एशियाई जूनियर बैडमिंटन चैम्पियनशिप के फाइनल में लक्ष्य

lakshya in the finals of the Asian Junior Badminton Championship
[email protected] । Jul 21 2018 5:57PM

सेमीफाइनल मैच जीतने के बाद लक्ष्य ने कहा, ‘‘फाइनल में पहुंचना सुकून की बात है। मैं जिस तरह से खेल रहा हूं उससे खुश हंू। मेरी कोशिश अपने इसी प्रदर्शन को फाइनल में बरकरार रखने की है।

नई दिल्ली। छठी सीड भारत के लक्ष्य सेन ने शानदार प्रदर्शन करते हुए एशियाई जूनियर बैडमिंटन चैम्पियनशिप के फाइनल में जगह बना ली है। लक्ष्य ने जकार्ता में खेले जा रहे इस टूर्नामेंट के पुरुष एकल वर्ग के सेमीफाइनल में चौथी सीड इंडोनेशिया के इखसान लियोनार्डो इमानुएल रुमबे को 21-7, 21-14 से शिकस्त दे फाइनल में प्रवेश किया। लक्ष्य ने क्वार्टर फाइनल में दूसरी सीड ली शीफेंग को मात देकर सेमीफाइनल में कदम रखा था। वह फाइनल में टॉप सीड थाईलैंड के कुनलावुत वितिदसरन के खिलाफ उतरेंगे जिन्होंने तीसरी सीड चीन के यूपेंग बेई को 21-14, 21-12 से मात दी। 

सेमीफाइनल मैच जीतने के बाद लक्ष्य ने कहा, ‘‘फाइनल में पहुंचना सुकून की बात है। मैं जिस तरह से खेल रहा हूं उससे खुश हंू। मेरी कोशिश अपने इसी प्रदर्शन को फाइनल में बरकरार रखने की है।’’ मैच में लक्ष्य का पलड़ा भारी था और कोर्ट पर मौजूद दर्शक भी उन्हीं का समर्थन कर रहे थे। वह बेहद फुर्ती के साथ खेल रहे थे और जिस भी तरह के शॉट उनके पास आ रहे थे वो उनका माकूल जबाव दे रहे थे। लक्ष्य ने अच्छी-खासी बढ़त ले कर अपने आप को मजबूत स्थिति में पहुंचा दिया था तभी रुमबे ने कुछ अंक अपने हिस्से में डाले। 

मैच 40 मिनट तक चला। लक्ष्य को पहला गेम जीतने में 20 मिनट लगे। दूसरे गेम में रुमबे ने पहले गेम की अपेक्षा अच्छा प्रदर्शन किया, लेकिन भारतीय खिलाड़ी ने हमेशा से उन पर कम से कम तीन अंकों की बढ़त बनाए रखी। इससे उन्हें फायदा हुआ और वो आसानी से इंडोनेशियाई खिलाड़ी को मात देने में सफल हो सके। 

दूसरे गेम में इंडोनेशिया के खिलाड़ी ने अच्छा खेल दिखाया, लेकिन वो अपने स्तर के लक्ष्य की बराबरी तक भी नहीं पहुंचा सके। मैच में कुछ मौके जरूर आए जब रुमबे ने नेट पर शानदार शॉट्स और क्रॉस कोर्ट स्मैश से भारतीय खिलाड़ी को चौंकाया। हालांकि लक्ष्य ने समय पर वापसी करते हुए उनका मुंह तोड़ जबाव दिया। 

लक्ष्य अपने करियर में थाईलैंड के खिलाड़ी से पहली बार भिडेंÞगे। फाइनल की रणनीति के बारे में उन्होंने कहा, ‘‘मैंने उनका सामना पहले कभी नहीं किया है, लेकिन मेरी कोशिश होगी कि मैं अपना सर्वश्रेष्ठ कर सकूं।’’ फाइनल का परिणाम चाहे जो हो, एशियाई जूनियर चैम्पियनशिप में कांस्य जीतने वाले लक्ष्य इस बार अपने पदक का रंग बदल कर ही लौटेंगे। 

इसी के साथ 18 साल का उत्तराखंड का यह खिलाड़ी गौतम ठक्कर (स्वर्ण-1965), प्रणव चोपड़ा/प्रजाक्ता सावंत (कांस्य-2009), समीर वर्मा (रजत-2011) और पी.वी. सिंधु (कांस्य-2011), सिंधु (स्वर्ण-2012), समीर वर्मा (कांस्य)2012 की फेहरिस्त में शामिल हो जाएगा। 

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