मिल्खा ने राज्यवर्धन राठौड़ को खेल मंत्री बनाने की मांग की
उड़न सिख मिल्खा सिंह ने सलाह दी कि भविष्य में ओलंपिक जैसे कई खेलों वाले वैश्विक आयोजनों में बेहतर नतीजों के लिए ‘‘सही मदद’’ के साथ राज्यवर्धन सिंह राठौड़ को केंद्रीय खेल मंत्री बनाया जाए।
चंडीगढ़। उड़न सिख मिल्खा सिंह ने सलाह दी कि भविष्य में ओलंपिक जैसे कई खेलों वाले वैश्विक आयोजनों में बेहतर नतीजों के लिए ‘‘सही मदद’’ के साथ राज्यवर्धन सिंह राठौड़ को केंद्रीय खेल मंत्री बनाया जाए। उन्होंने कहा, ‘‘मेरी एक सलाह है, राज्यवर्धन सिंह राठौड़ को खेल मंत्री बनाया जाए और उचित धनराशि एवं संसाधन संबंधी मदद के साथ उन्हें प्रभारी बना दिया जाए। अलग अलग लोगों को विभिन्न खेलों के लिए प्रमुख बनाया जाए और भारत के लिए पदक लाने की खातिर उन्हें पूरा सहयोग दिया जाए। भारत में प्रतिभाओं की कमी नहीं है, मुझे पूरा भरोसा है कि सही प्रयास के साथ हम ऐसा कर सकते हैं।’’ मिल्खा ने रियो ओलंपिक में शानदार प्रदर्शन के लिए पीवी सिंधु, साक्षी मलिक और दीपा कर्माकर की सराहना की। उन्होंने कहा, ‘‘मेरी आंखों में आंसू थे जब मैंने सिंधु और साक्षी मलिक को पदक हासिल करने के बाद कंधे से राष्ट्रीय ध्वज लपेटे देखा। मैं और मेरी पत्नी निर्मल जो खुद अंतरविश्वविद्यालय बैडमिंटन खिलाड़ी रह चुकी हैं, पीवी सिंधु, उनके माता पिता और कोच गोपीचंद को इस शानदार उपलब्धि के लिए बधाई देते हैं।''
मिल्खा ने कहा, ‘‘मैं साक्षी मलिक एवं दीपा कर्माकर, उनके माता पिता और कोच को उनके त्याग और यह साबित करने के लिए बधाई देता हूं कि कड़ी मेहनत और दृढ़ निश्चय के साथ भारतीय महिलाएं ऊंचाइयां छू सकती हैं और यह हमारे लड़कों के लिए भी एक प्रेरणा होनी चाहिए। आप लड़कियों ने भारत को गौरवान्वित किया है और हम आपके आभारी हैं।’’ जहां बैडमिंटन खिलाड़ी सिंधु ओलंपिक रजत पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला खिलाड़ी हैं वहीं साक्षी ओलंपिक पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला पहलवान हैं। जिम्नास्ट दीपा कर्माकर रियो में व्यक्तिगत वॉल्ट के फाइनल में चौथे स्थान पर रहीं जो ओलंपिक में किसी भी भारतीय जिम्नास्ट का अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है। मिल्खा ने कहा, ‘‘रियो ओलंपिक खेलों के खत्म होने के साथ ही हमें बेहतर हो रहे विश्व स्तरों को ध्यान में रखते हुए पदक जीतने के लक्ष्य के साथ अगले दो ओलंपिक खेलों के लिए काम करना शुरू कर देना चाहिए। आज हमारे पास बुनियादी ढांचा और संसाधन हैं। कोई कमी नहीं है। हमें अनुबंध के आधार पर शीर्ष स्तर के कोच तैनात करने चाहिए और उन्हें तथा हमारे खिलाड़ियों को स्वर्ण के लिए प्रतिस्पर्धा करने की खातिर सशक्त करना चाहिए।''
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