गोलकीपर के रूप में टीम को ‘जीवन देना’ मेरा काम: श्रीजेश
रियो ओलंपिक में अर्जेंटीना के खिलाफ जीत में अहम भूमिका निभाने वाले भारतीय हाकी टीम के कप्तान पीआर श्रीजेश ने आज कहा कि गोलकीपर के तौर पर मैच के अंतिम क्षणों में टीम को जीवन देना उनकी भूमिका है।
रियो डि जिनेरियो। रियो ओलंपिक में अर्जेंटीना के खिलाफ जीत में अहम भूमिका निभाने वाले भारतीय हाकी टीम के कप्तान पीआर श्रीजेश ने आज कहा कि गोलकीपर के तौर पर मैच के अंतिम क्षणों में टीम को जीवन देना उनकी भूमिका है। चिंगलेनसना और कोथाजीत सिंह के गोल से पहले तीन क्वार्टर में दबदबा बनाने वाली भारतीय टीम आखिरी क्वार्टर में दबाव में आ गयी थी लेकिन श्रीजेश ने बेहतरीन प्रदर्शन करके टीम को संकट से बाहर निकाला।
श्रीजेश ने मैच के बाद कहा, ‘‘गोलकीपर का काम अपनी टीम को मुश्किल क्षणों में जीवन देना होता है। आप टीम को मुश्किल परिस्थितियों से बाहर निकलने में मदद करते हो। गोल बचाना हमेशा से मेरा पहला काम रहा है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘अंतिम 15 मिनट मुश्किल भरे थे। उनके लिये यह करो या मरो जैसा था। हमने एक गोल गंवाया लेकिन कुल मिलाकर हमने अच्छा प्रदर्शन किया। ’’भारतीय कोच रोलैंड ओल्टमैंस ने कहा, ‘‘आखिरी कुछ मिनटों में हमने वास्तव में बहुत चतुराई दिखायी। हमने गेंद को उनके हाफ में रखा।''
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