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रोहित शर्मा की तरह ये दिग्गज खिलाड़ी भी रहे थे मिडिल ऑर्डर बल्लेबाज
- प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क
- अक्टूबर 7, 2019 17:49
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रोहित ने इससे पहले 27 टेस्ट मैचों में मध्यक्रम में बल्लेबाजी की थी जिनमें वह केवल तीन शतक लगा पाये थे। यह सही है कि सलामी बल्लेबाज के रूप में उनकी असली परीक्षा विदेशों में होगी लेकिन तब तक वे मानसिक रूप से यह जिम्मेदारी संभालने के लिये पूरी तरह तैयार हो जाएंगे।
नयी दिल्ली। अपने करियर के पहले 27 टेस्ट मध्यक्रम में खेलने के बाद सलामी बल्लेबाज के रूप में उतरे रोहित शर्मा अब ग्रीम स्मिथ, वीरेंद्र सहवाग, ग्राहम गूच, क्रिस गेल, सनथ जयसूर्या और मर्वन अटापट्टू जैसे अपने जमाने के दिग्गज ओपनरों की सूची में शामिल हो गये हैं जिन्होंने अपने टेस्ट करियर की शुरुआत मध्यक्रम के बल्लेबाज के रूप में की थी। रोहित ने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ विशाखापत्तनम में पहले टेस्ट मैच की दोनों पारियों में शतक जड़कर सलामी बल्लेबाज के रूप में धमाकेदार आगाज किया। वह पिछले छह साल से भी अधिक समय से सीमित ओवरों के क्रिकेट में भारत के लिये पारी की शुरुआत करते हैं लेकिन वर्षों पहले सहवाग पर किये गये प्रयोग से प्रेरणा लेकर रोहित को टेस्ट मैचों में भी यह जिम्मेदारी सौंपी गयी जिसमें वह पहली परीक्षा में सफल रहे। उन्होंने 176 और 127 रन की पारियां खेलकर कई नये रिकार्ड अपने नाम लिखवाये।
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रोहित ने इससे पहले 27 टेस्ट मैचों में मध्यक्रम में बल्लेबाजी की थी जिनमें वह केवल तीन शतक लगा पाये थे। यह सही है कि सलामी बल्लेबाज के रूप में उनकी असली परीक्षा विदेशों में होगी लेकिन तब तक वे मानसिक रूप से यह जिम्मेदारी संभालने के लिये पूरी तरह तैयार हो जाएंगे। उन्होंने कहा कि मुझे दो साल पहले बताया गया था कि किसी चरण में मुझे पारी का आगाज करने के लिये कहा जा सकता है। इसलिए मैं भले ही टेस्ट में नहीं खेल रहा था लेकिन नेट्स पर नयी गेंद का सामना करता था। रोहित पहले बल्लेबाज नहीं हैं जिन्हें मध्यक्रम से हटाकर शीर्ष क्रम में भेजा गया। ऐसे बल्लेबाजों की लंबी फेहरिस्त है जिनमें कई बेहद सफल भी रहे हैं। भारत से इनमें सहवाग का नाम आता है जिन्होंने अपने पहले पांच टेस्ट मध्यक्रम के बल्लेबाज के रूप में खेले और पदार्पण टेस्ट में शतक भी जड़ा था।
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लेकिन जब उन्हें सलामी बल्लेबाज के रूप में उतारा गया तो फिर उन्होंने अपने आखिरी टेस्ट तक यह जिम्मेदारी निभायी और इस बीच कई धमाकेदार पारियां भी खेलीं जिनमें दो तिहरे शतक भी शामिल हैं। सहवाग ने ओपनर के तौर पर 8207 रन बनाये हैं। दक्षिण अफ्रीका के सबसे सफल सलामी बल्लेबाज ग्रीम स्मिथ भी पहले दो टेस्ट मैचों में तीसरे और चौथे नंबर पर बल्लेबाजी के लिये उतरे थे, लेकिन वह मूल रूप से ओपनर थे और उन्होंने 205 में से 196 पारियां ओपनर के रूप में खेलकर 9030 टेस्ट रन बनाये थे। इस सूची में ग्राहम गूच, माइकल एथरटन या गेल का नाम चौंकाने वाला हो सकता है। गूच पहले दो टेस्ट में पांचवें नंबर पर उतरे थे लेकिन चार पारियों में केवल 37 रन बना पाये। इसके बाद वह तीन साल तक टीम से बाहर रहे और फिर उन्होंने सलामी बल्लेबाज के रूप में सफल वापसी की थी।
