मैंने इसकी उम्मीद नहीं की थी लेकिन गोपी सर जोर देते रहे: Pranay

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प्रणय ने खिताब जीत के बाद कहा, ‘‘मुझे लगता है कि बहुत सारी भावनाएं हैं। पिछले छह साल बहुत अधिक उतार-चढ़ाव वाले रहे हैं। ईमानदारी से कहूं तो मुझे उम्मीद नहीं थी कि छह साल बाद ऐसा होगा। मेरा मतलब है कि अगर आपने मेरे से 2017 में पूछा होता तो मैं नहीं कहता कि मैं 2023 में खिताब जीतूंगा। इसलिए काफी मिश्रित भावनाएं हैं।’’

भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी एचएस प्रणय ने अपना अगला एकल खिताब जीतने की उम्मीद छोड़ ही दी थी लेकिन मुख्य कोच पुलेला गोपीचंद ने उनके अंदर छह साल के खिताब के सूखे को खत्म करने का आत्मविश्वास डाला और उन्हें विश्वास दिलाया कि वह मजबूत खिलाड़ी हैं। प्रणय ने रविवार को यहां मलेशिया मास्टर्स सुपर 500 टूर्नामेंट के पुरुष एकल फाइनल में चीन के वेंग होंग येंग को तीन गेम में हराकर खिताब के सूखे को खत्म किया।

प्रणय ने खिताब जीत के बाद कहा, ‘‘मुझे लगता है कि बहुत सारी भावनाएं हैं। पिछले छह साल बहुत अधिक उतार-चढ़ाव वाले रहे हैं। ईमानदारी से कहूं तो मुझे उम्मीद नहीं थी कि छह साल बाद ऐसा होगा। मेरा मतलब है कि अगर आपने मेरे से 2017 में पूछा होता तो मैं नहीं कहता कि मैं 2023 में खिताब जीतूंगा। इसलिए काफी मिश्रित भावनाएं हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘सभी कोच, सहयोगी स्टाफ और गोपी सर (मुख्य राष्ट्रीय कोच पुलेला गोपीचंद) को धन्यवाद। वह मुझसे कहते रहे कि यह एक दिन ऐसा होगा और मुझे विश्वास रखना चाहिए।’’

दुनिया के नौवें नंबर के और भारत के शीर्ष खिलाड़ी 30 वर्षीय प्रणय ने अपने पूर्व साथी आरएमवी गुरुसाई दत्त का भी शुक्रिया अदा किया जिन्होंने पिछले साल जून में संन्यास लेने के बाद कोचिंग की ओर रुख किया और जरूरत के समय उनकी मदद की। उन्होंने कहा, ‘‘गुरू को धन्यवाद, पिछले चार महीनों में हमने वास्तव में कड़ी मेहनत की है और अंत में परिणाम सामने है।’’ बीडब्ल्यूएफ विश्व टूर छह स्तर में विभाजित है जिसमें विश्व टूर फाइनल्स, चार सुपर 1000, छह सुपर 750, सात सुपर 500 और 11 सुपर 300 टूर्नामेंट शामिल हैं। एक अन्य वर्ग के टूर्नामेंट बीडब्ल्यूफ टूर सुपर 100 से भी खिलाड़ियों को रैंकिंग अंक मिलते हैं।

सुपर 500 बीडब्ल्यूएफ रैंकिंग प्रणाली में ग्रेड दो (चौथे स्तर) का टूर्नामेंट है। प्रणय ने कहा कि वह पिछले तीन दिन से ठीक से सोए नहीं हैं। उन्होंने कहा, ‘‘मैं पिछले तीन दिनों से अच्छी तरह से सो नहीं पा रहा था, मेरी टीम थोड़ी चिंतित थी कि मुझे सही तरह से नींद नहीं आ रही है। बहुत अधिक भावनाएं थी, आप इन खूबसूरत दर्शकों के सामने कोर्ट पर उतरकर खेलने के लिए उत्साहित थे।’’ प्रणय ने पिछले साल थॉमस कप में भारत की ऐतिहासिक जीत में अहम भूमिका निभाई थी लेकिन 2017 अमेरिकी ओपन ग्रां प्री गोल्ड के बाद से वह व्यक्तिगत खिताब नहीं जीत पाए थे।

प्रणय ने इस हफ्ते शानदार प्रदर्शन करते हुए अपनी खिताबी जीत के दौरान दुनिया के पांचवें नंबर के खिलाड़ी चाउ टिएन चेन, ऑल इंग्लैंड चैंपियन ली शी फेंग और जापान के केंटा निशिमोटो को हराया। उन्होंने कहा, ‘‘ड्रॉ मेरे लिए बेहद कठिन था, मुझे कड़े मुकाबले खेलने थे। मुझे चार मैचों में कड़ी मेहनत करनी पड़ी। मुकाबले काफी करीबी रहे। यह दर्शाता है कि मैं कितना धैर्यवान था और मेरी फिटनेस भी ठीक थी।’’ प्रणय कहा, ‘‘ऐसे खिलाड़ियों को हराना आसान नहीं है। परिस्थितियां धीमी थीं और मुझे वहां टिके रहना था और मैंने वही किया।’’

राष्ट्रमंडल खेलों के पूर्व कांस्य पदक विजेता गुरुसाई दत्त का मानना है कि कुछ अतिरिक्त शॉट जोड़ने से प्रणय को मदद मिली। उन्होंने पीटीआई से कहा, ‘‘वह हमेशा अच्छा प्रदर्शन करता रहा है। उसे सिर्फ एक जीत की जरूरत थी। गोपी सर और मैंने महसूस किया कि वह इसके करीब है। उसने सभी शीर्ष खिलाड़ियों को हराया है और यह विश्वास के बारे में है।’’

गुरुसाई दत्त ने कहा, ‘‘इस विशेष टूर्नामेंट में, मुझे लगा कि उसने कुछ अलग शॉट खेले जैसे कि क्रॉस नेट और ड्रॉप्स। उसने कुछ ऐसे शॉट जोड़े थे जो उसके आक्रमण को बेहतर बनाएंगे। गोपी सर ने कुछ सुझाव दिए थे और जब हम हैदराबाद में थे तो हमने इस पर काम किया।’’ उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन मैच की स्थिति में इसे आजमाना कठिन है। यह अनुभव से आता है। लोग नए शॉट के लिए तैयार नहीं हैं, ये खिलाड़ी एक-दूसरे से काफी खेलते हैं इसलिए इन नए शॉट से मदद मिली।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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