गेंदबाजों के बोझ का प्रबंधन भारत की सबसे बड़ी चिंता
जमैका में दूसरे टेस्ट में दबदबे वाली स्थिति में होने के बावजूद मैच नहीं जीत पाने की निराशा को पीछे छोड़ते हुए भारतीय क्रिकेट टीम ने खाली दिन का लुत्फ उठाया।
सेंट लूसिया। जमैका में दूसरे टेस्ट में दबदबे वाली स्थिति में होने के बावजूद मैच नहीं जीत पाने की निराशा को पीछे छोड़ते हुए भारतीय क्रिकेट टीम ने खाली दिन का लुत्फ उठाया। दूसरे और तीसरे टेस्ट के बीच पांच दिन का अंतर है और मेहमान टीम इस समय का इस्तेमाल एंटीगा और किंगस्टन के गर्म और उमस भरे हालात से उबरने के लिए कर रही है। भारतीय टीम को अब अगले साल जून तक लगातार क्रिकेट खेलना है और ऐसे में गेंदबाजों के बोझ का प्रबंधन करना महत्वपूर्ण होगा।
मोहम्मद शमी चोट के कारण 18 महीने बाद वापसी कर रहे हैं और मुख्य कोच अनिल कुंबले ने इस तेज गेंदबाज के संदर्भ में कहा, ‘‘18 महीने बाद वापसी करना आसान नहीं होता। चोट के बाद तेज गेंदबाज के लिए वापसी आसान नहीं होती और मुझे खुशी है कि उसने वापसी की। वह हमारे लिए महत्वपूर्ण है। हम काफी आगे के बारे में नहीं सोचना चाहते लेकिन गेंदबाजी के बोझ से हम अवगत हैं।’’ कुंबले ने दूसरे टेस्ट के बाद कहा, ‘‘एंटीगा में पिछले टेस्ट में गेंदबाजों को लगातार पारियों में गेंदबाजी करनी पड़ी। इसलिए हमने ट्रेनिंग सत्र में भी उसी तरह काम के बोझ को लेने का प्रयास किया जैसे मैच में होता है। अब तक इसने शानदार काम किया है और मुझे शमी के लिए बेहद खुशी है कि उसने शानदार वापसी की। वह हमारे लिए महत्वपूर्ण है।''
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