रूसी पहलवान के परिवार को रजत रखने दीजिए: योगेश्वर
योगेश्वर दत्त लंदन ओलंपिक 2012 के कांस्य से रजत में बदले पदक को मानवीय कारणों से लेने के उत्सुक नहीं हैं क्योंकि शुरूआत में दूसरे स्थान पर रहे पहलवान के उनकी मौत के बाद डोप परीक्षण में पाजीटिव पाए जाने का पता चला।
नयी दिल्ली। भारतीय पहलवान योगेश्वर दत्त लंदन ओलंपिक 2012 के कांस्य से रजत में बदले पदक को मानवीय कारणों से लेने के उत्सुक नहीं हैं क्योंकि शुरूआत में दूसरे स्थान पर रहे पहलवान के उनकी मौत के बाद डोप परीक्षण में पाजीटिव पाए जाने का पता चला। योगेश्वर ने ट्विटर पर लिखा, ‘‘बेसिक कुदुखोव शानदार पहलवान थे। उनकी मृत्यु के बाद डोप टेस्ट में विफल हो जाना दुखद है। मैं खिलाड़ी के रूप में उनका सम्मान करता हूं।’’उन्होंने कहा, ‘‘अगर हो सके तो यह पदक उन्हीं के पास रहने दिया जाए। उनके परिवार के लिए भी सम्मान पूर्ण होगा। मेरे लिए मानवीय संवेदना सर्वोपरि है।’’
चार बार के विश्व चैम्पियन और दो बार के ओलंपिक पदक विजेता कुदुखोव की दक्षिण रूस में 2013 में कार दुर्घटना में मौत हो गई थी। उनके 2012 में लिए नमूने का रियो खेलों से पूर्व विश्व डोपिंग रोधी एजेंसी ने दोबारा परीक्षण किया गया जिसमें वह विफल रहे। वह अब सुशील कुमार के साथ लंदन खेलों में रजत पदक जीतने वाले दूसरे भारतीय पहलवान हैं। योगेश्वर लंदन खेलों के प्री क्वार्टर फाइनल में कुदुखोव से हार गए थे लेकिन रूस के पहलवान के फाइनल में जगह बनाने पर उन्हें रेपेचेज राउंड में हिस्सा लेने का मौका मिला और उन्होंने कांस्य पदक जीता। वैश्विक संस्था (यूडब्ल्यूडब्ल्यू) से लिखित में भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) को स्वीकृति मिलने के बाद योगेश्वर को रजत पदक सौंपा जाना है।
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