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गूच के साथी एथरटन भी पहले दो टेस्ट मैचों में वनडाउन पर खेले थे और नाकाम रहने के कारण उन्हें अगला मैच दस महीने बाद खेलने को मिला था लेकिन तब उन्हें सलामी बल्लेबाज बनाया गया था जिसमें वे सफल रहे। गेल ने पहले तीन टेस्ट मध्यक्रम में खेले और उनमें केवल 59 रन बनाये। इसके बाद उन्हें सलामी बल्लेबाज की जिम्मेदारी सौंपी गयी। भारत के नवजोत सिद्धू ने भी अपने टेस्ट करियर की शुरुआत मध्यक्रम के बल्लेबाज के रूप में की थी। मध्यक्रम से शीर्ष क्रम में पहुंचकर सफल ओपनर बनने वाले खिलाड़ियों में श्रीलंका के जयसूर्या और अटापट्टू प्रमुख हैं। जयसूर्या ने 14 टेस्ट निचले मध्यक्रम में खेले थे जिनमें वह केवल 591 रन बना पाये थे। इसके बाद उन्होंने ओपनर की भूमिका निभायी और 110 मैचों में 90 टेस्ट में यह जिम्मेदारी बखूबी संभाली।
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अटापट्टू की कहानी बड़ी रोचक है। उन्होंने चार साल के अंतर में तीन टेस्ट में छठे और सातवें नंबर पर बल्लेबाजी की और छह पारियों में केवल एक रन बनाया। इसके बाद तीसरे नंबर के बल्लेबाज के रूप में वापसी की पर नाकाम रहे। अटापट्टू ने 13 पारियां खेलने के बाद सलामी बल्लेबाज का जिम्मा संभाला और फिर पीछे मुड़कर नहीं देखा। रिकार्ड के लिये बता दें कि उनके नाम पर ओपनर के तौर पर छह दोहरे शतक दर्ज हैं।
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दक्षिण अफ्रीका के वर्तमान सलामी बल्लेबाज डीन एल्गर अपने पहले सात टेस्ट मैच में अक्सर छठे और सातवें नंबर पर बल्लेबाजी के लिये उतरे। वह श्रीलंका के खिलाफ 2014 में गॉल में पारी का आगाज करने उतरे और 103 रन बनाये। इसके बाद से वह लगातार ओपनर बने हुए हैं। उन्हीं के देश के हर्शल गिब्स पहले सात टेस्ट तक मध्यक्रम में खेलते रहे और फिर जाकर उन्हें सलामी बल्लेबाज बनाया गया। आस्ट्रेलिया के जस्टिन लैंगर लंबे समय तक तीसरे नंबर के बल्लेबाज बने रहे लेकिन बाद में उन्होंने मैथ्यू हेडन के साथ सफल सलामी जोड़ी बनायी थी। आस्ट्रेलिया के ही बॉबी सिम्पसन शुरू में छठे से आठवें नंबर पर बल्लेबाजी के लिये उतरे लेकिन बाद में सलामी बल्लेबाज के रूप में सफल रहे। इंग्लैंड के डेनिस एमिस ने पहले नौ टेस्ट मध्यक्रम में खेले थे जबकि माइकल वान ने 13 टेस्ट मध्यक्रम में खेलने के बाद सलामी बल्लेबाज की जिम्मेदारी निभायी थी।
भारत के महान लेग स्पिनर भागवत चंद्रशेखर अस्पताल में भर्ती, हालत में सुधार
- प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क
- जनवरी 18, 2021 12:40
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महान लेग स्पिनर चंद्रशेखर को हल्का स्ट्रोक आने के बाद अस्पताल में भार्ती कराया गया। उनकी अभी हालत में सुधार है। भारत के 75 वर्षीय इस पूर्व स्पिनर को थकान और उसके कारण जबान लड़खड़ाने के कारण शुक्रवार को अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
बेंगलुरू। भारत के पूर्व क्रिकेटर बी एस चंद्रशेखर को हल्का स्ट्रोक आने के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया हालांकि उनके परिवार ने सोमवार को बताया कि उनकी स्थिति में सुधार आया है और अगले कुछ दिन में उन्हें छुट्टी मिल जायेगी। उनकी पत्नी संध्या चंद्रशेखर भागवत ने कहा ,‘‘ उनकी हालत में सुधार आया है।वह बुधवार या गुरूवार को घर लौट आयेंगे।’’ भारत के 75 वर्षीय इस पूर्व स्पिनर को थकान और उसके कारण जबान लड़खड़ाने के कारण शुक्रवार को अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
