जिंदगी में ज्यादा लोग होना ध्यान भंग करता है: कोहली

[email protected] । Jan 16 2017 4:38PM

भारतीय कप्तान विराट कोहली ने कहा कि उनकी अपार सफलता का राज उनकी जिंदगी में ‘ज्यादा करीबी लोगों का नहीं’ होना है क्योंकि इसे रूकावटें पैदा होती हैं।

भारतीय कप्तान विराट कोहली ने कहा कि उनकी अपार सफलता का राज उनकी जिंदगी में ‘ज्यादा करीबी लोगों का नहीं’ होना है क्योंकि इसे रूकावटें पैदा होती हैं। कोहली ने बीसीसीआई डाट टीवी को साक्षात्कार में इंग्लैंड के पूर्व कप्तान नासिर हुसैन से कहा, ‘‘मैं भाग्यशाली हूं कि मेरी जिंदगी में ऐसे ज्यादा लोग नहीं हैं जिनके मैं ज्यादा करीब हूं। मुझे लगता है कि इससे मदद मिलती है। अगर आपकी जिंदगी में काफी लोग होते हैं और आप काफी दोस्तों से बातें करते हों तो आपका ध्यान भंग होता है और आपका समय प्रबंधन भी अंसभव बन जाता है।’’

कोहली को लगता है कि किसी को अपनी महत्वकांक्षाओं को सीमित नहीं करना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि बतौर खिलाड़ी, हम पहले ही खुद को सीमित कर देते हैं, बिना यह जाने कि हम कितना कुछ कर सकते हैं। यह ऐसी चीज है जिस पर मैं कभी सीमा नहीं लगाता। यहां तक कि समय प्रबंधन में भी, जिस दिन मैं थोड़ा थक जाता हूं, उसी दिन चीजों को कम करना शुरू कर देता हूं। मैं कभी भी उन चीजों पर सीमायें नहीं लगाता जिन्हें मैं जिंदगी में करना चाहता हूं।’’ कोहली ने कहा, ‘‘आपको अच्छा संतुलन बनाना होता है और आगे बढ़ना होता है। अब तक यह सही चल रहा है। अब मैं कह सकता हूं कि अभी मैं संतुलन बनाये हूं।’’ सचिन तेंदुलकर के साथ हमेशा होने वाली तुलना के बारे में कोहली ने स्पष्ट किया कि उनकी संख्याओं को हासिल करना बहुत मुश्किल है। उन्होंने कहा, ‘‘मैं शायद इतने लंबे (24 वर्षों) समय तक नहीं खेलूं। 200 टेस्ट, 100 अंतरराष्ट्रीय शतक। ये शानदार संख्या है और इसे हासिल करना असंभव होगा। लेकिन हां, मैं अंतर पैदा करना चाहता हूं और हमेशा मानता हूं कि मुझे खेल को बेहतर तरीके से छोड़ना होगा।’’

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