भारत के बच्चे बने फुटबॉल विश्व कप में आधिकारिक मैच गेंदवाहक
भारत का फुटबॉल विश्व कप में खेलने का सपना हालांकि अब भी बहुत दूर हो, कुछ भारतीय बच्चों का यहां विश्व कप में आधिकारिक मैच गेंद वाहक (ओएमबीसी) बनने के साथ इस वैश्विक प्रतियोगिता का गवाह बनने का सपना जरूर साकार हो गया।
मॉस्को। भारत का फुटबॉल विश्व कप में खेलने का सपना हालांकि अब भी बहुत दूर हो, कुछ भारतीय बच्चों का यहां विश्व कप में आधिकारिक मैच गेंद वाहक (ओएमबीसी) बनने के साथ इस वैश्विक प्रतियोगिता का गवाह बनने का सपना जरूर साकार हो गया। दक्षिण कोरियाई कार निर्माता कंपनी किया मोटर्स द्वारा देशव्यापी टैलेंट हंट के जरिये चुने गए 10 साल के ऋषि तेज और 11 साल की नतानिया जॉन भारत की तरफ से पहले आधिकारिक मैच गेंद वाहक बन गए।
जहां नतानिया ने सेंट पीटर्सबर्ग में ब्राजील-कोस्टारिका के मैच में हाथों में गेंद थामने के साथ नेमार और फिलीप कोटिन्हो जैसे खिलाड़ियों को पास से देखा, ऋषि ने बेल्जियम-पनामा के ग्रुप दौर के मुकाबले का लुत्फ उठाया जहां इडेन हजार्ड और रोमेलू लुकाकू जैसे खिलाड़ी मैदान पर अपनी प्रतिभा दिखा रहे थे।
ऋषि ने कहा, ‘मैं फुटबॉल का बहुत आभारी हूं, यह मेरे जीवन की सबसे प्यारी चीज है। यह मेरे लिए एक खेल से कहीं ज्यादा है, फुटबॉल जिंदगी है।’ वहीं नतानिया ने कहा, ‘सबको यह मौका नहीं मिलता। यहां होना मेरे लिए अद्भुत है।’
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