BS Chandrasekhar admitted to a hospital in Bengaluru. He was fine & was watching match when he suddenly complained of fatigue and slurring in speech. So we took him to the hospital. He is fine and will be back home in two days: Sandhya Chandrasekhar, wife of BS Chandrasekhar https://t.co/o46jaoQZLb
— ANI (@ANI) January 18, 2021
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डॉक्टरों की सलाह पर उनका न्यूरोलॉजी में उपचार कराया गया। उन्हें एस्टर आर वी अस्पताल में आपात चिकित्सा ईकाई में रखा गया था। उनकी पत्नी ने बताया कि अब वह सामान्य वार्ड में हैं और उनकी फिजियोथेरेपी चल रही है। संध्या ने कहा ,‘‘ उनके दिमाग में किसी तरह का अवरोध है। यह बहुत ही हलका स्ट्रोक था। वह एक या दो सप्ताह में पूरी तरह से ठीक हो जायेंगे। कोई जानलेवा बीमारी नहीं है। उनके प्रशंसकों को बता दीजिये कि वह ठीक है। वह मजबूत इच्छाशक्ति वाले हैं।’’ चंद्रशेखर ने अपने 16 साल के कैरियर में 58 टेस्ट में 242 विकेट लिये। बिशन सिंह बेदी, ईरापल्ली प्रसन्ना और एस वेंकटराघवन के साथ भारत की मशहूर स्पिन चौकड़ी का हिस्सा रहे चंद्रशेखर साठ और सत्तर के दशक में खेले थे। उन्हें 1972 में पद्मश्री और अर्जुन पुरस्कार मिला था।
ऑस्ट्रेलियाई ओपन: 47 खिलाड़ियों को भेजा गया कड़े पृथकवास पर, खिलाड़ियों में बढ़ी नाराजगी
- प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क
- जनवरी 17, 2021 15:39
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चार कोविड-19 पॉजिटिव मामले आने के बाद ऑस्ट्रेलियाई ओपन के लिये पहुंचे खिलाड़ी कड़े पृथकवास पर है।अन्य खिलाड़ियों को अपने कमरे से निकलकर प्रत्येक दिन पांच घंटे अभ्यास की अनुमति होगी जबकि करीबी संपर्क वाले खिलाड़ियों के साथ ऐसा नहीं होगा और वे कमरों से बाहर नहीं निकल पायेंगे।
मेलबर्न।ऑस्ट्रेलियाई ओपन टेनिस टूर्नामेंट के लिये दो विशेष विमानों से यहां पहुंचे 47 खिलाड़ियों को कड़े पृथकवास पर भेज दिया गया है क्योंकि इन उड़ान में कोरोना वायरस के चार मामले पॉजीटिव पाये गये हैं। कुछ खिलाड़ी इस बात से भी नाराज थे कि उन्हें पॉजिटिव आये लोगों के साथ फ्लाइट में मौजूद होने की वजह से ही ‘करीबी संपर्क’ श्रेणी में रख दिया गया है जिससे उन्हें अन्य खिलाड़ियों की तुलना में सख्त पृथकवास में रहना होगा।
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अन्य खिलाड़ियों को अपने कमरे से निकलकर प्रत्येक दिन पांच घंटे अभ्यास की अनुमति होगी जबकि करीबी संपर्क वाले खिलाड़ियों के साथ ऐसा नहीं होगा और वे कमरों से बाहर नहीं निकल पायेंगे। स्थानीय स्वास्थ्य अधिकारियों ने कहा कि सभी खिलाड़ियों को पहले ही जोखिम के बारे में चेतावनी दे दी गयी है। और इन नियमों को तोड़ने के संबंध में भी खिलाड़ियों को चेताया गया है। अगर पृथकवास के नियमों का उल्लंघन होता है तो उन्हें भारी जुर्माने के साथ और अधिक सुरक्षित पृथकवास परिसर में भेज दिया जायेगा जहां उनके होटल के कमरों के दरवाजों के बाहर पुलिस तैनात होगी। शनिवार को तीन पॉजिटिव मामलों की घोषणा की