नरसिंह डोप टेस्ट में नाकाम, साजिश का लगाया आरोप
पहलवान नरसिंह यादव डोप टेस्ट में नाकाम रहे लेकिन उन्होंने जोर देकर कहा कि उनके ओलंपिक प्रतिनिधित्व को खतरे में डालने वाला यह प्रकरण उनके खिलाफ साजिश है।
नयी दिल्ली। भारत की ओलंपिक तैयारियों को आज करारा झटका लगा जब सुशील कुमार पर तरजीह देकर चुने गए पहलवान नरसिंह यादव डोप टेस्ट में नाकाम रहे लेकिन उन्होंने जोर देकर कहा कि उनके ओलंपिक प्रतिनिधित्व को खतरे में डालने वाला यह प्रकरण उनके खिलाफ साजिश है। राष्ट्रीय डोपिंग निरोधक एजेंसी (नाडा) के महानिदेशक नवीन अग्रवाल ने इसकी पुष्टि की कि नरसिंह को प्रतिबंधित पदार्थ के लिए पॉजीटिव पाया गया है और कल वह नाडा के अनुशासनात्मक पैनल के समक्ष पेश हुआ। सूत्रों ने बताया कि उसे प्रतिबंधित अनाबालिक स्टेरायड मेथांडिएनोन के सेवन का दोषी पाया गया। नाडा महानिदेशक ने कहा ,‘‘हां, वह (नरसिंह) प्रतिबंधित स्टेरायड के लिए पाजीटिव पाया गया है। उसका बी नमूना भी पॉजीटिव निकला। जब उसका बी नमूना खोला गया तब वह खुद भी मौजूद था।’’ उन्होंने कहा, ''वह अनुशासन पैनल के सामने पेश हुआ। पैनल ने इस मामले पर और रिपोर्ट मांगी है। मुझे उम्मीद है कि पैनल जल्दी कार्रवाई करेगा। हमें तब तक इंतजार करना होगा।’’ यह पूछने पर कि क्या नरसिंह रियो ओलंपिक में नहीं खेल सकेगा, अग्रवाल ने कहा, ''अभी कुछ कहना जल्दबाजी होगी। हम जल्दी ही प्रक्रिया पूरी करने की कोशिश करेंगे। मैं अभी कोई कयास नहीं लगा सकता।’’ दूसरी तरफ नरसिंह ने खुद को निर्दोष बताते हुए कहा कि यह प्रकरण उनके खिलाफ साजिश है। नरसिंह ने बयान जारी करके कहा, ‘‘मेरा मानना है कि यह मेरे खिलाफ साजिश है। मैने कभी कोई प्रतिबंधित पदार्थ नहीं लिया। किसी ने मेरे भोजन और पानी में कुछ पदार्थ मिलाया। मुझे गर्व है कि मैंने अंतराष्ट्रीय और राष्ट्रीय स्तर पर प्रत्येक प्रतियोगिता में पूरी ईमानदारी और पारदर्शिता के साथ हिस्सा लिया है और मैं ऐसा आगे भी जारी रखूंगा। मैं एक जिम्मेदार खिलाड़ी हूं और देश की अपेक्षाओं और मेरे से लगायी गयी उम्मीदों के बारे में जानता हूं। मैंने कभी इस उम्मीद से धोखाधड़ी करने का सपना नहीं देखा।''
भारतीय कुश्ती महासंघ ने इस पूरे घटनाक्रम को साजिश बताया। उसके एक अधिकारी ने कहा, ''इसमें कोई साजिश है। नरसिंह का साफ सुथरा इतिहास रहा है। उसके खिलाफ साजिश की गई है। 74 किलो वर्ग में नुमाइंदगी का फैसला बाद में किया जायेगा लेकिन लगता है कि रियो में 74 किलो वर्ग में भारत का प्रतिनिधित्व नहीं होगा। नरसिंह को अस्थायी तौर पर निलंबित कर दिया गया है।’’ पिछले साल विश्व चैम्पियनशिप में कांस्य पदक जीतने वाले नरसिंह का रियो ओलंपिक के लिये चयन विवादित हालात में हुआ था क्योंकि ओलंपिक के दोहरे पदक विजेता सुशील ने 74 किलो वर्ग में दावेदारी ठोकी थी और ट्रायल की मांग की थी। नरसिंह ने चूंकि विश्व चैम्पियनशिप के जरिये कोटा हासिल किया था इसलिए डब्ल्यूएफआई और दिल्ली उच्च न्यायालय दोनों ने सुशील की मांग खारिज कर दी। इस मामले में अब तक कोई औपचारिक बयान जारी नहीं करने वाले सुशील ने हालांकि यह विवाद सामने आने के बाद ट्वीट करते हुए कहा, ‘‘सम्मान मांगा नहीं जाता, इसे कमाना पड़ता है।’’ विश्व चैम्पियनशिप के पूर्व पदक विजेता सुशील ने हालांकि यह साफ नहीं किया कि उन्होंने किसके लिए और असल में किसी संदर्भ में यह ट्वीट किया। नरसिंह को ओलंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करने के लिए सुशील के साथ लंबी कानूनी लड़ाई लड़नी पड़ी थी।
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