भावानाओं को काबू में रखकर एकाग्र होना आसान नहीं था: मयंक अग्रवाल
अग्रवाल पिछले एक साल से लगातार भारतीय टीम में जगह बनाने की दौड़ में बने हुए थे और इस दौरान लगातार घरेलू मैचों और ए दौरों पर खेलते रहे जिससे लय बनी रही।
मेलबर्न। मयंक अग्रवाल पिछले एक साल से भारत के लिए पदार्पण करने का इंतजार कर रहे थे लेकिन जब उनका यह सपना हकीकत में बदला तो उन पर भावनाएं हावी होने लगी जिससे कर्नाटक के इस बल्लेबाज के लिए अपने काम पर ध्यान लगाना मुश्किल हो गया। मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड पर बुधवार को अपने पदार्पण टेस्ट में आस्ट्रेलिया के खिलाफ 76 रन की प्रभावी पारी खेलने वाले अग्रवाल ने कहा, ‘‘भारत के लिए पदार्पण करना शानदार अहसास था। जब मुझे कैप मिली तो मुझ पर भावनाएं हावी थी। मैं अपने बाकी जीवन में इसे सहेजकर रखूंगा। पहला विचार नंबर 295 था (अग्रवाल की भारतीय कैप का नंबर)।’’ लेकिन इस मौके पर भावनाएं आप पर हावी हो सकती हैं विशेषकर तब जब आपने ढेरों रन बनाए हों और भारत की ओर से पदार्पण का लंबे समय से इंतजार कर रहे हों।
Misses out on a ton. @mayankcricket falls at the stroke of Tea for 76. #TeamIndia 123/2 with Pujara on 33* #AUSvIND pic.twitter.com/IstFI0xbxP
— BCCI (@BCCI) December 26, 2018
अग्रवाल ने कहा, ‘‘भावनाओं को काबू में रखकर एकाग्रता बनाए रखना आसान नहीं था लेकिन ऐसा करने की जरूरत थी। मैं अपनी योजनाओं पर कायम रहा और स्वयं से कहता रहा, ‘मुझे एक योजना को लागू करना है और मैं इस पर कायम रहूंगा’। यह काफी बड़ा अवसर था और मैंने जैसी शुरूआत की उसकी खुशी है।’’ अग्रवाल को सीनियर खिलाड़ियों ने पदार्पण टेस्ट में छाप छोड़ने की शुभकामनाएं दी जिससे वह काफी खुश हैं। उन्होंने कहा, ‘‘यह बड़ा मंच और बड़ा मौका है। सीनियर खिलाड़ी मेरे पास आए और बोले कि जितना बड़ा दिन होता है, छाप छोड़ने का उतना ही बड़ा मौका भी होता है।’’
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अग्रवाल टेस्ट पदार्पण में अर्धशतक जड़ने वाले सिर्फ सातवें भारतीय सलामी बल्लेबाज हैं। उनका यह स्कोर आस्ट्रेलियाई सरजमीं पर टेस्ट पदार्पण करते हुए भारतीय बल्लेबाजों के बीच सर्वश्रेष्ठ स्कोर है। उन्होंने कहा, ‘‘मैं खुश हूं लेकिन बेशक मैं अधिक रन बनाना पसंद करता। मैं 76 रन से कम की जगह इतने ही रनों से निश्चित तौर पर संतुष्ट हूं। जैसा कि मैंने कहा मैं और अधिक रन बनाना और दिन के अंत तक नाबाद रहना पसंद करता।’’ अग्रवाल पिछले एक साल से लगातार भारतीय टीम में जगह बनाने की दौड़ में बने हुए थे और इस दौरान लगातार घरेलू मैचों और ए दौरों पर खेलते रहे जिससे लय बनी रही।
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