गयी थी और विक्टोरिया की कोविड-19 पृथकवास आयुक्त एम्मा कासार ने रविवार को एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि इसमें एक चौथा पॉजिटिव मामला भी सामने आया है। अभी तक कोई भी खिलाड़ी पॉजिटिव नहीं मिला है। लास एंजिल्स की फ्लाइट में एक क्रू सदस्य, एक कोच और टीवी प्रसारण टीम के एक सदस्य को पॉजिटिव पाया गया। एक अन्य मामला अबुधाबी से पहुंची उड़ान में के एक कोच के पॉजिटिव आने का है। टूर्नामेंट के आयोजकों ने बताया कि लास एंजिल्स और अबुधाबी से यहां पहुंची उड़ान में ये मामले पाये गये हैं।
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अधिकारियों ने कहा कि लास एंजिल्स से आये विशेष विमान में कोविड-19 के तीन मामले पाये गये। एक मामला अबुधाबी से यहां पहुंचे विमान में मिला। इन चारों को आस्ट्रेलिया की फ्लाइट लेने से पहले जांच में नेगेटिव पाया गया था। इन चारों को होटल में रखा गया है। कनाडा की स्टार खिलाड़ी बियांका आंद्रीस्कू के कोच सिल्वेन ब्रूनीयु ने कहा है कि उन्हें अबुधाबी से यहां पहुंचने पर कोविड-19 के लिये पॉजीटिव पाया गया। उन्होंने कहा, ‘‘मेरी टीम के अन्य सदस्यों का परीक्षण परिणाम नेगेटिव आया है। ’’ दो बार की ओपन चैम्पियन विक्टोरिया अजारेंका और 2014 अमेरिकी ओपन के उप विजेता केई निशिकोरी लास एंजिल्स की फ्लाइट में थे। इससे पहले अधिकारियों ने कहा कि लास एंजिल्स से आने वाले सभी यात्रियों को 14 दिन तक होटल में कड़े पृथकवास पर भेज दिया गया है। टेनिस आस्ट्रेलिया ने पुष्टि की कि लास एंजिल्स से पहुंचे विमान में 24 और अबुधाबी से आये विमान में 23 खिलाड़ी थे।
इस साल तोक्यो ओलंपिक होगा या नहीं? अब संयुक्त राष्ट्र लेगी फैसला
- प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क
- जनवरी 17, 2021 10:47
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आईओसी के पूर्व उपाध्यक्ष ने कहा कि, संयुक्त राष्ट्र तोक्यो ओलंपिक के बारे में फैसला कर सकता है।आईओसी और स्थानीय आयोजकों ने कहा कि इस बार ओलंपिक खेल स्थगित नहीं किये जा सकते हैं। अगर इनका आयोजन नहीं हो पाता है तो फिर इन्हें रद्द कर दिया जाएगा।
सिडनी। अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) के पूर्व उपाध्यक्ष केविन गोस्पर का मानना है कि एक साल के लिये स्थगित किये गये तोक्यो ओलंपिक का भाग्य का फैसला करने में संयुक्त राष्ट्र अपनी भूमिका निभा सकता है। ओलंपिक खेलों का उद्घाटन 23 जुलाई को हाना है लेकिन तोक्यो, जापान और विश्व भर में कोविड-19 के बढ़ते मामलों के कारण इसके आयोजन को लेकर आशंकाएं व्यक्त की जा रही हैं। गोस्पर अब भी आईओसी के मानद सदस्य हैं और उन्होंने आस्ट्रेलिया के राष्ट्रीय प्रसारक के साथ बातचीत में यह सुझाव दिया।
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उन्होंने एबीसी के एक कार्यक्रम में कहा, ‘‘अगर आप यह पता करने के लिये तीसरे पक्ष के पास जाते हैं कि वैश्विक कोविड महामारी और उसके प्रभाव के कारण यह केवल खेल या राष्ट्रीय हित से जुड़ा मसला नहीं है तो तब यह मामला संयुक्त राष्ट्र के पास जा सकता है और खेलों के आयोजन का फैसला करने में उसे मध्यस्थ के रूप में शामिल किया जा सकता है। ’’ आईओसी और स्थानीय आयोजकों ने कहा कि इस बार ओलंपिक खेल स्थगित नहीं किये जा सकते हैं। अगर इनका आयोजन नहीं हो पाता है तो फिर इन्हें रद्द कर दिया जाएगा।

