जगमोहन डालमिया की तरह कोहली भी हमारा हीरो है: कपिल

Kapil says Like Jagmohan Dalmiya, Kohli is also our hero

भारत की पहले विश्व कप विजेता कप्तान कपिल देव ने आज वर्तमान भारतीय कप्तान विराट कोहली की तुलना में पूर्व बोर्ड अध्यक्ष जगमोहन डालमिया से की और उन्हें मैदान के अंदर और बाहर का नायक बताया।

कोलकाता। भारत की पहले विश्व कप विजेता कप्तान कपिल देव ने वर्तमान भारतीय कप्तान विराट कोहली की तुलना में पूर्व बोर्ड अध्यक्ष जगमोहन डालमिया से की और उन्हें मैदान के अंदर और बाहर का नायक बताया। कपिल ने कहा, ‘‘हम आपकी (कोहली) तरफ देखते हैं। आप नायक हैं ठीक वैसे ही जैसे (मैदान से बाहर) डालमिया थे। आप चीजें बदल सकते हो और आपने फिटनेस के मामले में ऐसा किया जिस पर हम सभी को गर्व है। ’’ उन्होंने कहा, ‘‘प्रत्येक कप्तान कुछ नया करता और आप फिटनेस के स्तर को नये स्तर पर ले गये हो। हम क्रिकेटर होने के नाते कह सकते हैं कि अच्छा कार्य करते रहो। आपके पास खुद पर भरोसा करने की योग्यता है। आप सर्वश्रेष्ठ हासिल कर सकते हो। ’’

कपिल देव पहले जगमोहन डालमिया वार्षिक सम्मेलन में श्रीलंका क्रिकेट के अध्यक्ष तिलंगा सुमतिपाला के साथ लेक्चर दे रहे थे। इस कार्यक्रम में भारत और श्रीलंका की टीमों के तथा पूर्व कप्तान मोहम्मद अजहरूद्दीन ने भी हिस्सा लिया। कपिल ने कहा, ‘‘हमारे पास दो तरह के नायक हैं। एक मैदान के अंदर और दूसरे मैदान के बाहर। अगर आज क्रिकेटर सुखी हैं तो यह डालमिया के कारण संभव हो पाया। उनके बिना हमें संघर्ष करना पड़ता। ’’कपिल ने पिछले 50 वर्षों में डालिमया को सर्वश्रेष्ठ क्रिकेट प्रशासक करार देते हुए कहा, ‘‘पहले हम कहा करते थे कि क्या हमें आस्ट्रेलिया, इंग्लैंड जैसा वेतन मिलेगा। अब यह सब कुछ बदल गया है और वे कह रहे हैं कि क्या हमें भारत जैसा वेतन मिल सकता है। यह बदलाव डालमिया के कारण आया। ’’

व्यवसायी डालमिया ने 1987 और 1996 विश्व कप की मेजबानी भारतीय उपमहाद्वीप को दिलाने में अहम भूमिका निभायी थी। उनका 20 सितंबर 2015 को निधन हो गया था। डालमिया 1979 में बीसीसीआई से जुड़े और उन्होंने इसे दुनिया का सबसे धनाढ्य बोर्ड बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी। कपिल ने कहा कि इस पूर्व अध्यक्ष को बहुत जल्द समझ में आ गया था कि एक क्रिकेटर का करियर आठ से दस साल तक ही होता है। उन्होंने कहा, ‘‘आपके पास पैसा होना जरूरी है और डालमिया इसे समझते थे। सचिन तेंदुलकर की तरह हर किसी को 15 से 20 साल तक खेलने का मौका नहीं मिलता और आप आठ से दस साल तक अपने चरम पर रहते हो। उन्होंने सुनिश्चित किया कि इस करियर के दौरान आपकी जिंदगी बन जाएगी। इसका श्रेय मेरे नायक को जाता है। ’’

कपिल ने कहा, ‘‘वह कुशल वक्ता नहीं थे लेकिन सभी को साथ लाने में उनकी भूमिका अहम रही। वह सच्चे नेतृत्वकर्ता थे। वह हमारे देश के प्रत्येक क्रिकेटर के नायक हैं। हम आज जो कुछ हैं वह इस व्यक्ति की वजह से हैं।’’ सुमतिपाला ने उस समय डालमिया के समर्थन को याद किया जब 1995 में मुथैया मुरलीधरन पर चकिंग का आरोप लगा था। उन्होंने कहा, ‘‘वह नेतृत्वक्षमता के साथ पैदा हुए थे और सभी पक्षों की बात सुनकर समझौता कराने में माहिर थे। वह सभी के हितों को ध्यान में रखकर विवाद का निबटारा करवाते थे। विश्व कप जीतने के बाद उन्होंने मुरलीधरन के संदिग्ध एक्शन को लेकर हमारी मदद की थी।’’

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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