरा परिवार मेरी प्रतिबद्धता को समझता है और मेरे काम का समर्थन करता है तथा मुझे आईओए महासचिव के रूप में दिल्ली में रहकर अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन करते हुए देखना चाहता है।’’ मेहता ने इसके साथ ही बत्रा से कहा कि अगर वह उनकी जिम्मेदारियां लेने के इतने ही इच्छुक थे तो उन्हें आईओए महासचिव का चुनाव लड़ना चाहिए था।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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