ओलंपिक जाने वाले पहलवानों का शिविर रद्द, अभ्यास और प्रतिस्पर्धा के लिए जाएंगे यूरोप
पोलैंड की राजधानी में आठ से 13 जून तक तोक्यो खेलों से पहले रैंकिंग श्रृंखला की आखिरी प्रतियोगिता का आयोजन होगा। पहलवानों के पास कुछ अहम रैंकिंग अंक अर्जित करने का मौका होगा, जिससे उन्हें ओलंपिक में बेहतर ड्रा प्राप्त करने में मदद मिलेगी।
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डब्ल्यूएफआई के सहायक सचिव विनोद तोमर ने कहा, ‘‘हमने बहलगढ़ में एक शिविर की योजना बनाई थी, लेकिन उन्हें पृथकवास के दौरान 14 दिनों तक प्रशिक्षण की अनुमति नहीं थी। इसलिए हमने सोचा कि बेहतर होगा कि वे अपने-अपने अखाड़ों में अभ्यास करे और फिर पोलैंड की यात्रा करें।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ हम सभी पहलवानों को अभ्यास के लिए उनकी पसंद के एक साथी के साथ यात्रा करने की अनुमति भी दे रहे हैं। विनेश फोगट, बजरंग पुनिया, रवि दहिया और दीपक पुनिया जैसे कुछ लोगों के साथ उनके निजी कोच भी होंगे।’’ डब्ल्यूएफआई ने पोलैंड के कुश्ती संघ से भारतीय पहलवानों को अगले महीने वारसॉ में होने वाले टूर्नामेंट से पहले प्रशिक्षण शिविर के लिए उनकी सुविधाओं का उपयोग करने की अनुमति मांगी है। टूर्नामेंट खत्म होने के बाद भारतीय पहलवान एक और प्रशिक्षण शिविर के लिए वारसॉ में रहेंगे, जिसका आयोजन पोलैंड के संघ द्वारा किया जा रहा है। वारसॉ के बाद भारतीय दल अभ्यास शिविर के लिए हंगरी और फिर तुर्की जाएगा।
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तुर्की में वे यासर डोगु प्रतियोगिता (25 से 27 जून) में भाग लेने के बाद जुलाई में भारत वापस लैटेंगे। विनेश पहले से ही हंगरी के अपने कोच वोलेर अकोस के साथ विदेश में हैं। वह वहां से सीधे पोलैंड पहुंचेंगी। यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या युवा पहलवान सोनम मलिक (महिला 62 किग्रा) और सुमित मलिक (पुरुष 125 किग्रा) करीब 40 दिनों की यात्रा का हिस्सा होंगे या नहीं। ये दोनों घुटने की चोट से उबर रहे हैं। तोमर ने कहा, ‘‘ यात्रा के सारे इंतजाम करने में करीब 10 दिन और लगेंगे, इसलिए उम्मीद है कि वे चोटों से उबर कर इसका हिस्सा बन सकेंगे।
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